कैथल: सर्व कर्मचारी संघ के बैनर तले गुरुवार को हरियाणा रोडवेज के कर्मचारी 2 घंटे के लिए चक्का जाम करेंगे. 8 जनवरी 2020 को सर्व कर्मचारी संघ मांगों को लेकर राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेगा. सर्व कर्मचारी संघ के मुताबिक अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो आने वाले समय में आंदोलन और तेज होगा.
इन मांगों को लेकर होगा प्रदर्शन
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना, पुरानी पेंशन बहाल करना समेत कई मांगों को लेकर वो सांकेतिक प्रदर्शन करेंगे. अगर सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो वो अगले साल बड़ा आंदोलन करेंगे. जिसकी शुरुआत नए साल यानी 8 जनवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल के साथ होगी.
26 दिसंबर को दो घंटे की सांकेतिक हड़ताल
सुभाष लांबा ने दावा किया कि ये हड़ताल ऐतिहासिक होगी. हड़ताल में प्रदेश के लाखों की संख्या में कर्मचारी और मजदूर मिलकर केंद्र और राज्य सरकार की तानाशाही नीतियों के खिलाफ आक्रोश प्रकट करेंगे. उन्होंने ये दावा किया कि ये एक बहुत बड़ी हड़ताल होगी. 26 दिसंबर को सर्व कर्मचारी संघ के बैनर तले हरियाणा रोडवेज का 2 घंटे के लिए चक्का जाम होगा. जिसका समय सुबह 10:00 से 12:00 बजे तक रहेगा.
रोडवेज विभाग में प्राइवेट बसें लाने का विरोध
हरियाणा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि 900 करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश होने, कर्मचारियों और जनता के तीखे विरोध के बावजूद सरकार किलोमीटर स्कीम के तहत प्राइवेट बसों को रोडवेज में शामिल करने पर आमदा है. जिसकी शुरुआत मंगलवार को गुरुग्राम में 5 बसों को वर्कशॉप में लाकर की गई. जिसका कर्मचारियों ने एकजुटता से जबरदस्त विरोध भी किया.
8 जनवरी से हड़ताल करेंगे कर्मचारी
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार रोडवेज कर्मचारियों को 8 जनवरी से पहले ही हड़ताल पर ले आने के लिए मजबूर कर रही है. उन्होंने कहा कि जननायक जनता पार्टी के नेता ने चुनाव के समय कर्मचारियों से पुरानी पेंशन बहाल करने, पंजाब के समान वेतन और कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के वादे किए थे.
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सरकार पर वादा पूरा ना करने का आरोप
सुभाष लांबा ने कहा कि अब प्रदेश का कर्मचारी उप मुख्यमंत्री से जाना चाहता है कि इन वादों को कब से अमल में लाना शुरू करेंगे, उन्होंने बताया कि ऐसे वादे बीजेपी ने साल 2014 में किए थे. जो अभी तक पूरे नहीं हुए. लांबा ने कहा कि सरकार ने वादों को नई दिशा देने की बात कही थी, लेकिन प्रदेश में व्यवस्था ज्यों की त्यों है. अगर सरकार उनकी बात नहीं मानती तो उन्हें मजबूरन हड़ताल पर जाना पड़ेगा.