कैथल: केंद्र द्वारा पारित किए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में हजारों की संख्या में किसानों ने किसान जागृति यात्रा निकाली. जिसमें हजारों मोटरसाइकिल और ट्रैक्टर शामिल हुए. मोटरसाइकिल और ट्रैक्टरों का ये काफिला सीवन की अनाज मंडी से शुरू होकर कैथल पहुंची और अर्जुन नगर पेहोवा चौक व करनाल रोड से होते हुए थाना टोल प्लाजा की तरफ कूच कर गई.
इस दौरान किसानों ने सरकार के विरोध में और किसानों के समर्थन में नारे लगाते हुए सरकार को चेतावनी दी और कहा कि आज की ट्रैक्टर यात्रा एक ट्रेलर है. अगर 26 जनवरी तक कृषि कानून वापस नहीं लिए गए. तो पूरी फिल्म 26 जनवरी में दिखाई देगी.
पूरे कैथल शहर में किसानों ने किया रोड शो
दरअसल कैथल में आज किसानों ने हजारों की संख्या में ट्रैक्टर और मोटरसाइकिल द्वारा एक परेड शो का आयोजन किया. ये परेड सीवन की अनाज मंडी से शुरू हुई और मुख्य मार्गों से होती हुई कैथल के सीवन गेट में प्रवेश कर गई. उसके बाद महर्षि वाल्मीकि चौक, नगर परिषद पेहवा चौक, सर छोटू राम चौक से होती हुई अंबाला रोड बाईपास को क्रॉस करते हुए थाना टोल प्लाजा पर पहुंची. हर ट्रैक्टर पर केसरिया झंडा और किसान यूनियन के झंडे लगे हुए थे.
ये तो रिहर्सल है, फिल्म 26 जनवरी को दिखाई देगी: किसान
इस संबंध में किसानों का कहना है कि ये तो केवल एक रिहर्सल मात्र है. 26 जनवरी को दिल्ली में एक बड़ी परेड आयोजित होगी. जिसमें जिला कैथल से हजारों की संख्या में ट्रैक्टर व मोटरसाइकिल पर किसान पहुंचेंगे और अपना प्रदर्शन करेंगे. किसानों ने कहा कि हम ये प्रदर्शन मोदी सरकार को जगाने के लिए कर रहे हैं. क्योंकि किसान लगातार कई महीने से इन कृषि कानूनों का विरोध कर रहा है. पर केंद्र सरकार सुन नहीं रही है.
कृषि कानूनों को किसानों पर जबरदस्ती थोप रही सरकार: किसान
किसानों ने कहा कि जब हम इन कानूनों को मांग ही नहीं रहे हैं. तो सरकार हम पर यह काले कानून क्यों थोप रही है. सरकार को चाहिए किसानों की बात सुने और इन तीन कृषि कानूनों को वापस ले.
ये भी पढ़ें: हरियाणा में ईंट भट्ठे पर काम कर रहे 27 बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार
गुरुनाम सिंह चढूनी पर गलत बयानबाजी हो रही है: किसान
वहीं गुरनाम सिंह चढूनी पर बोलते हुए किसानों ने कहा कि कुछ लोग गलत बयान बाजी कर रहे हैं. गुरनाम सिंह चढूनी एक ईमानदार व्यक्ति हैं. किसान आंदोलन को उन्होंने सबसे पहले बैरिकेड तोड़कर शुरू किया था और पूरी निष्ठा के साथ अपना काम कर रहे हैं. अगर कोई गलत बात हुई तो हम अपने मतभेद दूर कर लेंगे. किसान आंदोलन पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा.