करनाल: हरियाणा में किसानों को बड़े स्तर पर कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जाता है, ताकि किसान इसका फायदा उठाकर कृषि में नए आयाम स्थापित कर सके. इस योजना के तहत कृषि विभाग का ये भी प्रयास रहता है कि किसान ज्यादा से ज्यादा संख्या में अनुदान पर कृषि यंत्र लेकर फसल अवशेष प्रबंधन में अपनी भूमिका निभाए और प्रदूषण से हरियाणा को बचाएं. जिसके चलते अब कृषि विभाग की तरफ से कृषि यंत्रों पर मिलने वाले अनुदान के लिए दस्तावेज जमा करने की तिथि को बढ़ाया गया है.अब किसान 30 नवंबर तक अपने दस्तावेज जमा कर सकते हैं.
दस्तावेज जमा करने की अंतिम तारीख: करनाल कृषि उपनिदेशक डॉक्टर वजीर सिंह ने बताया कि साल 2023-24 के लिए फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत अनुदान पर मिलने वाले कृषि यंत्रों के लिए दस्तावेज जमा करने की तिथि 22 अगस्त 2023 निर्धारित की गई थी, लेकिन उस दौरान बहुत किसान अपने दस्तावेज जमा नहीं करवा पाए. इसलिए इसकी तिथि बढ़ा दी गई है. अब किसान 30 नवंबर तक अपने दस्तावेज जमा कर सकते हैं.
कहां जमा करवाने हैं दस्तावेज? कृषि अधिकारी ने बताया कि किसानों के लिए फसल अवशेष प्रबंधन करने के लिए अनुदान पर कृषि यंत्र दिए जाते हैं. जो कृषि विभाग में दस्तावेज जमा करवाने के बाद ही मिलते हैं, लेकिन बहुत से किसानों को ये नहीं पता कि करनाल में ये दस्तावेज कहां जमा कराए जाते हैं ? दरअसल किसान भाई अपने कृषि यंत्रों के दस्तावेज कृषि निदेशक कार्यालय या सहायक कृषि अभियंता करनाल के कार्यालय में जमा करवा सकते हैं.
कौन-कौन से दस्तावेज हैं जरूरी? कृषि अधिकारी ने बताया कि फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत किसानों को जो कृषि यंत्र दिए जाते हैं. किसान उनको पहले ही खरीद लेते हैं. उसके लिए बाद में कृषि यंत्र की रसीद, स्वयं घोषणा पत्र, पैन कार्ड, आधार कार्ड, ट्रैक्टर की आरसी, मेरी फसल मेरा ब्योरा पर पंजीकरण करने की कॉपी, जमीन की पटवारी की रिपोर्ट, अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी (केवल अनुसूचित जाति के किसानों के लिए). ये सभी दस्तावेज इस योजना का लाभ लेने के लिए जमा करवा सकते हैं.
दस्तावेज गलत होने पर नहीं मिलेगा लाभ: कृषि अधिकारी ने बताया कि जो भी किसान इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं. वे सभी दस्तावेजों को तैयार कर लें और कृषि विभाग में जमा कराए. निर्धारित तिथि के बाद अगर कोई किसान आता है, तो उसका आवेदन नहीं लिया जाएगा. अगर किसी किसान के दस्तावेज में कोई खामी पाई जाती है, तो उसको भी इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा.
ये भी पढ़ें- पराली की समस्या से निजात दिला सकते हैं ये कृषि यंत्र, सरकार दे रही 80 प्रतिशत सब्सिडी