करनाल: बरसात के कारण हरियाणा के 12 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. जिनमें भारी नुकसान हुआ है. लेकिन अब बाढ़ का पानी खत्म होने के बाद कई बीमारियों का प्रकोप छाया हुआ है. जिससे हर कोई परेशान है और डरा हुआ है. करनाल जिले में हर रोज आई फ्लू के ₹300 में से करीब 200 मामले सामने आ रहे हैं. वहीं, स्किन प्रॉब्लम के मरीज 300 और 150 फंगल स्किन संक्रमण के मरीज रोजाना सामने आ रहे हैं. ये सभी तरह के संक्रमण बरसात के पानी की वजह से होते हैं.
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ईटीवी भारत ने करनाल के नागरिक अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञ नीतिका भटनागर से बात की. उन्होंने कहा कि करनाल में इस बार बरसात के मौसम में आई फ्लू के मामले काफी बढ़ते जा रहे हैं. पिछले तीन-चार दिनों से आई फ्लू के मामले ज्यादा बढ़ गए हैं. जिसके चलते रोजाना करनाल के नागरिक हॉस्पिटल में नेत्र रोगियों की करीब 300 ओपीडी होती है. जिनमें से 200 ओपीडी आई फ्लू के मरीजों की आ रही है. यह करीब 8 साल बाद आई फ्लू लौटकर आया है. पिछले कुछ सालों से आई फ्लू के मामले नाममात्र ही थे. लेकिन इस बार बरसात और बाढ़ के चलते ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं.
करनाल के नागरिक हॉस्पिटल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष मित्तल ने बताया कि इस बार आई फ्लू के मामले ज्यादा बढ़ गए हैं. हालांकि यह एक साधारण संक्रमण है. लेकिन यह एक इंसान से दूसरे इंसान में तेजी से फैलता है. इसलिए इसकी रोकथाम के लिए उपचार जरूरी है. अगर समय रहते इसका उपचार न किया जाए तो यह संक्रमण आंख की काली पुतली तक फैल जाता है. जिसे आंख की रोशनी प्रभावित हो सकती है. जिसके चलते हम सभी मरीजों से अपील करते हैं कि जिन को भी यह समस्या है. वह समय रहते एक अच्छे डॉक्टर की सलाह करके अपना इलाज कराएं.
इसके अलावा नेत्र रोग विशेषज्ञ ने बताया कि आई फ्लू के मरीज की आंख मे खारिश होती है. उसकी आंख का रंग लाल हो जाता है. जिसके चलते आंखों पर सूजन आ जाती है. साथ ही आंख से पानी बहना शुरू हो जाता है. नेत्र रोग विशेषज्ञ ने कहा कि जिस इंसान को यह समस्या है. तो वह डॉक्टर को जरूर दिखाएं. उन्होंने कहा कि इसका सबसे बड़ा बचाव यही है कि किसी दूसरे इंसान के संपर्क में आने से बचें. जिस रोगी को आई फ्लू की बीमारी है. वह किसी अकेले स्थान पर रहे. या किसी के संपर्क में ना आए. थोड़ी थोड़ी देर बाद अपनी आंखों को ठंडे पानी के साथ धोते रहना चाहिए. अगर किसी इंसान को आई फ्लू हो जाता है, तो उसको किसी की तरफ नहीं देखना चाहिए. इसके लिए संक्रमित व्यक्ति काले चश्मा भी पहन सकते हैं.
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फंगल इंफेक्शन से सावधान: करनाल के नागरिक हॉस्पिटल में चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. मोनिका ने जानकारी देते हुए बताया कि बरसात के दिनों में और बाढ़ के बाद करनाल में फंगल स्किन संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं. पिछले तीन-चार दिनों में ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. हर दिन डॉक्टरों के पास चर्म रोग से संबंधित 300 मरीज ओपीडी में आते हैं. जिनमें से करीब 150 मरीज फंगल स्किन संक्रमण के होते हैं. वैसे तो फंगल स्किन संक्रमण शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है. लेकिन सबसे ज्यादा जो मामले सामने आ रहे हैं, वह मरीज के पैरों में फंगल (स्किन संक्रमण) के हैं. क्योंकि बरसात और बाढ़ के पानी में इंसान के पैर ज्यादा भीगते हैं. जिसके चलते ये संक्रमण फैल जाते हैं.
फंगल इंफेक्शन के लक्षण व बचाव: डॉ. मोनिका ने बताया कि फंगल स्किन संक्रमण में इंसान के शरीर पर सबसे पहले खारिश होना शुरू हो जाती है. उसके बाद फिर शरीर पर लाल रंग के दाग़ बन जाते हैं. दाग इतने खतरनाक हो जाते हैं कि उनमें रेसा तक हो जाता है. यह एक संक्रमण की बीमारी है, जो एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलती है. इसके बचाव के लिए अगर किसी को यह बीमारी हो जाती है, तो वह किसी दूसरे के संपर्क में आने से बचना चाहिए. जिसको यह बीमारी हो जाती है, वह अपने आप को सूखा रखें. हल्के खुले और सूती कपड़े पहने.
मलेरिया व डेंगू भी खतरनाक: करनाल उप सिविल सर्जन डॉ. अनु शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया बरसात के दिनों में कई जिलों में डेंगू के मामले काफी बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं. लेकिन करनाल में पुख्ता प्रबंधों के चलते पिछले महीने ही सिर्फ एक डेंगू का मामला सामने आया है. जबकि मलेरिया का कोई भी मामला सामने नहीं आया. जिले में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा गांव गांव शहर शहर जाकर लोगों की स्वास्थ्य की जांच की जा रही है और साथ ही जहां पर पानी खड़ा हुआ है वहां पर डेंगू व मलेरिया के मच्छरों को मारने के लिए विभाग द्वारा दवाई का छिड़काव भी किया जा रहा है.
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फिलहाल जिले में डेंगू व मलेरिया पर स्वास्थ्य विभाग ने नियंत्रण पाया हुआ है. वहीं, लोगों से अपील भी की जा रही है कि अगर आपके आसपास कहीं पानी खड़ा है तो उसको साफ कर दें. अपने कूलर इत्यादि को भी साफ रखें. तभी हम डेंगू व मलेरिया को हरा सकते हैं. शुरुआती लक्षण में मरीज को बुखार आता है, दस्त उल्टी और चक्कर भी आते हैं. किसी को ऐसी समस्या है तो वह तुरंत डॉक्टर से अपना चेकअप कराएं.