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कैथल: बिजली बिल न भरने पर विभाग ने तीन प्राइमरी स्कूलों के काटे कनेक्शन

कैथल के सरकारी स्कूलों ने बिजली विभाग के बिल नहीं भरे, इस पर कार्रवाई करते हुए बिजली विभाग ने तीन सरकारी स्कूलों के कनेक्शन काट दिए.

Kaithal primary schools electricity
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Published : Nov 27, 2019, 1:41 PM IST

कैथल: बिजली बिल का भुगतान नहीं करने पर बिजली निगम ने तीन राजकीय प्राथमिक स्कूलों का कनेक्शन काट दिए गए हैं. बिजली कनेक्शन कटने के बाद स्कूल में पानी की सप्लाई ठप हो गई है, इस कारण विद्यार्थी और स्टाफ को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

स्कूलों की तरफ ध्यान नहीं दे रहे अधिकारी
स्कूल प्रशासन ने विभाग के उच्चाधिकारियों को इस बारे में अवगत करा दिया है, लेकिन इसके बावजूद इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिलेभर में कुल 372 प्राइमरी स्कूल हैं, इनमें से 150 के करीब स्कूल ऐसे हैं जिनकी तरफ बिजली निगम की बकाया राशि करीब दस लाख रुपये हैं, लेकिन शिक्षा विभाग बिजली बिलों का भुगतान नहीं कर रहा है.

बिजली बिल न भरने पर तीन प्राइमरी स्कूलों के काटे कनेक्शन

स्कूलों के काटे बिजली कनेक्शन
इस कारण निगम को मजबूरन कार्रवाई करनी पड़ रही है. जिन स्कूलों के कनेक्शन काटे गए हैं, इनमें चंदाना गेट स्थित राजकीय प्राइमरी स्कूल सहित दो अन्य स्कूल कैथल ब्लॉक के हैं. प्राइमरी तक सरकार के इन स्कूलों में 25 से 30 हजार विद्यार्थी पढ़ रहे हैं.

स्कूलों का औसतन खर्च
सरकार की तरफ से संचालित किए जाने वाले राजकीय प्राइमरी स्कूलों में गर्मियों के समय में पांच से आठ हजार रुपये प्रति दो महीने में बिल की औसत है. शिक्षा विभाग की तरफ से बिजली के बिल की खर्च स्कूल बजट में ही दिया जाता है. जिस कारण कई स्कूलों में बजट के अभाव में स्कूलों में खर्च हुई बिजली बिल की निगम की अदायगी नहीं की जाती है. ऐसे में स्कूलों में बिजली का कनेक्शन कटने की संभावनाएं बढ़ जाती है.

कैमरे पर बोलने से अध्यापकों ने किया इनकार
जब मीडिया टीमों ने इन स्कूलों का दौरा किया तो इन सब के बिजली के कनेक्शन कटे हुए थे. इन स्कूलों में एक समस्या और सामने आई. बच्चे तो स्कूल में ज्यादा है परंतु कमरे उनके हिसाब से पूरे नहीं है इसलिए बच्चों को इस सर्दी के मौसम में स्कूल के प्रांगण में टाट -पट्टी पर बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है. इस बारे स्कूल के अध्यापकों ने अपने विभाग को तो अवगत करा दिया है परंतु कैमरे पर आने से मना कर दिया है.

ये भी पढे़ं:- 'विशाल हरियाणा' के मुद्दे पर सियासी संग्राम, भूपेंद्र सिंह हुड्डा की बातों पर बिफरी बीजेपी

शिक्षा अधिकारी ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
इस बारे जिला शिक्षा मौलिक अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि स्कूलों को इसके लिए फंड दिया जाता है. परंतु स्कूल के इंचार्ज इस फंड का इस्तेमाल बिजली जैसी प्राइमरी चीजों पर ना करके दूसरी चीजों पर कर देते हैं, जिसकी वजह से कनेक्शन कटे हैं. मामला हमारे संज्ञान में आया है. लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई होगी.

