कैथल: मजदूर संगठन लगातार अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते आ रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी बातों पर अमल नहीं करती. हालांकि, आश्वासन कई बार मिले लेकिन कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई. जिसको देखते हुए आज मनरेगा में भवन निर्माण मजदूरों के संगठनों ने कैथल में सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
ये है मजदूरों की मांगें-
मजदूर जवाहर पार्क से प्रदर्शन करते हुए शहर के मुख्य मार्ग से होते हुए लघु सचिवालय पहुंचे. जहां पर उन्होंने अपनी मांगों के लिए मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन नायब तहसीलदार को सौंपा. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी मुख्य मांगे हैं मनरेगा मजदूरों का पंजीकरण करने को लेकर. पंचायत या बीडीपीओ पंजीकरण करने की बजाय टालमटोल कर रहे हैं और कई गांव में पंजीकरण नहीं किया जा रहा है.
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उनकी दूसरी मुख्य मांग है कि मनरेगा में काम करने के बाद भी कई-कई महीने से उनको उनकी मेहनत के पैसे नहीं दिए जाते. जिसके कारण सभी मजदूरों को अपना घर चलाना मुश्किल हो रहा है. उनकी तीसरी मुख्य मांग है कि मनरेगा में काम या पंजीकरण करने का आवेदन देते हैं तो रसीद नहीं दी जाती, जो उनको पंजीकरण का काम में अधिकारियों द्वारा लंबित रखा जाता है.
'गरीब तबके तक नहीं पहुंच रहा विकास'
उनकी एक और मुख्य मांग है कि मनरेगा में कार्य करवाते समय किसी भी नियम का ध्यान नहीं रखा जाता, पीने का पानी, शौचालय जैसी कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई जाती. उन्होंने कहा कि सरकार विकास का दावा तो कर रही है, लेकिन विकास नहीं हो पा रहा है. वहीं पर उन्होंने ये भी कहा कि भाजपा सरकार सबका साथ सबका विकास का दावा करती है, लेकिन जो गरीब तबका मजदूरों का है उन तक विकास नहीं पहुंच पा रहा है.