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करनाल: स्कूल अपग्रेड करने की मांग, छात्राओं ने नंगे पांव ही चंडीगढ़ के लिए कर दिया कूच

करनाल के टपराना स्कूल को अपग्रेड करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. रविवार को तो छात्राओं ने परिजनों के साथ मिलकर चंडीगढ़ कूच करने का फैसला कर लिया. जिसके बाद पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद परिजनों और छात्राओं को शांत किया.

छात्राओं ने किया प्रदर्शन
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Published : Sep 1, 2019, 11:04 PM IST

करनाल: टपराना स्कूल के अपग्रेड करने के मामले को लेकर स्कूल की छात्राओं और परिजनों ने कड़ा रुख अपनाते हुए रविवार को अपने प्रदर्शन को और तेज कर दिया. प्रशासन द्वारा मामले में ठोस आश्वासन या कार्रवाई ना करने के चलते छात्राओं ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिलने के लिए बिना जूते-चप्पल के पैदल ही चंडीगढ़ को कूच कर दिया.

करनाल में स्कूल के लड़ रहीं छात्राएं, देखें वीडियो

मौके पर पहुंची पुलिस
बच्चे अभी टपराना से टिकरी और फिर कैलाश गांव से आगे तक पहुंचे ही थे कि प्रशासन को सूचना मिल गई. सूचना मिलते ही मौके पर प्रशासन से पुलिस अधीक्षक, नगर निगम आयुक्त, डीएसपी पुलिस दल बल के साथ पहुंच गए.

आश्वासन के बाद हुआ मामला शांत
काफी देर तक आपसी बातचीत में सभी बच्चे और परिजन अपने फैसले पर अडिग रहे. इस बीच एक लड़की चक्कर खा कर गिर गई. जिसको एम्बुलेंस द्वारा अस्पताल पहुंचाया गया. फिर एक-दो घण्टे की बातचीत के बाद सोमवार को उपायुक्त के साथ मीटिंग का आश्वासन मिलने पर प्रदर्शन को रोक चंडीगढ़ जाने के फैसले को बदला.

क्या ऐसे पढ़ेंगी बेटियां ?
गौरतलब है कि जहां बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे को बुलंद करने में सरकार कोई भी कसर नहीं छोड़ रही. वहीं सीएम के जिले करनाल के गांव टपराना का एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां के रहने वाले बच्चों को पढ़ाई करने के लिए दूसरे गांव के स्कूल का सहारा लेना पड़ता है, क्योंकि खुद टपराना गांव में स्कूल आठवीं तक है और उसके बाद की पढ़ाई के लिए उन्हें दूसरे गांव टिकरी में पढ़ने के लिए जाना पड़ता है.

शरारती तत्व करते हैं छेड़खानी- छात्राएं
बच्चों का कहना है कि हम पढ़ना चाहते हैं, लेकिन पढ़ नहीं सकते. गांव टिकरी में जब भी पढ़ने के लिए जाते हैं तो रास्ते में स्कूल के शरारती बच्चे हमारे साथ छेड़खानी और बदतमीजी करते हैं. अगर हमारे परिजन उन्हें रोकते हैं तो उनके साथ मारपीट की जाती है.

करनाल: टपराना स्कूल के अपग्रेड करने के मामले को लेकर स्कूल की छात्राओं और परिजनों ने कड़ा रुख अपनाते हुए रविवार को अपने प्रदर्शन को और तेज कर दिया. प्रशासन द्वारा मामले में ठोस आश्वासन या कार्रवाई ना करने के चलते छात्राओं ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिलने के लिए बिना जूते-चप्पल के पैदल ही चंडीगढ़ को कूच कर दिया.

करनाल में स्कूल के लड़ रहीं छात्राएं, देखें वीडियो

मौके पर पहुंची पुलिस
बच्चे अभी टपराना से टिकरी और फिर कैलाश गांव से आगे तक पहुंचे ही थे कि प्रशासन को सूचना मिल गई. सूचना मिलते ही मौके पर प्रशासन से पुलिस अधीक्षक, नगर निगम आयुक्त, डीएसपी पुलिस दल बल के साथ पहुंच गए.

आश्वासन के बाद हुआ मामला शांत
काफी देर तक आपसी बातचीत में सभी बच्चे और परिजन अपने फैसले पर अडिग रहे. इस बीच एक लड़की चक्कर खा कर गिर गई. जिसको एम्बुलेंस द्वारा अस्पताल पहुंचाया गया. फिर एक-दो घण्टे की बातचीत के बाद सोमवार को उपायुक्त के साथ मीटिंग का आश्वासन मिलने पर प्रदर्शन को रोक चंडीगढ़ जाने के फैसले को बदला.

क्या ऐसे पढ़ेंगी बेटियां ?
गौरतलब है कि जहां बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे को बुलंद करने में सरकार कोई भी कसर नहीं छोड़ रही. वहीं सीएम के जिले करनाल के गांव टपराना का एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां के रहने वाले बच्चों को पढ़ाई करने के लिए दूसरे गांव के स्कूल का सहारा लेना पड़ता है, क्योंकि खुद टपराना गांव में स्कूल आठवीं तक है और उसके बाद की पढ़ाई के लिए उन्हें दूसरे गांव टिकरी में पढ़ने के लिए जाना पड़ता है.

शरारती तत्व करते हैं छेड़खानी- छात्राएं
बच्चों का कहना है कि हम पढ़ना चाहते हैं, लेकिन पढ़ नहीं सकते. गांव टिकरी में जब भी पढ़ने के लिए जाते हैं तो रास्ते में स्कूल के शरारती बच्चे हमारे साथ छेड़खानी और बदतमीजी करते हैं. अगर हमारे परिजन उन्हें रोकते हैं तो उनके साथ मारपीट की जाती है.

Intro:करनाल के टपराना स्कूल के अपग्रेड करने के मामले को लेकर स्कूल की छात्रओं व परिजनों ने अपने प्रदर्शन को और तेज करते हुए मुख्यमंत्री मनोहरलाल से मिलने को लेकर किया पैदल ही बिना जूती चपल के चंडीगढ़ को कूच,दूसरे गांव टिकरी में पड़ने को जाती टपराना गांव की स्कूली लड़कियों के साथ छेड़खानी और बच्चो के साथ मारपीट को लेकर बच्चो समेत अभिवावक है परेशान , प्रशासन को सूचना मिलते ही पहुँचा मोक्के पर ,डेढ /दो घण्टे की वारतलाव के बाद कल उपायुक्त के साथ मीटिंग का आश्वाशन मिलने पर प्रदर्शन को रोक चंडीगढ़ जाने के फैसले को बदला ।


Body:करनाल के टपराना स्कूल के अपग्रेड करने के मामले को लेकर स्कूल की छात्रओं व परिजनों ने कड़ा रुख अपनाते हुए आज अपने प्रदर्शन को और तेज कर दिया ।प्रशासन द्वारा मामले में ठोस आश्वाशन या कारवाही ना करने के चलते आज अभी छात्राओं ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल से मिलने के लिए बिना जूती चपल के पैदल ही चंडीगढ़ को कूच कर दिया अभी टपराना से टिकरी और फिर कैलाश गांव से आगे तक पहुँचे थे कि प्रशासन को सूचना मिलते ही मोक्के पर प्रशासन से पुलिस अधीक्षक,नगरनिगम आयुक्त,डीएसपी पुलिस दल बल के साथ पहुंच गए । काफी देर तक आपसी बातचीत में सभी बच्चे और परिजन अपने फैसले पर अडिग रहे ।इस वीच एक लड़की चक्कर खा कर गिर गई जिसको एम्बुलेंस द्वारा अस्पताल पहुंचाया गया। फिर डेढ /दो घण्टे की वारतलाव के बाद कल उपायुक्त के साथ मीटिंग का आश्वाशन मिलने पर प्रदर्शन को रोक चंडीगढ़ जाने के फैसले को बदला ।


Conclusion:गौरतलब है कि जहां बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे को बुलंद करने में सरकार कोई भी कसर नहीं छोड़ रही वही सीएम के जिले करनाल के गांव टपराना का एक ऐसा मामला सामने आया है जहां के रहने वाले बच्चों को पढ़ाई करने के लिए दूसरे गांव के स्कूल का सहारा लेना पड़ता है क्योंकि खुद टपराना गांव में स्कूल आठवीं तक है और उसके बाद की पढ़ाई के लिए उन्हें दूसरे गांव टिकरी में पढ़ने के लिए जाना पड़ता है । बच्चों का कहना है कि हम पढ़ना चाहते हैं लेकिन पढ़ नहीं सकते गांव टिकरी में जब भी पढ़ने के लिए जाते हैं तो रास्ते में स्कूल के शरारती बच्चे हमारे साथ छेड़खानी और बदतमीजी करते हैं अगर हमारे परिजन उन्हें रोकते हैं तो उनके साथ मारपीट की जाती है । टिकरी गांव के बच्चे स्कूल में भी हमारे साथ गलत व्यवहार करते हैं कभी कपड़ा से अपने मुंह को ढक कर मारते हैं तो कभी छेड़खानी करते है तो कभी लड़कियों के वॉशरूम जाने पर खिड़कियों से झांगते हैं जिसके कारण हम सभी में डर बना हुआ है ।

बाईट - बतेरी व पिंकी - छात्राएं
बाईट - पुलिस अधीक्षक - सुरेन्द्र भौरीया
वाक थ्रू
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