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खतरनाक लेवल पर है जींद में प्रदूषण, पूरी दुनिया के टॉप 'गंदे शहरों' में है नाम

जींद में प्रदूषण का लेवल खतरनाक स्तर पर है. पिछले दिनों एक सर्वे एजेंसी द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में जींद को दुनिया का 20वां सबसे प्रदूषित शहर बताया था.

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Published : Jun 20, 2019, 10:13 PM IST

जींदः शहर में प्रदूषण का लेवल खतरनाक स्तर पर है. पिछले दिनों एक सर्वे एजेंसी द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में जींद को दुनिया का 20वां सबसे प्रदूषित शहर बताया था. इसके बावजूद प्रशासन की नाक तले शहर में खुलेआम पॉलिथीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. नगर परिषद के अधिकारियों ने जरूर एनजीटी के आदेश पर कुछ चालान किए लेकिन वो भी नाकाफी रहे.

खतरनाक लेवल पर है जींद में प्रदूषण, देखें वीडियो

प्रति वॉर्ड का ये हाल तो शहर का क्या होगा?
शहर में प्रतिदिन 10 हजार किलोग्राम पॉलिथीन कूड़े से निकल रही है. यानी प्रति वॉर्ड के हिसाब से 322 किलोग्राम पॉलिथीन कूड़े में निकल रही है, जबकि बिक्री अलग से हो रही है. इसके हिसाब से तो शहर में पॉलिथीन के इस्तेमाल का आंकड़ा काफी खतरनाक है.

अधिकारियों की लगी थी अलग से ड्यूटी
पॉलिथीन को रोकने के लिए एडीसी से लेकर हुडा एस्टेट ऑफिसर की ड्यूटी चालान काटने के लिए छह साल पहले शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने लगाई थी. सभी 15 अधिकारियों को एक-एक चालान बुक भी दी गई थी लेकिन आज तक एक भी चालान नहीं काटा गया.

पल्ला झाड़ते नजर आए अधिकारी
वहीं पॉलिथीन के खुलेआम इस्तेमाल को लेकर जब नगर परिषद एग्जीक्यूटिव ऑफिसर से बात की गई तो वो मामले से पल्ला झाड़ते नजर आए. उन्होंने कुछ भी कहने से साफ इनकार करते हुए कहा कि उच्च अधिकारी ही इस बारे में जवाब देंगे.

पॉलिथीन बेचने पर ये है जुर्माने का प्रावधानः

  • 100 ग्राम से अधिक पर 500 रुपए जुर्माना
  • 101 से 500 ग्राम पर 1500 रुपए जुर्माना
  • 501 से एक किलोग्राम पर 3 हजार रुपए जुर्माना
  • एक से पांच किलोग्राम 10 हजार रुपए जुर्माना
  • पांच से 10 किलोग्राम 20 हजार रुपए जुर्माना
  • 10 किलोग्राम से अधिक 30 हजार रुपए जुर्माना

वैज्ञानिकों के मुताबिक
पर्यावरण वैज्ञानिकों की मानें तो पॉलिथीन और प्लास्टिक जलाने से निकलने वाली गैसों से सेहत को काफी नुकसान पहुंचता है. पॉलीथीन से निकलनी वाली कार्बन डाई ऑक्साइड गैस से सांस की बीमारी होती है, अगर उसमें पीवीसी मिला हुआ है तो उससे डाई ऑक्सीजन और फयुरान जैसी जहरीले गैस निकलती हैं. जिनसे कैंसर होता है.

जींदः शहर में प्रदूषण का लेवल खतरनाक स्तर पर है. पिछले दिनों एक सर्वे एजेंसी द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में जींद को दुनिया का 20वां सबसे प्रदूषित शहर बताया था. इसके बावजूद प्रशासन की नाक तले शहर में खुलेआम पॉलिथीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. नगर परिषद के अधिकारियों ने जरूर एनजीटी के आदेश पर कुछ चालान किए लेकिन वो भी नाकाफी रहे.

खतरनाक लेवल पर है जींद में प्रदूषण, देखें वीडियो

प्रति वॉर्ड का ये हाल तो शहर का क्या होगा?
शहर में प्रतिदिन 10 हजार किलोग्राम पॉलिथीन कूड़े से निकल रही है. यानी प्रति वॉर्ड के हिसाब से 322 किलोग्राम पॉलिथीन कूड़े में निकल रही है, जबकि बिक्री अलग से हो रही है. इसके हिसाब से तो शहर में पॉलिथीन के इस्तेमाल का आंकड़ा काफी खतरनाक है.

अधिकारियों की लगी थी अलग से ड्यूटी
पॉलिथीन को रोकने के लिए एडीसी से लेकर हुडा एस्टेट ऑफिसर की ड्यूटी चालान काटने के लिए छह साल पहले शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने लगाई थी. सभी 15 अधिकारियों को एक-एक चालान बुक भी दी गई थी लेकिन आज तक एक भी चालान नहीं काटा गया.

पल्ला झाड़ते नजर आए अधिकारी
वहीं पॉलिथीन के खुलेआम इस्तेमाल को लेकर जब नगर परिषद एग्जीक्यूटिव ऑफिसर से बात की गई तो वो मामले से पल्ला झाड़ते नजर आए. उन्होंने कुछ भी कहने से साफ इनकार करते हुए कहा कि उच्च अधिकारी ही इस बारे में जवाब देंगे.

