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कैथल: सरकार की नीतियों के खिलाफ हरियाणा कर्मचारी संगठनों ने किया प्रदर्शन

कैथल में सरकार की नीतियों के खिलाफ हरियाणा के कर्मचारी संगठनों ने प्रदर्शन किया. कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सरकार की नीतियां जनविरोधी, किसान और मजदूर विरोधी है.

haryana employees unions protest against government policies in kaithal
कैथल में सरकार की नीतियों के खिलाफ हरियाणा कर्मचारी संगठनों ने किया प्रदर्शन
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Published : Aug 9, 2020, 9:01 PM IST

कैथल: सरकार की नीतियों के खिलाफ हरियाणा कर्मचारी महासंघ, एटक और रोडवेज कर्मचारी यूनियनों ने कैथल में विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों की अगुवाई कर रहे कर्मचारी नेता जरनैल सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर में देश व प्रदेश सरकार द्वारा संकट को अवसर में बदलने की मुहिम की आड़ में निजीकरण को बढ़ावा देने और सरकारी विभागों को बेचने की नीतियां लाई जा रही है.

कैथल में सरकार की नीतियों के खिलाफ हरियाणा कर्मचारी संगठनों ने किया प्रदर्शन

जरनैल सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार करोना महामारी के दौरान आम जनता को कोई सुविधा नहीं दे रही. बल्कि महामारी को एक अवसर के रूप में मना रही है. जनता की मेहनत से खड़ा किया गया सरकारी ढांचा आज एक-एक करके पूंजीपतियों के हवाले किया जा रहा है. रेलवे, हवाई सेवाएं, चिकित्सा, बिजली, शिक्षा और पानी जैसी मूलभूत सेवाओं का निजीकरण किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि करोना महामारी के दौरान भी पूंजीपतियों को टैक्सों में भारी छूट दी जा रही है. भारत की दूसरी सबसे बड़ी सरकारी कंपनी बीपीसीएल जिसमें सरकार का 53% हिस्सा है. आज उसको भी बेचा जा रहा है. पुरानी पेंशन स्कीम जो कि केन्द्रीय व प्रदेश के सभी कर्मचारियों को लाभान्वित करने वाली स्कीम है. उसे लागू न करके कर्मचारियों के खून पसीने की कमाई को बाजार के हवाले कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि देश की 70% जनसंख्या कृषि पर निर्धारित है, लेकिन सरकार जनता को कृषि से दूर कर रही है और कृषि क्षेत्र में तीन अध्यादेश लेकर आ रही है. जो किसानों को बर्बादी की ओर ले जाएंगे.

जरनैल सिंह ने कहा कि निजी कंपनियों को खरीद के खुले ऑफर दिए जा रहे हैं. अनाज, फल व सब्जियों का भंडारण कर कालाबाजारी के रास्ते खोले जा रहे हैं. जिससे गरीब जनता भूखों मरने पर मजबूर होगी. उन्होंने कहा कि बिजली अमेंडमेंट बिल 2020 को पास करके बिजली का निजीकरण किया जा रहा है. जिससे किसानों को मिलने वाली क्रॉस सब्सिडी बंद हो जाएगी और बिजली किसान की पहुंच से बाहर हो जाएगी. स्कूलों में नई शिक्षा नीति लागू कर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार अपने इन किसान विरोधी, मजदूर विरोधी और कर्मचारी विरोधी नीतियों से बाज आए.

ये भी पढ़ें: हरियाणा के हर गांव में सरकार खोलेगी मॉर्डन लाइब्रेरी: दुष्यंत चौटाला

कैथल: सरकार की नीतियों के खिलाफ हरियाणा कर्मचारी महासंघ, एटक और रोडवेज कर्मचारी यूनियनों ने कैथल में विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों की अगुवाई कर रहे कर्मचारी नेता जरनैल सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर में देश व प्रदेश सरकार द्वारा संकट को अवसर में बदलने की मुहिम की आड़ में निजीकरण को बढ़ावा देने और सरकारी विभागों को बेचने की नीतियां लाई जा रही है.

कैथल में सरकार की नीतियों के खिलाफ हरियाणा कर्मचारी संगठनों ने किया प्रदर्शन

जरनैल सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार करोना महामारी के दौरान आम जनता को कोई सुविधा नहीं दे रही. बल्कि महामारी को एक अवसर के रूप में मना रही है. जनता की मेहनत से खड़ा किया गया सरकारी ढांचा आज एक-एक करके पूंजीपतियों के हवाले किया जा रहा है. रेलवे, हवाई सेवाएं, चिकित्सा, बिजली, शिक्षा और पानी जैसी मूलभूत सेवाओं का निजीकरण किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि करोना महामारी के दौरान भी पूंजीपतियों को टैक्सों में भारी छूट दी जा रही है. भारत की दूसरी सबसे बड़ी सरकारी कंपनी बीपीसीएल जिसमें सरकार का 53% हिस्सा है. आज उसको भी बेचा जा रहा है. पुरानी पेंशन स्कीम जो कि केन्द्रीय व प्रदेश के सभी कर्मचारियों को लाभान्वित करने वाली स्कीम है. उसे लागू न करके कर्मचारियों के खून पसीने की कमाई को बाजार के हवाले कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि देश की 70% जनसंख्या कृषि पर निर्धारित है, लेकिन सरकार जनता को कृषि से दूर कर रही है और कृषि क्षेत्र में तीन अध्यादेश लेकर आ रही है. जो किसानों को बर्बादी की ओर ले जाएंगे.

जरनैल सिंह ने कहा कि निजी कंपनियों को खरीद के खुले ऑफर दिए जा रहे हैं. अनाज, फल व सब्जियों का भंडारण कर कालाबाजारी के रास्ते खोले जा रहे हैं. जिससे गरीब जनता भूखों मरने पर मजबूर होगी. उन्होंने कहा कि बिजली अमेंडमेंट बिल 2020 को पास करके बिजली का निजीकरण किया जा रहा है. जिससे किसानों को मिलने वाली क्रॉस सब्सिडी बंद हो जाएगी और बिजली किसान की पहुंच से बाहर हो जाएगी. स्कूलों में नई शिक्षा नीति लागू कर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार अपने इन किसान विरोधी, मजदूर विरोधी और कर्मचारी विरोधी नीतियों से बाज आए.

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