जींद: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हरियाणा सरकार की ओर से निकाले गए 1983 पीटीआई शिक्षकों के समर्थन में प्रदेशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन इस बीच शनिवार को जींद में पीटीआई शिक्षकों की बहाली की मांग को लेकर बड़ी जनसभा को संबोधित किया गया. इस जनसभा में नियम-कानून और कोरोना के खौफ को ताक पर रखते हुए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे.
बता दें कि जींद की अनाज मंडी में इस जनसभा का आयोजन किया गया. जिसमें कोरोना वायरस के बीच भी हजारों की संख्या में लोग पहुंचे. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती दिखाई दी. जहां तक नजर गई वहां तक लोग जनसभा में खचाखच भरे नजर आए.
हालांकि जनसभा को देखते हुए प्रशासन की ओर से भारी संख्या में पुलिस बल को पहले से ही तैनात कर दिया गया था, लेकिन पुलिस बल इस दौराम मूकदर्शक बना दिखाई दिया. वहीं जब इस बारे में जब ड्यूटी मजिस्ट्रेट से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी प्रशासन का काम कानून व्यवस्था बनाए रखना है. जनसभा की मंजूरी नहीं दी गई थी, लेकिन फिर भी हजारों की संख्या में लोगों को बुलाकर जनसभा की गई. प्रशासन की ओर से जनसभा के आयोजकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
बताया जा रहा है कि इस जनसभा को कई खापों का समर्थन मिला है. कई खाप और संगठन के लोग इस जनसभा में पहुंचे. इस जनसभा में बीजेपी विधायक सोमवीर सांगवान भी शामिल हुए.
क्या है पूरा मामला?
हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने अप्रैल 2010 में 1983 पीटीआई को प्रदेशभर में भर्ती किया था. इस दौरान नियुक्तियों में असफल रहे अभ्यर्थियों में संजीव कुमार, जिले राम और एक अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगा चुनौती दी थी. याचिका में कहा गया था कि ऐसे उम्मीदवारों को भी नियुक्ति दी गई थी, जिनके शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी हैं.
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हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने याचिका पर सुनवाई कर पीटीआई की भर्ती को रद्द कर दिया था. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला बरकरार रखा था. वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानते हुए हरियाणा सरकार ने इसी साल 1983 पीटीआई शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है. जिसके बाद से प्रदेशभर में पीटीआई शिक्षकों की बहाली को लेकर प्रदर्शन जारी है.