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नियमों को ताक पर रख कर ठेकेदार कर रहा है फोरलेन निर्माण! कभी भी हो सकता है बड़ा सड़क हादसा - undefined

पेड़ कटाई का काम पूरा होने के बाद ही सड़क निर्माण का कार्य शुरू होगा, लेकिन प्रशासन द्वारा इस काम के लिए लगाए गए ठेकेदार रोड सेफ्टी के नियमों को ताक पर रखकर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं.

नियमों को ताक पर रख कर ठेकेदार कर रहा है फोरलेन निर्माण!
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Published : Feb 6, 2019, 11:25 AM IST

Updated : Feb 6, 2019, 1:08 PM IST

करनाल: गांव चिड़ाव मोड़ से लेकर कैथल तक करीब 60 किलोमीटर के टुकड़े को फोरलेन करने के लिए पहले सड़क के दोनों ओर से पेड़ों की कटाई का काम शुरू हो गया है. पीडब्ल्यूडी के मुताबिक करनाल कैथल रोड को फोरलेन करने के लिए 163 करोड़ की धनराशि खर्च होगी.

ठेकेदारों की तरफ पेड़ों की कटाई के चलते रिफ्लेक्टर टैपिंग का प्रयोग नहीं किया जा रहा है. सड़क के दोनों ओर जगह-जगह पर मोटी बड़ी-बड़ी लकड़ियां और मूल पड़े हैं और पेड़ों के मूल निकलने के बाद सड़क के दोनों ओर बड़े-बड़े खड्डे हो चुके हैं जो के वाहन चालकों के लिए आजकल ठंड के मौसम में बहुत ज्यादा भयंकर साबित हो सकते हैं जिसका कि प्रशासन अभी अंदाजा नहीं लगा रहा है. शायद प्रशासन किसी बड़े हादसे की इंतजार में है.

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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री द्वारा 2016 में करनाल से कैथल तक सड़क को फोरलेन करने की घोषणा की गई थी. लगभग 2 साल करीब बीत जाने के बाद इस प्रोजेक्ट की सुध ली गई है. सड़क बनाने के लिए वन विभाग की तरफ से 12 हजार से अधिक पेड़ काटने हैं इसके बाद ही सड़क के निर्माण का कार्य शुरू होगा. जिससे लोगों को जाम से मुक्ति मिलेगी और हादसे भी कम होंगे.

रोड सेफ्टी के नोडल अधिकारी और करनाल अतिरिक्त उपायुक्त निशांत यादव ने बताया कि हमने हर एक ठेकेदार को निर्देश दे रखे हैं कि रोड सेफ्टी के नियमों को ध्यान में रखते हुए ही सड़क निर्माण का कार्य करें. उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. टीम की तरफ से वीडियोग्राफी कर इस कार्य को देखा जाएगा जो भी नियमों का उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी.

करनाल: गांव चिड़ाव मोड़ से लेकर कैथल तक करीब 60 किलोमीटर के टुकड़े को फोरलेन करने के लिए पहले सड़क के दोनों ओर से पेड़ों की कटाई का काम शुरू हो गया है. पीडब्ल्यूडी के मुताबिक करनाल कैथल रोड को फोरलेन करने के लिए 163 करोड़ की धनराशि खर्च होगी.

ठेकेदारों की तरफ पेड़ों की कटाई के चलते रिफ्लेक्टर टैपिंग का प्रयोग नहीं किया जा रहा है. सड़क के दोनों ओर जगह-जगह पर मोटी बड़ी-बड़ी लकड़ियां और मूल पड़े हैं और पेड़ों के मूल निकलने के बाद सड़क के दोनों ओर बड़े-बड़े खड्डे हो चुके हैं जो के वाहन चालकों के लिए आजकल ठंड के मौसम में बहुत ज्यादा भयंकर साबित हो सकते हैं जिसका कि प्रशासन अभी अंदाजा नहीं लगा रहा है. शायद प्रशासन किसी बड़े हादसे की इंतजार में है.

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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री द्वारा 2016 में करनाल से कैथल तक सड़क को फोरलेन करने की घोषणा की गई थी. लगभग 2 साल करीब बीत जाने के बाद इस प्रोजेक्ट की सुध ली गई है. सड़क बनाने के लिए वन विभाग की तरफ से 12 हजार से अधिक पेड़ काटने हैं इसके बाद ही सड़क के निर्माण का कार्य शुरू होगा. जिससे लोगों को जाम से मुक्ति मिलेगी और हादसे भी कम होंगे.

