करनाल: आत्मनिर्भर बनने की चाह लिए विभिन्न राज्यों से युवा प्रशिक्षण लेने के लिए करनाल पहुंचे थे. सेक्टर 12 स्थित जाट भवन के सभागार में एग्री क्लीनिक एवं एग्री बिजनेस सेंटर योजना के अंतर्गत आधुनिक डेयरी प्रबंधन विषय पर आयोजित प्रशिक्षण के समापन समारोह आयोजित किया गया. युवाओं ने कार्यक्रम के आयोजक डॉ हैरी डेयरी एंड एलाइड कंसलटेंसी सर्विसेज के डीएवी कॉलेज रोड करनाल स्थित कार्यालय एवं प्रशिक्षण केंद्र पर अनुभव साझा किए.
जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक एसके हिंदुजा ने कहा कि प्राचीन काल से ही पशुपालन व्यवसाय मानव सभ्यता का अभिन्न अंग रहा है. आधुनिकता के साथ यह व्यवसाय भी आधुनिक रूप ले चुका है. केंद्र सरकार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत है. उन्हें व्यवसाय के लिए बैंकों से मदद दी जाती है. मुख्य अतिथि एलडीएम एसके हिंदुजा ने अलग-अलग राज्यों से आए प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवाओं को इस प्रमाण पत्र से बैंकों में ऋण प्राप्त करने में आसानी होगी. इसलिए यह प्रमाण पत्र युवाओं के लिए काफी अहम है.
मधुमक्खी पालक का कहना है कि इस ट्रेनिंग से उन्हें काफी मदद मिली है. उन्होंने व्यवसाय के लिए बैंक से लोन भी लिया है. जिसकी जानकारी उन्हें प्रशिक्षण के माध्यम से ही मिली थी. उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण के पहले में 30 फीसदी व्यवसाय कर रहा था प्रशिक्षण के बाद 70 फीसदी तक काम को बढ़ाया है. आज जो प्रशिक्षण में बताया गया है उसके आधार पर 100 फीसदी काम करने की तैयारी है.
ये युवा प्रतिभागी राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में पहुंचे और कैटल यार्ड तथा दूध प्रसंस्करण इकाई का भ्रमण किया. अमूल धारूहेड़ा इकाई के पूर्व महाप्रबंधक अशोक राव ने कहा कि भविष्य में बड़ी डेयरियां ऑनलाइन आपसे जुड़ेंगी और फैट बेस की बजाय गुणवत्ता आधार पर दूध की पेमेंट करेगी. विशिष्ट अतिथि महेश माने व विशिष्ट अतिथि जय बजरंग प्रतिष्ठान उत्तर प्रदेश के नोडल अधिकारी डॉ. जयकुमार श्योराण ने भी विचार रखे. एनडीआरआई के पूर्व सीटीओ डॉ. केपीएस तोमर व डॉ. सत्यपाल, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. पीएस ओबराय, एनडीआरआई कैटल यार्ड प्रभारी प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एसएस लठवाल, डॉ. मोहर सिंह, डॉ. बृजकिशोर यादव, डॉ. महेंद्र सिंह ने युवाओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी.