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पुलिस ने लाठियां भांजी, पानी की बौछार की, फिर भी किसानों ने नहीं होने दिया मुख्यमंत्री का कार्यक्रम

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर को रविवार को करनाल जिले के कैमला गांव में किसान महापंचायत रैली में आना था. किसानों के प्रदर्शन की वजह से इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया.

Manohar lal kisan mahapanchayat karnal
Manohar lal kisan mahapanchayat karnal
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Published : Jan 10, 2021, 7:40 PM IST

करनाल: घरौंडा विधानसभा क्षेत्र के कैमला गांव में रविवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल का दौरा किसानों के विरोध के चलते रद्द हो गया. कैमला गांव में बीजेपी ने किसान संवाद कार्यक्रम आयोजित किया था. यहां पर सीएम मनोहर लाल खट्टर किसानों से बातचीत करने वाले थे और उन्हें नए कृषि कानूनों का फायदा समझाने वाले थे. लेकिन तभी वहां पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे सैकड़ों किसान पहुंच गए.

किसानों पर वाटर कैनन और लाठीचार्ज

मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों और स्थानीय पुलिस ने किसानों को समझा-बुझाकर उन्हें तितर बितर करना चाहा. लेकिन किसान नहीं माने. यहां पर स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया और आंसू के गोले दागे.

वीडियो पर क्लिक कर देखें पूरे दिन का घटनाक्रम

टैंट उखाड़ा, जमकर की तोड़फोड़

खबर ये भी है कि पुलिस ने किसानों पर वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया. लेकिन सभी इंतजामों को धता बताते हुए सैकड़ों किसान खट्‌टर की रैली स्थल तक पहुंच गए. किसानों ने कार्यक्रम स्थल पर जमकर तोडफोड़ की. कुर्सियां, माइक और मंच सब तहस-नहस कर दिया.

किसानों ने कस्सी से खोदा हेलीपैड

किसान पहले ही सीएम के इस कार्यक्रम के विरोध की चेतावनी दे चुके थे. लिहाजा पुलिस ने गढ़ी सुल्तान के पास पुलिस ने नाका लगा रखा था. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम का दावा किया, लेकिन किसानों के विरोध के सामने सब नाकाफी दिखा. नाराज किसानों ने खेतों के रास्ते आगे बढ़ना शुरू कर दिया. उन्होंने हेलीपैड को कस्सियों से खोद दिया, फिर रैली स्थल पर पहुंचकर वहां मंच पर तोड़फोड़ की. नतीजा ये हुआ कि मुख्यमंत्री का दौरा रद्द करना पड़ा.

  • Karnal: Protesting farmers gather in Kaimla village where Haryana CM Manohar Lal Khattar will hold Kisan Mahapanchayat shortly.

    Police use teargas to disperse protestors. pic.twitter.com/SxV5ivKKs9

    — ANI (@ANI) January 10, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

यहां रखी गई थी प्रदर्शन की नींव

दरअसल हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर को रविवार को करनाल जिले के कैमला गांव में किसान महापंचायत रैली में आना था. इस महापंचायत को लेकर किसान नेता गुरनाम चढूनी ने 7 जनवरी को सिंघु बॉर्डर से वीडियो जारी कर किसानों से अपील की थी कि वो मुख्यमंत्री मनोहर लाल की मरोड़ निकाल दें. गुरनाम चढूनी ने कहा था कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल का महापंचायत में इतना विरोध कर दो कि ये प्रोग्राम रद्द हो जाए.

ये भी पढ़ें- करनाल में किसानों के प्रदर्शन पर बोले भूपेंद्र हुड्डा- सरकार को टकराव से बचना चाहिए

किसानों के सामने बेबस नजर आया प्रशासन

इसके बाद 8 जनवरी को किसानों ने घरौंडा टोल प्लाजा पर किसान महापंचायत के विरोध की रणनीति बनाई. इस बीच करनाल प्रशसान ने किसानों से बातचीत की और उनसे शांतिपूर्व प्रदर्शन की अपील की. लेकिन रविवार को प्रशासन किसानों के आगे बेबस नजर आया.

