करनालः कहावत है कि अगर किसी घर की समृद्धि और सुरुचि का अनुमान लगाना हो तो उस घर के प्रवेश द्वार को देख लेना चाहिए. बात की जाए राजा कर्ण के वैभव को समेटे इतिहासिक कर्ण नगरी करनाल की तो इस नगर का वैभवशाली अतीत भी चारों द्वारों की गाथा में सिमटा हुआ है. इसी गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाते हुए हरियाणा सरकार करनाल के प्रवेश द्वार पर भव्य द्वारों का निर्माण करवा रही है.
द्वारों के निर्माण की लागत
देवी लाल चौक पर 75 लाख रूपये की लागत से देवी लाल उपाध्याय द्वार का निर्माण किया जा रहा है. इसके एक दो महीने में पूरा होने की उम्मीद है. वहीं दीनबंधु छोटू राम चौक पर राजा कर्ण को समर्पित एक स्वागत द्वार का निर्माण 75 लाख रुपए की लागत से किया जा रहा है. अधिकारियों का दावा है कि ये 2 महीने में पूरा हो जाएगा. वहीं बात करें तीसरे द्वार की तो ये0 करनाल इंद्री मार्ग पर बनाया जा रहा है और ये आतम मनोहर जैन मुनि को समर्पित होगा. इसके ऊपर लगभग 70 हजार रुपये खर्च होंगे. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पिछले महीने इस गेट का शिलान्यास किया था. इसके 6 महीने में पूरा होने की उम्मीद है.
भगवत गीता द्वार
बात करें चौथे द्वार की तो उसका काम भी अभी चल रहा है. 90 लाख रुपए की लागत से बलडी बाईपास पर श्रीमद् भागवत गीता द्वार बनाया जा रहा है. बलडी बाईपास स्थित भगवत गीता द्वार पर जहां युद्ध भूमि में अर्जुन के मुंह को दूर करने के लिए अपना विराट रूप प्रदर्शित करते हुए युगपुरुष श्री कृष्ण की विराट प्रतिमा का निर्माण किया गया है. जिसकी भव्यता दिल्ली से चंडीगढ़ और चंडीगढ़ से दिल्ली जाने वाले यात्रियों को रोमांचित करती है. वहीं शहर के प्रवेश करने वाले यात्रियों को भी गर्व की अनुभूति भी कराता है. ये द्वार लगभग पूरा होने वाला है. द्वार का उद्घाटन नवंबर के पहले हफ्ते में किया जाएगा.
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निगम अधिकारियों का दावा
निगम अधिकारियों का दावा है कि भगवत गीता द्वार 2 महीने में पूरा हो जाएगा. अधिकारियों का मानना है कि ये द्वार करनाल शहर को एक अलग पहचान दिलाएंगे. उप नगरनिगम कमिश्नर धीरज कुमार ने बताया कि किसी भी शहर का प्रवेश द्वार उसके विकास का आभास देता है. कर्ण की नगरी करनाल में प्रवेश करने के पहले ही चारों ओर से भव्य द्वार लोगों का स्वागत करेंगे.