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कैथल: सड़कों पर उतरे मजदूर, इन मांगों के लिए किया विरोध-प्रदर्शन

शुक्रवार को कैथल में मजदूरों संगठनों ने सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. मजदूरों ने कहा कि सरकार की किसी भी योजना का उनको लाभ नहीं मिल रहा है. मजदूरों ने मनरेगा योजना पर भी कई सवाल खड़े किए.

kaithal labour union protest against haryana government
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Published : Jan 31, 2020, 9:40 AM IST

Updated : Jan 31, 2020, 9:46 AM IST

कैथल: मजदूर संगठन लगातार अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते आ रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी बातों पर अमल नहीं करती. हालांकि, आश्वासन कई बार मिले लेकिन कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई. जिसको देखते हुए आज मनरेगा में भवन निर्माण मजदूरों के संगठनों ने कैथल में सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

ये है मजदूरों की मांगें-
मजदूर जवाहर पार्क से प्रदर्शन करते हुए शहर के मुख्य मार्ग से होते हुए लघु सचिवालय पहुंचे. जहां पर उन्होंने अपनी मांगों के लिए मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन नायब तहसीलदार को सौंपा. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी मुख्य मांगे हैं मनरेगा मजदूरों का पंजीकरण करने को लेकर. पंचायत या बीडीपीओ पंजीकरण करने की बजाय टालमटोल कर रहे हैं और कई गांव में पंजीकरण नहीं किया जा रहा है.

सड़कों पर उतरे मजदूर संगठन, देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- बजट 2020: वित्त मंत्री से इस बार हरियाणा के ऑटो मोबाइल सेक्टर को है बड़ी आस

उनकी दूसरी मुख्य मांग है कि मनरेगा में काम करने के बाद भी कई-कई महीने से उनको उनकी मेहनत के पैसे नहीं दिए जाते. जिसके कारण सभी मजदूरों को अपना घर चलाना मुश्किल हो रहा है. उनकी तीसरी मुख्य मांग है कि मनरेगा में काम या पंजीकरण करने का आवेदन देते हैं तो रसीद नहीं दी जाती, जो उनको पंजीकरण का काम में अधिकारियों द्वारा लंबित रखा जाता है.

'गरीब तबके तक नहीं पहुंच रहा विकास'
उनकी एक और मुख्य मांग है कि मनरेगा में कार्य करवाते समय किसी भी नियम का ध्यान नहीं रखा जाता, पीने का पानी, शौचालय जैसी कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई जाती. उन्होंने कहा कि सरकार विकास का दावा तो कर रही है, लेकिन विकास नहीं हो पा रहा है. वहीं पर उन्होंने ये भी कहा कि भाजपा सरकार सबका साथ सबका विकास का दावा करती है, लेकिन जो गरीब तबका मजदूरों का है उन तक विकास नहीं पहुंच पा रहा है.

कैथल: मजदूर संगठन लगातार अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते आ रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी बातों पर अमल नहीं करती. हालांकि, आश्वासन कई बार मिले लेकिन कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई. जिसको देखते हुए आज मनरेगा में भवन निर्माण मजदूरों के संगठनों ने कैथल में सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

ये है मजदूरों की मांगें-
मजदूर जवाहर पार्क से प्रदर्शन करते हुए शहर के मुख्य मार्ग से होते हुए लघु सचिवालय पहुंचे. जहां पर उन्होंने अपनी मांगों के लिए मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन नायब तहसीलदार को सौंपा. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी मुख्य मांगे हैं मनरेगा मजदूरों का पंजीकरण करने को लेकर. पंचायत या बीडीपीओ पंजीकरण करने की बजाय टालमटोल कर रहे हैं और कई गांव में पंजीकरण नहीं किया जा रहा है.

सड़कों पर उतरे मजदूर संगठन, देखें वीडियो

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उनकी दूसरी मुख्य मांग है कि मनरेगा में काम करने के बाद भी कई-कई महीने से उनको उनकी मेहनत के पैसे नहीं दिए जाते. जिसके कारण सभी मजदूरों को अपना घर चलाना मुश्किल हो रहा है. उनकी तीसरी मुख्य मांग है कि मनरेगा में काम या पंजीकरण करने का आवेदन देते हैं तो रसीद नहीं दी जाती, जो उनको पंजीकरण का काम में अधिकारियों द्वारा लंबित रखा जाता है.

'गरीब तबके तक नहीं पहुंच रहा विकास'
उनकी एक और मुख्य मांग है कि मनरेगा में कार्य करवाते समय किसी भी नियम का ध्यान नहीं रखा जाता, पीने का पानी, शौचालय जैसी कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई जाती. उन्होंने कहा कि सरकार विकास का दावा तो कर रही है, लेकिन विकास नहीं हो पा रहा है. वहीं पर उन्होंने ये भी कहा कि भाजपा सरकार सबका साथ सबका विकास का दावा करती है, लेकिन जो गरीब तबका मजदूरों का है उन तक विकास नहीं पहुंच पा रहा है.

Intro:मजदूर संगठनों ने सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन


Body:मजदूर संगठन लगातार काफी समय से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते आ रहे हैं लेकिन सरकार उनकी बातों पर अमल नहीं करती। हालांकि आश्वासन कई बार मिले लेकिन कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई । जिसको देखते हुए आज मनरेगा में भवन निर्माण मजदूरों के संगठनों ने कैथल में सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और जवाहर पार्क से शुरू होकर शहर के मुख्य मार्ग से होते हुए लघु सचिवालय पहुंचे। जहां पर उन्होंने अपनी मांगों के लिए मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन नायब तहसीलदार को सौंपा.
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी मुख्य मांगे हैं मनरेगा मजदूरों का पंजीकरण करने के लिए पंचायत या बीडीपीओ पंजीकरण करने की बजाय टालमटोल का रास्ता बना रहे हैं और कई गांव में पंजीकरण नहीं किया जा रहा.

उनकी दूसरी मुख्य मांग है कि मनरेगा में काम करने के बाद भी कई कई महीने से उनको उनकी मेहनत के पैसे नहीं दिए जाते। जिसके कारण सभी मजदूरों को अपना घर चलाना मुश्किल हो रहा है.

उनकी तीसरी मुख्य मांग है कि मनरेगा में काम या पंजीकरण करने का आवेदन देते हैं तो रसीद नहीं दी जाती, जो उनको पंजीकरण का काम में अधिकारियों द्वारा लंबित रखा जाता है.

उनकी एक और मुख्य मांग है कि मनरेगा में कार्य करवाते समय किसी भी नियम का ध्यान नहीं रखा जाता, पीने का पानी, शौचालय आदि कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई जाती.

उन्होंने बोलते हुए कहा कि सरकार विकास का दावा तो कर रही है लेकिन विकास नहीं हो पा रहा। वहीं पर उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार सबका साथ सबका विकास का दावा करती है लेकिन जो गरीब तबका मजदूरों का है उन तक विकास नहीं पहुंच पा रहा और ना ही उनको उनकी मेहनत के खून पसीने की कमाई का पैसा समय पर मिल पा रहा.


Conclusion:हम जिला प्रशासन के द्वारा मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी से आग्रह करते हैं कि हमारे इन मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए ताकि सबसे नीचे के तबके मजदूर को बचाया जा सके.

बाइट -रामकली जांगड़ा मजदूर नेत्री
Last Updated : Jan 31, 2020, 9:46 AM IST
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