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रोजगार की चाहत में हरियाणवीं छोरों पर चढ़ा विदेश जाने का जुनून, सूने हुए गांव, कमजोर हो रही 'रीड की हड्डी' - विदेश जा रहे करनाल के युवा

रोजगार की चाहत में हरियाणा के युवा बड़ी संख्या में विदेशों की तरफ रुख (Haryana youth going abroad) कर रहे हैं. जिसकी वजह से गांव तेजी से खाली हो रहे हैं. बड़ी संख्या में युवाओं का विदेश जाना भारत और हरियाणा सरकार के लिए बड़ी मुसीबत साबित हो सकता है.

Haryana youth going abroad
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Published : Feb 27, 2022, 3:51 PM IST

करनाल: किसी भी देश की तरक्की में युवाओं का महत्वपूर्ण योगदान होता है. इसलिए युवाओं के देश की रीड की हड्डी भी कहा जाता है. लेकिन भारत की अब यही रीड की हड्डी कमजोर होती जा रही है. युवाओं में विदेश जाकर पैसे कमाने का क्रेज बढ़ता जा रहा है. पहले ये क्रेज पंजाब के युवाओं में ज्यादा होता था, लेकिन अब बड़ी संख्या में हरियाणा के युवा भी विदेशों की तरफ रुख (Haryana youth going abroad) करने लगे हैं. जिसकी वजह से गांव के गांव खाली हो रहे हैं.

क्योंकि बेटे के विदेश जाने की इच्छा पूरी करने के लिए मां-बाप जमीन तक बेचने को मजबूर हैं. करनाल के कई गांव ऐसे हैं जहां आपको 20 से 30 साल की उम्र के लोग बहुत ही कम देखने को मिलेंगे. इसे हरियाणा में रोजगार (unemployment in haryana) की कमी कहें या फिर जल्दी पैसा कमाकर अमीर बनने की चाहत. जो भी हो, बड़ी संख्या में युवाओं का विदेश जाना भारत के लिए बड़ी मुसीबत साबित हो सकता है.

रोजगार की चाहत में हरियाणवीं छोरों पर चढ़ा विदेश जाने का जुनून, सूने हुए गांव

अकेले करनाल और कुरुक्षेत्र से हर महीने कम से कम 50 से 100 बच्चे विदेश जा रहे हैं. अगर ऐसा ही चलता रहा तो हरियाणा में युवाओं की कमी हो जाएगी. जो आने वाले समय में सरकार के लिए बड़ा सिरदर्द साबित हो सकता है. धर्मवीर सिंह नाम के शख्स ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि नौकरियों में आजकल उतना पैसा नहीं कि जिससे उनका खर्च पूरा हो पाए, इसलिए ज्यादातर युवा बाहर जा रहे हैं, लेकिन ये एक चिंता का विषय भी है कि जब युवा ही बाहर चले जाएंगे तो देश में युवाओं की कमी खलेगी.

धर्मवीर ने कहा कि इस पर सरकार को विचार-विमर्श करके रोजगार के अवसर पैदा करना चाहिए और पढ़ाई के अच्छे कोर्स यहां पर स्थापित करने चाहिए, ताकि छात्रों को अच्छा रोजगार मिल सके. स्थानीय निवासी अमित ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति बाहर चला जाता है तो वो कभी लौटकर वापस नहीं आना चाहता. इसकी मुख्य वजह वहां अच्छा वातावरण और ज्यादा सैलरी है. जो कि भारत में नहीं मिलता. अमित ने सरकार से ऐसा कदम उठाने की अपील की कि जिससे देश युवा देश में रहकर अच्छा पैसा कमा सके.

Haryana youth going abroad
हरियाणवीं छोरों पर चढ़ा विदेश जाने का जुनून, सूने हुए गांव

ये भी पढ़ें- हरियाणा में बेरोजगारी, महंगाई और शिक्षा की ओर सरकार का ध्यान नहीं, बजट सत्र में उठाएंगे मुद्दा- गीता भुक्कल

स्थानीय निवासी सुमित कुमार ने कहा कि हम यहां पर हर तरह का टैक्स भरते हैं, इसके बाद भी हमें सुविधा नहीं मिल पाती. विदेशों में हम हर तरीके का टैक्स भरते हैं, लेकिन वहां पर अच्छी सुविधा मिल पाती है. जिसे हर कोई वहां पर रहना चाहता है. यहां रोजगार मिलना ही बहुत बड़ी बात है. क्राइम भी दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. ऐसे में 10 लाख से 50 लाख रुपये तक खर्च कर हरियाणा के युवा विदेश जाना चाहते हैं.

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करनाल: किसी भी देश की तरक्की में युवाओं का महत्वपूर्ण योगदान होता है. इसलिए युवाओं के देश की रीड की हड्डी भी कहा जाता है. लेकिन भारत की अब यही रीड की हड्डी कमजोर होती जा रही है. युवाओं में विदेश जाकर पैसे कमाने का क्रेज बढ़ता जा रहा है. पहले ये क्रेज पंजाब के युवाओं में ज्यादा होता था, लेकिन अब बड़ी संख्या में हरियाणा के युवा भी विदेशों की तरफ रुख (Haryana youth going abroad) करने लगे हैं. जिसकी वजह से गांव के गांव खाली हो रहे हैं.

क्योंकि बेटे के विदेश जाने की इच्छा पूरी करने के लिए मां-बाप जमीन तक बेचने को मजबूर हैं. करनाल के कई गांव ऐसे हैं जहां आपको 20 से 30 साल की उम्र के लोग बहुत ही कम देखने को मिलेंगे. इसे हरियाणा में रोजगार (unemployment in haryana) की कमी कहें या फिर जल्दी पैसा कमाकर अमीर बनने की चाहत. जो भी हो, बड़ी संख्या में युवाओं का विदेश जाना भारत के लिए बड़ी मुसीबत साबित हो सकता है.

रोजगार की चाहत में हरियाणवीं छोरों पर चढ़ा विदेश जाने का जुनून, सूने हुए गांव

अकेले करनाल और कुरुक्षेत्र से हर महीने कम से कम 50 से 100 बच्चे विदेश जा रहे हैं. अगर ऐसा ही चलता रहा तो हरियाणा में युवाओं की कमी हो जाएगी. जो आने वाले समय में सरकार के लिए बड़ा सिरदर्द साबित हो सकता है. धर्मवीर सिंह नाम के शख्स ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि नौकरियों में आजकल उतना पैसा नहीं कि जिससे उनका खर्च पूरा हो पाए, इसलिए ज्यादातर युवा बाहर जा रहे हैं, लेकिन ये एक चिंता का विषय भी है कि जब युवा ही बाहर चले जाएंगे तो देश में युवाओं की कमी खलेगी.

धर्मवीर ने कहा कि इस पर सरकार को विचार-विमर्श करके रोजगार के अवसर पैदा करना चाहिए और पढ़ाई के अच्छे कोर्स यहां पर स्थापित करने चाहिए, ताकि छात्रों को अच्छा रोजगार मिल सके. स्थानीय निवासी अमित ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति बाहर चला जाता है तो वो कभी लौटकर वापस नहीं आना चाहता. इसकी मुख्य वजह वहां अच्छा वातावरण और ज्यादा सैलरी है. जो कि भारत में नहीं मिलता. अमित ने सरकार से ऐसा कदम उठाने की अपील की कि जिससे देश युवा देश में रहकर अच्छा पैसा कमा सके.

Haryana youth going abroad
हरियाणवीं छोरों पर चढ़ा विदेश जाने का जुनून, सूने हुए गांव

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स्थानीय निवासी सुमित कुमार ने कहा कि हम यहां पर हर तरह का टैक्स भरते हैं, इसके बाद भी हमें सुविधा नहीं मिल पाती. विदेशों में हम हर तरीके का टैक्स भरते हैं, लेकिन वहां पर अच्छी सुविधा मिल पाती है. जिसे हर कोई वहां पर रहना चाहता है. यहां रोजगार मिलना ही बहुत बड़ी बात है. क्राइम भी दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. ऐसे में 10 लाख से 50 लाख रुपये तक खर्च कर हरियाणा के युवा विदेश जाना चाहते हैं.

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