कैथल: बिजली बिल का भुगतान नहीं करने पर बिजली निगम ने तीन राजकीय प्राथमिक स्कूलों का कनेक्शन काट दिए गए हैं. बिजली कनेक्शन कटने के बाद स्कूल में पानी की सप्लाई ठप हो गई है, इस कारण विद्यार्थी और स्टाफ को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

स्कूलों की तरफ ध्यान नहीं दे रहे अधिकारी
स्कूल प्रशासन ने विभाग के उच्चाधिकारियों को इस बारे में अवगत करा दिया है, लेकिन इसके बावजूद इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिलेभर में कुल 372 प्राइमरी स्कूल हैं, इनमें से 150 के करीब स्कूल ऐसे हैं जिनकी तरफ बिजली निगम की बकाया राशि करीब दस लाख रुपये हैं, लेकिन शिक्षा विभाग बिजली बिलों का भुगतान नहीं कर रहा है.

बिजली बिल न भरने पर तीन प्राइमरी स्कूलों के काटे कनेक्शन

स्कूलों के काटे बिजली कनेक्शन
इस कारण निगम को मजबूरन कार्रवाई करनी पड़ रही है. जिन स्कूलों के कनेक्शन काटे गए हैं, इनमें चंदाना गेट स्थित राजकीय प्राइमरी स्कूल सहित दो अन्य स्कूल कैथल ब्लॉक के हैं. प्राइमरी तक सरकार के इन स्कूलों में 25 से 30 हजार विद्यार्थी पढ़ रहे हैं.

स्कूलों का औसतन खर्च
सरकार की तरफ से संचालित किए जाने वाले राजकीय प्राइमरी स्कूलों में गर्मियों के समय में पांच से आठ हजार रुपये प्रति दो महीने में बिल की औसत है. शिक्षा विभाग की तरफ से बिजली के बिल की खर्च स्कूल बजट में ही दिया जाता है. जिस कारण कई स्कूलों में बजट के अभाव में स्कूलों में खर्च हुई बिजली बिल की निगम की अदायगी नहीं की जाती है. ऐसे में स्कूलों में बिजली का कनेक्शन कटने की संभावनाएं बढ़ जाती है.

कैमरे पर बोलने से अध्यापकों ने किया इनकार
जब मीडिया टीमों ने इन स्कूलों का दौरा किया तो इन सब के बिजली के कनेक्शन कटे हुए थे. इन स्कूलों में एक समस्या और सामने आई. बच्चे तो स्कूल में ज्यादा है परंतु कमरे उनके हिसाब से पूरे नहीं है इसलिए बच्चों को इस सर्दी के मौसम में स्कूल के प्रांगण में टाट -पट्टी पर बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है. इस बारे स्कूल के अध्यापकों ने अपने विभाग को तो अवगत करा दिया है परंतु कैमरे पर आने से मना कर दिया है.

ये भी पढे़ं:- 'विशाल हरियाणा' के मुद्दे पर सियासी संग्राम, भूपेंद्र सिंह हुड्डा की बातों पर बिफरी बीजेपी

शिक्षा अधिकारी ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
इस बारे जिला शिक्षा मौलिक अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि स्कूलों को इसके लिए फंड दिया जाता है. परंतु स्कूल के इंचार्ज इस फंड का इस्तेमाल बिजली जैसी प्राइमरी चीजों पर ना करके दूसरी चीजों पर कर देते हैं, जिसकी वजह से कनेक्शन कटे हैं. मामला हमारे संज्ञान में आया है. लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई होगी.

