कुरुक्षेत्र:अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2024 का आज तीसरा दिन है. यहां अलग-अलग राज्यों के कलाकार अपनी-अपनी कला की प्रदर्शनी कर रहे हैं. महोत्सव में हर दिन अलग-अलग कार्यक्रम हो रहे हैं. कई राज्यों के कलाकार अपने राज्य के संस्कृति की छटा कुरुक्षेत्र ब्रह्म सरोवर पर बिखेर रहे हैं. इस बीच लखनऊ के कलाकारों ने मनरा डांस से दर्शकों का मन मोह लिया. वहीं, राजस्थान से आए कलाकारों ने ब्रह्म सरोवर के तट पर कालबेलिया नृत्य का प्रदर्शन किया. ये नृत्य राजस्थानियों की परंपरागत नृत्य है.
राजस्थान के डांसरों ने किया कालबेलिया डांस: अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में जैसे ही राजस्थान के कलाकारों ने कालबेलिया डांस किया, वहां भीड़ लगनी शुरू हो गई. लोगों को उनका डांस बेहद पसंद आया. राजस्थान से आए कलाकार मेहबूब और कलाकार कविता कालबेलिया ने राजस्थान के प्रसिद्ध कालबेलिया डांस के बारे में बताया. कलाकारों ने कहा कि कालबेलिया डांस विलुप्त होती जा रही थी. पहले सांप के साथ खेल दिखाने का काम हम किया करते थे. इसके बाद सरकार ने इस काम पर रोक लगा दी थी. रोक लगाने के बाद हमने कालबेलिया नृत्य शुरू किया. इस डांस के साथ हम गीत भी गाते हैं. हमारी कई पीढ़ियां ये डांस करती आ रही है. हमने अपने माता-पिता से इस नृत्य को सीखा है. आगे अपने बच्चों को भी ये डांस सीखाएंगे.
अलग-अलग राज्यों में कर चुके हैं प्रदर्शन: इन कलाकारों ने बताया कि वे अलग-अलग राज्यों में अपने डांस का प्रदर्शन कर चुके हैं. इनकी टीम देश के अलग-अलग राज्यों में लगने वाले अलग-अलग सरस मेलों में जाकर डांस करते हैं. ताकि इनकी संस्कृति जीवित रहे. साथ ही लोगो को भी इस डांस के बारे में पता रहे. ये अपनी संस्कृति को जीवंत रखने के लिए अलग-अलग राज्यों में जाकर डांस करते हैं.
लखनऊ के कलाकारों ने किया मनरा डांस: वहीं, महोत्सव के दूसरे दिन लखनऊ से आए हुए कलाकारों ने महोत्सव में मनरा डांस किया. जैसे ही ये टीम महोत्सव में पहुंची, उन्हें देखने के लिए लोगों का जमावड़ा लग गया. पर्यटक इनके डांस पर झूमते नजर आए. मनरा डांस कर रही कलाकार निधि श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि वह पहली बार अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में आई है. महोत्सव में आकर प्रस्तुति देना अच्छा लग रहा है. लोगों को ये डांस बेहद पसंद आता है. हम इसके जरिए अपनी परंपरागत डांस को जीवंत रखना चाहते हैं.
महोत्सव के दौरान पूरे देशभर की संस्कृति से रू-ब-रू हो लोगों को काफी अच्छा लग रहा है. वहीं, सुबह से लेकर शाम तक महोत्सव में अलग-अलग कार्यक्रम किए जा रहे हैं. शुक्रवार शाम को संध्या आरती भी हुई. इस आरती में प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बडौली शामिल हुए. ये महोत्सव 15 दिसंबर तक चलेगा. इस महोत्सव में अलग-अलग राज्यों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है.
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