करनाल: पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के छोटे भाई धर्मेंद्र हुड्डा का गुरुवार रात पीजीआईएमएस आईसीयू में ईलाज के दौरान निधन हो गया था. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिह हुड्डा के छोटे भाई के निधन की वजह से कांग्रेस के प्रस्तावित धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में परिवर्तन हुआ है.
धरना प्रदर्शन मौन होगा
प्रस्तावित कार्यक्रमों के तहत आज करनाल, सिरसा और महेंद्रगढ़ में कांग्रेस को प्रदर्शन करना था, लेकिन अब ये प्रदर्शन मौन होगा. इसमें किसी तरह की कोई बयानबाजी और नारेबाजी नहीं होगी. कांग्रेस कार्यकर्ता धरना स्थल पर शोक व्यक्त करने के लिए उपायुक्त को ज्ञापन देने मिनी सचिवालय जाएंगे. इस दौरान ना तो कोई जुलूस निकलेगा और ना ही धरना स्थल पर कोई भाषण होगा. केवल मौन रहकर प्रदर्शन किया जाएगा.
कुमारी सैलजा का धरने में आना रद्द
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिह हुड्डा के छोटे भाई के अचानक हुए निधन के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं में शोक पसरा हुआ है. इसी वजह से सिरसा के लघु सचिवालय में कांग्रेस के प्रस्तावित धरना प्रदर्शन में प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा का आना रद्द हो गया है. आज कोंग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा के नेतृत्व में सिरसा के लघु सचिवालय में केंद्र और हरियाणा सरकार की नीतियों के खिलाफ धरना प्रदर्शन होना था. कांग्रेस का आज करनाल सिरसा और महेंद्रगढ़ में विरोध प्रदर्शन होना था. अब ये प्रदर्शन मौन होकर होगा.
ये है आगे की रणनीति
- 9 नवंबर को रेवाड़ी और हिसार में प्रदर्शन
- 10 नवंबर को गुरुग्राम, कैथल और पंचकूला में प्रदर्शन
- 11 नवंबर को अंबाला, जींद और फरीदाबाद में प्रदर्शन
- 12 नवंबर को सोनीपत और झज्जर में प्रदर्शन
- 13 नवंबर को भिवानी, यमुनानगर और कुरुक्षेत्र में प्रदर्शन
- 14 नवंबर को चरखी दादरी, पलवल और रोहतक में प्रदर्शन
हर जिले में हर धरना प्रदर्शन
आपको बता दें कि कांग्रेस 1 नवंबर से 8 नवंबर के बीच देश भर में 35 प्रेस कॉन्फ्रेंस करने करेगी. इसके अलावा 5 से 15 नवंबर के बीच देश के आर्थिक हालात को लेकर प्रदर्शन भी करेगी. इसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेंगे. इसमें दूसरी विपक्षी पार्टियों के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने 23 अक्टूबर को दिए एक बयान में कहा था कि कांग्रेस जिला मुख्यालय और राज्यों की राजधानी में प्रदर्शन करेगी और सभी निर्णय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई बैठक लिए गए हैं.
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बीजेपी की नाकामी को उजागर करने का उद्देश्य
इससे पहले यह विरोध प्रदर्शन 15 से 25 अक्टूबर तक होना था कि विधानसभा चुनाव की वजह से योजना बदलनी पड़ी. आपको बता दें कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर हरियाणा प्रदेश कांग्रेस ने केंद्र सरकार की नाकामियों को उजागर करने के लिए फैसला किया है. बेरोजगारी, आर्थिक मंदी, कमजोर अर्थव्यवस्था, महंगाई, अपराध और किसानों से जुड़ी समस्याओं को लेकर प्रदेश में हर जिला मुख्यालय पर कांग्रेस 7 से 14 नवंबर तक रोष प्रदर्शन करेगी.