कैथल: गौशाला कमेटी के सदस्यों ने नगर पालिका के कर्मचारियों पर काम ना करने का आरोप लगाया. जिसके बाद गौशाला कमेटी के प्रधान और सदस्यों ने ट्रॉली में मृत गायों को लादकर शहीद ऊधम सिंह चौक पर प्रदर्शन किया. गोशाला कमेटी ने नगर पालिका कर्मचारियों पर आरोप लगाया कि निवेदन करने के बाद भी वो लोग गायों का मृत शरीर उठाने नहीं आए.
नगर पालिका कर्मचारियों का आरोप है कि गौशाला प्रधान ने उनके खिलाफ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया. जिसके बाद मामला तूल पकड़ गया. नगर पालिका की शिकायत पर पुलिस ने गौशाला प्रधान पर जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करने के आरोप में मामला दर्ज किया.
इसके बाद नगर पालिका चीका के तमाम कच्चे और पक्के कर्मचारियों ने देवी लाल पार्क में गौशाला के प्रधान और सदस्यों के खिलाफ नगरपालिका सचिव को शिकायत पत्र दिया. पत्र में उन्होंने कहा कि चीका के सफाई कर्मचारियों को गौशाला से मृतक गाय उठाने के लिए बाध्य किया जा रहा था. जबकि ये काम सफाई कर्मचारियों का नहीं है.
पहले ही नगरपालिका चीका के सफाई कर्मचारी वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान ज्यादा काम कर रहे हैं. ऐसे में इस दौरान सफाई कर्मचारियों को मृतक गाय उठाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता. अगर ऐसा होता है तो तमाम कच्चे और पक्के कर्मचारी आंदोलन के लिए मजबूर हो जाएंगे. जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.
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इस पूरे मामले में गौशाला प्रधान और सदस्यों ने नगर पालिका चीका के तमाम कच्चे और पक्के कर्मचारियों के सामने नपा सचिव के पैर पकड़ माफ़ी मांगी और कहा कि हमसे गलती हो गई हमें माफ कर दीजिए. नगर पालिका चीका के सचिव सुशील भुक्कल ने बताया कि गौशाला के प्रधान पर हमने किसी तरह की कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई. गौशाला के प्रधान के लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं. उन्होंने ये भी बताया कि गौशाला सदस्य नगर पालिका सफाई कर्मचारियों को मृतक गाय का शरीर उठाने के लिए बाध्य नहीं कर सकते.