सैलजा ने सरकार को लिया आड़े हाथ

इस पूरे घनाक्रम पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने ट्वीट कर खट्टर सरकार को आड़े हाथों लिया है. कुमारी सैलजा ने ट्वीट कर लिखा कि 'मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी की किसान महापंचायत में किसानों को ही आने से रोका जा रहा है. मनोहर लाल खट्टर जी महापंचायत में आप किसानों को कृषि कानूनों के फायदे समझाने वाले थे, किसानों को आने से क्यों रोका जा रहा है? किसान ही महापंचायत के विरोध में तो महापंचायत में कौन लोग शामिल होंगे?'

  • आज करनाल के कैमला गांव में जो हुआ वह बेहद ही दुःखदाई और पीड़ादायक है।

    किसान केवल अपनी बात रखना चाहते हैं, लेकिन सरकार किसानों की बात नहीं सुनना चाहती।

    लोकतंत्र में लोगों को अपनी आवाज उठाने का पूरा अधिकार है। सरकार किसानों की बात सुने। pic.twitter.com/QnanVQxy1p

    — Kumari Selja (@kumari_selja) January 10, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रणदीप सुरजेवाला ट्वीट कर साधा निशाना

वहीं कांग्रेस महासचिव सुरजेवाला ने ट्वीट में लिखा कि क्या कह रहे थे, खट्टर साहेब ! 'सरकारी' महापंचायत तो होकर रहेगी? ये अन्नदाता हैं. ये किसी वाटर कैनन या आंसू गैस से नहीं डरते. इन्हें डराइए नहीं. इनकी ज़िंदगी, रोज़ी रोटी मत छीनिये. तीनों खेती बिल वापस कराइए वरना झोला उठाकर घर जाइए.

  • शर्म कीजिए खट्टर साहेब।

    जब आप किसान महापंचायत कर रहे हैं तो वहाँ आने से किसानों को ही रोकने का मतलब क्या है?

    मतलब साफ़ है-आपको किसानों से सरोकार न होकर केवल इवेंटबाजी से मतलब है।

    याद रखिए, यही हाल रहा तो बिना पुलिस के आपका घर से निकलना नामुमकिन हो जाएगा।

    काले क़ानून वापस लें। pic.twitter.com/SllwV6CjFy

    — Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 10, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

भूपेंद्र हुड्डा ने दी हरियाणा सरकार को नसीहत

नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने करनाल में किसान महापंचायत के दौरान हुए बवाल पर कहा है कि सरकार को टकराव की स्थिति से बचना चाहिए. भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि किसान की लागत बढ़ रही है और आमदनी घट रही है. जिससे स्थिति बहुत गंभीर बनी है. उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ वार्ताओं का दौर चल रहा है. 15 जनवरी को फिर से बैठक होनी है. ऐसे में सरकार को टकराव से बचना चाहिए.

क्या बोले मुख्यमंत्री मनोहर लाल?

करनाल में किसानों के प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. सीएम ने कहा कि प्रशासन की किसानों से कार्यक्रम से पहले की बैठक हो गई थी. जिसमें किसानों ने आश्वासन दिया था कि वो शांतिपूर्वक प्रदर्शन करेंगे. लेकिन इस वादे को किसानों ने नहीं निभाया. सीएम ने कहा कि हमारे देश का मजबूत लोकतंत्र है. अपनी बात रखने का सभी को अधिकार है. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि प्रदेश की जनता इसे बर्दाश्त करेगी.

  • If I have to hold someone responsible for this, then a video of Gurnam Singh Chaduni (Bharatiya Kisan Union chief) has been circulating since day before yesterday wherein he had tried to instigate people: Haryana CM Manohar Lal Khattar https://t.co/BqHnnXpvGc

    — ANI (@ANI) January 10, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गुरनाम चढूनी ने किसनों को भड़काने का काम किया. चढूनी ने अपने साथ काम कर रहे लोगों और नौजवानों को कहा कि मरोड़ निकाल देंगे. सीएम ने कहा कि मुझे जनता ने चुना है. इस प्रोटेस्ट के पीछे कांग्रेस और कम्यूनिस्ट विचारधारा के लोगों का हाथ है.