पॉलिथीन बेचने पर ये है जुर्माने का प्रावधानः

  • 100 ग्राम से अधिक पर 500 रुपए जुर्माना
  • 101 से 500 ग्राम पर 1500 रुपए जुर्माना
  • 501 से एक किलोग्राम पर 3 हजार रुपए जुर्माना
  • एक से पांच किलोग्राम 10 हजार रुपए जुर्माना
  • पांच से 10 किलोग्राम 20 हजार रुपए जुर्माना
  • 10 किलोग्राम से अधिक 30 हजार रुपए जुर्माना

वैज्ञानिकों के मुताबिक
पर्यावरण वैज्ञानिकों की मानें तो पॉलिथीन और प्लास्टिक जलाने से निकलने वाली गैसों से सेहत को काफी नुकसान पहुंचता है. पॉलीथीन से निकलनी वाली कार्बन डाई ऑक्साइड गैस से सांस की बीमारी होती है, अगर उसमें पीवीसी मिला हुआ है तो उससे डाई ऑक्सीजन और फयुरान जैसी जहरीले गैस निकलती हैं. जिनसे कैंसर होता है.

Intro:

जींद शहर में प्रदूषण का लेवल खतरनाक स्तर पर है पिछले दिनों एक सर्वे एजेंसी द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में जींद को दुनिया का 20 वां वां सबसे प्रदूषित शहर बताया गया था, इसके बाद भी प्रशासन की आंखें नहीं खुली शहर में प्रशासन की आंख के नीचे खुलेआम पॉलिथीन का प्रयोग हो रहा है , नगर परिषद के अधिकारियों ने जरूर एनजीटी के आदेश पर कुछ चालान किए, लेकिन वह भी नाकाफी रहे। शहर में सरेआम पोलीथिन की बिक्री हो रही है।






Body:जींद शहर में प्रतिदिन 10 हजार किलोग्राम पोलीथिन कूड़े से निकल रहा है। यानी प्रति वार्ड के हिसाब से 322 किलोग्राम पोलीथिन कूड़े में निकल रहा है जबकि बिक्री अलग से हो रही है। इन पोलीथिन रोकने के लिए एडीसी से लेकर हुडा एस्टेट आफिसर की ड्यूटी चालान काटने के लिए छह साल पहले शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने लगाई थी। बाकायदा इन सभी 15 अधिकारियों एक-एक चालान बुक भी दी गई थी, लेकिन आज तक एक भी चालान नहीं काटा गया। नगर परिषद के अधिकारियों ने पिछले छह माह में मात्र 22 चालान किए। इन 22 लोगों से 16750 रुपए चालान के रूप में वसूले थे। जिन लोगों के चालान किए गए, उनमें रेहड़ी वालों के थे, लेकिन उन बड़ी मछलियों पर हाथ नहीं रखा गया, जो भारी मात्रा में पोलीथिन की खरीद करते हैं और स्थानीय बाजार में बिक्री करते हैं, ऐसे में शहर पोलीथिन मुक्त कैसे होगा?


इन अधिकारियों की लगाई गई थी ड्यूटियां
-जिला मेजिस्ट्रेट
-एडीसी
-जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी
-एसडीएम
-सीटीएम
-नगर परिषद, नगर निकाय के कमिश्नर
-नगर परिषद के ईओ
-नगर परिषद के सचिव
-नगर निगम के सहायक कमिश्नर
-नगर निगम के ज्वाइंट कमिश्नर
-जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के एसई
-जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक
-सहायक जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी
-जिला नगर योजनाकार
-एस्टेट आफिसर हुडा


पॉलिथीन के खुलेआम कारोबार को लेकर जब नगर परिषद एग्जीक्यूटिव ऑफिसर से चालान काटने के बारे में बात की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से साफ इंकार कर दिया उन्होंने कहा कि उच्च अधिकारी ही इस बारे में जवाब देंगे


कितना पोलीथिन बेचन पर कितना हो सकता है जुर्माना
100 ग्राम से अधिक         500 रुपए
101 से 500 ग्राम         1500 रुपए
501 से एक किलोग्राम         3000 रुपए
एक से पांच किलोग्राम         10000 रुपए
पांच से 10 किलोग्राम         20000 रुपए
10 किलोग्राम से अधिक         30000 रुपए



जिला उपायुक्त ने बताया कि लगातार  अभियान चलाया जा रहा है पोलीथिन बेचने वालों के खिलाफ समय-समय पर अभियान चलाकर चालान किए जाते हैं। पिछले दिनों भी कुछ दिनों में  चालान किए गए थे। भविष्य में दोबारा से चालान काटने का काम किया जाएगा।

बाइट डीसी आदित्य दहिया Conclusion:पर्यावरण वैज्ञानिकों की माने तो पोलीथीन व प्लास्टिक जलाने से निकलने वाली गैसों से सेहत को काफी नुकसान पहुंचता है। पोलीथीन से निकलनी वाली कार्बन डाईआक्साइड गैस से सांस की बीमारी होती है। यदि उसमें पीवीसी मिला हुआ है तो उससे डाई आक्सीजन और फयुरान जैसी जहरीले गैस निकलती हैं। इनसे कैंसर हो जाता है। पोलीथीन को अभी तक जलाया ही जा रहा है इसको रि-साइकिल के रूप में काफी कम प्रयोग में लाया जा रहा है।

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