रोड सेफ्टी के नोडल अधिकारी और करनाल अतिरिक्त उपायुक्त निशांत यादव ने बताया कि हमने हर एक ठेकेदार को निर्देश दे रखे हैं कि रोड सेफ्टी के नियमों को ध्यान में रखते हुए ही सड़क निर्माण का कार्य करें. उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. टीम की तरफ से वीडियोग्राफी कर इस कार्य को देखा जाएगा जो भी नियमों का उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी.

Intro:करनाल कैथल रोड का विस्तारीकरण के चलते सड़क को फोरलेन करने का काम हुआ शुरू, पर ठेकेदारों द्वारा नियमों को ताक पर रखकर किया जा रहा है अवैध तरीके से काम जोकि कभी भी किसी बड़े हादसे को है न्योता, ठंड के मौसम में घने कोहरे के कारण नहीं दिखाई देती ठीक प्रकार से सड़कें ,सड़क के दोनों तरफ पेड़ों की कटाई के चलते हुए बड़े-बड़े खड्डे जो वाहन चालकों के लिए आजकल धुंध के मौसम में हो सकते हैं ज्यादा खतरनाक , ठेकेदारों द्वारा बरती जा रही लापरवाही , काम के चलते नहीं कर रहे हैं रिफ्लेक्टर टेपिंग का प्रयोग , सड़क के दोनों और जगह जगह पर पड़ी हुई है मोटी बड़ी-बड़ी लकड़िया और उनके मूल हो सकती है किसी के लिए भी घातक ।


Body:करनाल के गांव चिड़ाव मोड़ से लेकर कैथल तक करीब 60 किलोमीटर के टुकड़े को फोरलेन करने के लिए पहले सड़क के दोनों ओर से पेड़ों की कटाई का काम शुरू हो गया है ।पीडब्ल्यूडी के मुताबिक करनाल कैथल रोड को फोरलेन करने के लिए 163 करोड़ की धनराशि खर्च होगी । पेड़ कटाई का काम पूरा होने के बाद ही सड़क निर्माण का कार्य शुरू होगा लेकिन प्रशासन द्वारा इस काम के लिए लगाए गए ठेकेदार रोड सेफ्टी के नियमों को ताक पर रखकर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं । पेड़ों की कटाई के साथ-साथ लोगों को काफी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है । ठेकेदारों द्वारा पेड़ों की कटाई के चलते रिफ्लेक्टर टैपिंग का प्रयोग नहीं किया जा रहा है । सड़क के दोनों ओर जगह-जगह पर मोटी बड़ी-बड़ी लकड़ियां और मूल पड़े हैं और पेड़ों के मूल निकलने के बाद सड़क के दोनों ओर बड़े-बड़े खड्डे हो चुके हैं जो के वाहन चालकों के लिए आजकल ठंड के मौसम में बहुत ज्यादा भयंकर साबित हो सकते हैं जिसका कि प्रशासन अभी अंदाजा नहीं लगा रहा है ,शायद प्रशासन किसी बड़े हादसे की इंतजार में है । आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि अवैध तरीके से ठेकेदारों द्वारा काम करने से यहां नित्य प्रतिदिन दुर्घटनाएं होती रहती है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री द्वारा 2016 में करनाल से कैथल तक सड़क को फोरलेन करने की घोषणा की गई थी । लगभग 2 साल करीब बीत जाने के बाद इस प्रोजेक्ट की सुध ली गई है । सड़क बनाने के लिए वन विभाग द्वारा 12 हजार से अधिक पेड़ काटने हैं इसके बाद ही सड़क के निर्माण का कार्य शुरू होगा । जिससे लोगों को जाम से मुक्ति मिलेगी और हादसे भी कम होंगे।


Conclusion:रोड सेफ्टी के नोडल अधिकारी व करनाल अतिरिक्त उपायुक्त निशांत यादव ने बताया कि हमने हर एक ठेकेदार को निर्देश दे रखे हैं कि रोड सेफ्टी के नियमों को ध्यान में रखते हुए ही सड़क निर्माण का कार्य करें उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी । टीम द्वारा वीडियोग्राफी कर इस कार्य को देखा जाएगा जो भी नियमों का उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ कार्यवाही होगी ।

बाईट- अतिरिक्त उपायुक्त करनाल निशांत यादव
बाईट - सतीश कुमार - ग्रामीण,
Last Updated : Feb 6, 2019, 1:08 PM IST

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