करनाल: घरौंडा विधानसभा क्षेत्र के कैमला गांव में रविवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल का दौरा किसानों के विरोध के चलते रद्द हो गया. कैमला गांव में बीजेपी ने किसान संवाद कार्यक्रम आयोजित किया था. यहां पर सीएम मनोहर लाल खट्टर किसानों से बातचीत करने वाले थे और उन्हें नए कृषि कानूनों का फायदा समझाने वाले थे. लेकिन तभी वहां पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे सैकड़ों किसान पहुंच गए.

किसानों पर वाटर कैनन और लाठीचार्ज

मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों और स्थानीय पुलिस ने किसानों को समझा-बुझाकर उन्हें तितर बितर करना चाहा. लेकिन किसान नहीं माने. यहां पर स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया और आंसू के गोले दागे.

वीडियो पर क्लिक कर देखें पूरे दिन का घटनाक्रम

टैंट उखाड़ा, जमकर की तोड़फोड़

खबर ये भी है कि पुलिस ने किसानों पर वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया. लेकिन सभी इंतजामों को धता बताते हुए सैकड़ों किसान खट्‌टर की रैली स्थल तक पहुंच गए. किसानों ने कार्यक्रम स्थल पर जमकर तोडफोड़ की. कुर्सियां, माइक और मंच सब तहस-नहस कर दिया.

किसानों ने कस्सी से खोदा हेलीपैड

किसान पहले ही सीएम के इस कार्यक्रम के विरोध की चेतावनी दे चुके थे. लिहाजा पुलिस ने गढ़ी सुल्तान के पास पुलिस ने नाका लगा रखा था. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम का दावा किया, लेकिन किसानों के विरोध के सामने सब नाकाफी दिखा. नाराज किसानों ने खेतों के रास्ते आगे बढ़ना शुरू कर दिया. उन्होंने हेलीपैड को कस्सियों से खोद दिया, फिर रैली स्थल पर पहुंचकर वहां मंच पर तोड़फोड़ की. नतीजा ये हुआ कि मुख्यमंत्री का दौरा रद्द करना पड़ा.

  • Karnal: Protesting farmers gather in Kaimla village where Haryana CM Manohar Lal Khattar will hold Kisan Mahapanchayat shortly.

    Police use teargas to disperse protestors. pic.twitter.com/SxV5ivKKs9

    — ANI (@ANI) January 10, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

यहां रखी गई थी प्रदर्शन की नींव

दरअसल हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर को रविवार को करनाल जिले के कैमला गांव में किसान महापंचायत रैली में आना था. इस महापंचायत को लेकर किसान नेता गुरनाम चढूनी ने 7 जनवरी को सिंघु बॉर्डर से वीडियो जारी कर किसानों से अपील की थी कि वो मुख्यमंत्री मनोहर लाल की मरोड़ निकाल दें. गुरनाम चढूनी ने कहा था कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल का महापंचायत में इतना विरोध कर दो कि ये प्रोग्राम रद्द हो जाए.

ये भी पढ़ें- करनाल में किसानों के प्रदर्शन पर बोले भूपेंद्र हुड्डा- सरकार को टकराव से बचना चाहिए

किसानों के सामने बेबस नजर आया प्रशासन

इसके बाद 8 जनवरी को किसानों ने घरौंडा टोल प्लाजा पर किसान महापंचायत के विरोध की रणनीति बनाई. इस बीच करनाल प्रशसान ने किसानों से बातचीत की और उनसे शांतिपूर्व प्रदर्शन की अपील की. लेकिन रविवार को प्रशासन किसानों के आगे बेबस नजर आया.

