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धान की फसल ना बोने पर किसान को ऐसे मिलेंगे 7 हजार रुपये

हरियाणा सरकार धान की फसल छोड़ने वाले किसानों को 7 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि देगी. इस बात की जानकारी देते हुए कैथल जिला कृषि अधिकारी डॉ. करमचंद ने बताया कि धान की फसल छोड़ने वाले किसान अपना रजिस्ट्रेशन कराएं. जिससे वो इस योजना का लाभ ले सकें.

kaithal farmer leave paddy plantation and got 7 thousand rupees by government scheme
kaithal farmer leave paddy plantation and got 7 thousand rupees by government scheme
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Published : May 11, 2020, 11:34 PM IST

कैथल: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कुछ दिन पहले एक घोषणा की थी कि हरियाणा के जितने भी डार्क जोन के अंदर आने वाले ब्लॉक हैं, उन पर धान की खेती नहीं की जाएगी. इस पर कैथल के कुछ किसानों ने नाराजगी जताई थी. इस पर जब कैथल के जिला कृषि अधिकारी डॉक्टर करमचंद ने बताया कि जो भी किसान धान की खेती लगाना छोड़ेगा, उसको प्रोत्साहन के तौर पर सरकार 7 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से देगी.

किसानों को ऐसे होगा लाभ

जो किसान धान की फसल छोड़ेगा. उसको लगभग 5 हजार रुपये का फायदा होगा. जैसे कि धान की नर्सरी तैयार करना, उसमें पानी देना, दवाई डालना, उसके बाद धान को मजदूरों से लगवाना, खेत को कई बार जोतना, इस काम में काफी खर्च आता था. इस सब के बाद किसान को धान लगाने के लिए काफी मात्रा में खाद भी डलना पड़ता है.

धान की फसल ना बोने पर किसान को ऐसे मिलेंगे 7 हजार रुपये

इस सब काम में किसान का लगभग 20 हजार रुपये प्रति एकड़ का खर्च आता है. अगर किसान हिसाब लगाए तो 20 हजार वो और 7 हजार ये, लगभग 27 हजार रुपये का किसान को सीधा धान की फसल छोड़ने से फायदा हो रहा है. अगर किसान वैकल्पिक फसल बोएगा तो इतना खर्च भी नहीं होगा.

पानी बचाएं किसान

अगर किसान दूसरी फसल बुआई करेगा तो उसमें ना ही खेत को तैयार करने में इतना पैसा खर्च होता और ना ही उसमें ज्यादा खाद और कीटनाशक दवाओं को प्रयोग होगा. इसलिए किसान को एक अच्छा मुनाफा दूसरी फसल लगाने से भी हो सकता है. मेरे हिसाब से जितनी आमदनी वो धान की फसल से लेता है, उतनी ही आमदनी किसान को इस फसल से होगी.

ये भी पढ़ें:- पड़ताल: लॉकडाउन में चारे की कमी ने तोड़ी डेयरी उद्योग की कमर, आधा दूध दे रहे पशु

साथ ही उन्होंने किसानों से अपील की कि आप लोग धान की खेती छोड़ देते हैं तो हमारी पानी की धरोहर को बचाया जा सकता है. जो किसान धान लगाना छोड़ सकता है, वो अपने आप ऐसा करके जिला कृषि कार्यालय में अपना नाम दर्ज कराएं और इस योजना का लाभ उठाएं.

कैथल: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कुछ दिन पहले एक घोषणा की थी कि हरियाणा के जितने भी डार्क जोन के अंदर आने वाले ब्लॉक हैं, उन पर धान की खेती नहीं की जाएगी. इस पर कैथल के कुछ किसानों ने नाराजगी जताई थी. इस पर जब कैथल के जिला कृषि अधिकारी डॉक्टर करमचंद ने बताया कि जो भी किसान धान की खेती लगाना छोड़ेगा, उसको प्रोत्साहन के तौर पर सरकार 7 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से देगी.

किसानों को ऐसे होगा लाभ

जो किसान धान की फसल छोड़ेगा. उसको लगभग 5 हजार रुपये का फायदा होगा. जैसे कि धान की नर्सरी तैयार करना, उसमें पानी देना, दवाई डालना, उसके बाद धान को मजदूरों से लगवाना, खेत को कई बार जोतना, इस काम में काफी खर्च आता था. इस सब के बाद किसान को धान लगाने के लिए काफी मात्रा में खाद भी डलना पड़ता है.

धान की फसल ना बोने पर किसान को ऐसे मिलेंगे 7 हजार रुपये

इस सब काम में किसान का लगभग 20 हजार रुपये प्रति एकड़ का खर्च आता है. अगर किसान हिसाब लगाए तो 20 हजार वो और 7 हजार ये, लगभग 27 हजार रुपये का किसान को सीधा धान की फसल छोड़ने से फायदा हो रहा है. अगर किसान वैकल्पिक फसल बोएगा तो इतना खर्च भी नहीं होगा.

पानी बचाएं किसान

अगर किसान दूसरी फसल बुआई करेगा तो उसमें ना ही खेत को तैयार करने में इतना पैसा खर्च होता और ना ही उसमें ज्यादा खाद और कीटनाशक दवाओं को प्रयोग होगा. इसलिए किसान को एक अच्छा मुनाफा दूसरी फसल लगाने से भी हो सकता है. मेरे हिसाब से जितनी आमदनी वो धान की फसल से लेता है, उतनी ही आमदनी किसान को इस फसल से होगी.

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साथ ही उन्होंने किसानों से अपील की कि आप लोग धान की खेती छोड़ देते हैं तो हमारी पानी की धरोहर को बचाया जा सकता है. जो किसान धान लगाना छोड़ सकता है, वो अपने आप ऐसा करके जिला कृषि कार्यालय में अपना नाम दर्ज कराएं और इस योजना का लाभ उठाएं.

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