Intro:बिल न भरने पर तीन प्राइमरी स्कूलों के काटे कनेक्शनBody:बिजली बिल का भुगतान नहीं करने पर बिजली निगम ने तीन राजकीय प्राथमिक स्कूलों का कनेक्शन काट दिया है। बिजली कनेक्शन कटने के बाद स्कूल में पानी की सप्लाई ठप हो गई है, इस कारण विद्यार्थी व स्टाफ को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्कूल प्रशासन ने विभाग के उच्चाधिकारियों को इस बारे में अवगत करा दिया है, लेकिन इसके बावजूद इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।जिलेभर में कुल 372 प्राइमरी स्कूल हैं, इनमें से 150 के करीब स्कूल ऐसे हैं जिनकी तरफ बिजली निगम की बकाया राशि करीब दस लाख रुपये हैं, लेकिन शिक्षा विभाग बिजली बिलों का भुगतान नहीं कर रहा है। इस कारण निगम को मजबूरन यह कार्रवाई करनी पड़ रही है। जिन स्कूलों के कनेक्शन काटे गए हैं, इनमें चंदाना गेट स्थित राजकीय प्राइमरी स्कूल सहित दो अन्य स्कूल कैथल ब्लॉक के हैं। प्राइमरी तक सरकार के इन स्कूलों में 25 से 30 हजार विद्यार्थी पढ़ रहे हैं

प्रत्येक स्कूलों में पांच से आठ हजार रुपये की औसत :सरकार की तरफ से संचालित किए जाने वाले राजकीय प्राइमरी स्कूलों में गर्मियों के समय में पांच से आठ हजार रुपये प्रति दो महीने में बिल की औसत है। शिक्षा विभाग की तरफ से बिजली के बिल की खर्च स्कूल बजट में ही दिया जाता है। जिस कारण कई स्कूलों में बजट के अभाव में स्कूलों में खर्च हुई बिजली बिल की निगम की अदायगी नहीं की जाती है। ऐसे में स्कूलों में बिजली का कनेक्शन कटने की संभावनाएं बढ़ जाती है।

जब हमारी टीम में इन स्कूलों का दौरा किया जहां बिजली के कनेक्शन कटे हुए थे वहां एक समस्या और सामने आई कि बच्चे तो स्कूल में ज्यादा है परंतु कमरे उनके हिसाब से पूरे नहीं है इसलिए बच्चों को इस सर्दी के मौसम में स्कूल के प्रांगण में टाट -पट्टी  पर बैठकर पढ़ाई करनी पड़ती है इस बारे स्कूल के अध्यापकों ने अपने विभाग को तो अवगत करा दिया है परंतु कैमरे पर आने से मना कर दिया उनको लगता था कि के मीडिया में हमारी बाइट आने पर  पर हमारे ऊपर विभागीय कार्रवाई हो सकती है

एक तरफ तो हरियाणा सरकार शिक्षा के विस्तार और विकास की बात करती है परंतु धरातल पर कुछ और ही तस्वीर नजर आती है इसकी जिम्मेदार सरकार नहीं विभागीय अधिकारी है क्योंकि सरकार की तरफ से तो फंड्स आते है परंतु अधिकारी इन फंडों को खर्च करना और उन पर ध्यान देना जरूरी नहीं समझते यहां तक कि कई बार ये फंड बिना खर्च हुए ही  वापस चले जाते हैं सरकार को चाहिए ऐसे लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई करें ताकि हमारे नौनिहाल  जो शिक्षा के लिए स्कूलों में जाते हैं और सरकार भी प्रचार प्रसार करती है कि अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाई करवाएं परन्तु सर्कार की यह निति  फेल हो जाएगी अगर इस पर जल्द ध्यान नहीं दिया गया बिजली का कनेक्शन तो जुड़ जाएगा परंतु विभागीय लापरवाही का जिम्मेदार कौन ऐसा लगता है कि यह एक यक्ष प्रश्न बन गया है

 इस बारे जॉब जिला शिक्षा मौलिक अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि स्कूलों को इसके लिए फंड  दिया जाता है परंतु स्कूल के इंचार्ज इस फंड का इस्तेमाल बिजली जैसी प्राइमरी चीजों पर ना करके दूसरी चीजों पर कर देते हैं जिसकी वजह से कनेक्शन कटे होंगे मामला हमारे संज्ञान में आया है लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई होगी


Conclusion:BYTE : शमशेर सिंह सिरोही ( जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी )
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