सैलजा ने सरकार को लिया आड़े हाथ

इस पूरे घनाक्रम पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने ट्वीट कर खट्टर सरकार को आड़े हाथों लिया है. कुमारी सैलजा ने ट्वीट कर लिखा कि 'मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी की किसान महापंचायत में किसानों को ही आने से रोका जा रहा है. मनोहर लाल खट्टर जी महापंचायत में आप किसानों को कृषि कानूनों के फायदे समझाने वाले थे, किसानों को आने से क्यों रोका जा रहा है? किसान ही महापंचायत के विरोध में तो महापंचायत में कौन लोग शामिल होंगे?'

  • आज करनाल के कैमला गांव में जो हुआ वह बेहद ही दुःखदाई और पीड़ादायक है।

    किसान केवल अपनी बात रखना चाहते हैं, लेकिन सरकार किसानों की बात नहीं सुनना चाहती।

    लोकतंत्र में लोगों को अपनी आवाज उठाने का पूरा अधिकार है। सरकार किसानों की बात सुने। pic.twitter.com/QnanVQxy1p

    — Kumari Selja (@kumari_selja) January 10, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रणदीप सुरजेवाला ट्वीट कर साधा निशाना

वहीं कांग्रेस महासचिव सुरजेवाला ने ट्वीट में लिखा कि क्या कह रहे थे, खट्टर साहेब ! 'सरकारी' महापंचायत तो होकर रहेगी? ये अन्नदाता हैं. ये किसी वाटर कैनन या आंसू गैस से नहीं डरते. इन्हें डराइए नहीं. इनकी ज़िंदगी, रोज़ी रोटी मत छीनिये. तीनों खेती बिल वापस कराइए वरना झोला उठाकर घर जाइए.

  • शर्म कीजिए खट्टर साहेब।

    जब आप किसान महापंचायत कर रहे हैं तो वहाँ आने से किसानों को ही रोकने का मतलब क्या है?

    मतलब साफ़ है-आपको किसानों से सरोकार न होकर केवल इवेंटबाजी से मतलब है।

    याद रखिए, यही हाल रहा तो बिना पुलिस के आपका घर से निकलना नामुमकिन हो जाएगा।

    काले क़ानून वापस लें। pic.twitter.com/SllwV6CjFy

    — Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 10, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

भूपेंद्र हुड्डा ने दी हरियाणा सरकार को नसीहत

नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने करनाल में किसान महापंचायत के दौरान हुए बवाल पर कहा है कि सरकार को टकराव की स्थिति से बचना चाहिए. भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि किसान की लागत बढ़ रही है और आमदनी घट रही है. जिससे स्थिति बहुत गंभीर बनी है. उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ वार्ताओं का दौर चल रहा है. 15 जनवरी को फिर से बैठक होनी है. ऐसे में सरकार को टकराव से बचना चाहिए.

क्या बोले मुख्यमंत्री मनोहर लाल?

करनाल में किसानों के प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. सीएम ने कहा कि प्रशासन की किसानों से कार्यक्रम से पहले की बैठक हो गई थी. जिसमें किसानों ने आश्वासन दिया था कि वो शांतिपूर्वक प्रदर्शन करेंगे. लेकिन इस वादे को किसानों ने नहीं निभाया. सीएम ने कहा कि हमारे देश का मजबूत लोकतंत्र है. अपनी बात रखने का सभी को अधिकार है. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि प्रदेश की जनता इसे बर्दाश्त करेगी.

  • If I have to hold someone responsible for this, then a video of Gurnam Singh Chaduni (Bharatiya Kisan Union chief) has been circulating since day before yesterday wherein he had tried to instigate people: Haryana CM Manohar Lal Khattar https://t.co/BqHnnXpvGc

    — ANI (@ANI) January 10, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गुरनाम चढूनी ने किसनों को भड़काने का काम किया. चढूनी ने अपने साथ काम कर रहे लोगों और नौजवानों को कहा कि मरोड़ निकाल देंगे. सीएम ने कहा कि मुझे जनता ने चुना है. इस प्रोटेस्ट के पीछे कांग्रेस और कम्यूनिस्ट विचारधारा के लोगों का हाथ है.

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