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रादौर में शरणार्थियों की राह देख रहा रैन बसेरा, रात में बस अड्डे पर सोता मिला एक शख्स

रादौर में नगरपालिका की ओर से बनाए गए रैन बसेरे में अभी तक कोई भी आश्रय लेने के लिए नहीं आया है. हालांकि निरीक्षण में रादौर में पुराने बस अड्डे पर एक शख्स सोता हुआ मिला.

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Published : Jan 13, 2020, 12:41 PM IST

Updated : Jan 13, 2020, 1:27 PM IST

यमुनानगरः रादौर में नगरपालिका की ओर से बनाए गए रैन बसेरे में अभी तक किसी भी शरणार्थी ने शरण नहीं ली है. हालांकि पालिका प्रशासन ने यहां जरूरतमंद के रात्रि विश्राम के लिए गद्दों और रजाइयों का प्रबंध किया है.

बीती रात जब हमारी टीम ने रैन बसेरे का निरीक्षण किया तो वहां पर कोई भी मौजूद नहीं था, जिसके बाद हमारी टीम रादौर के पुराने बस अड्डे पर पहुंची, जहां पर हमें बिहार निवासी राजेंद्र अंदर सोता हुआ मिला. जब हमारी टीम ने उस शख्स को रैन बसेरे के बारे बताया तो उसने कहा कि वो चलने फिरने में असमर्थ है, जिस वजह से वहां तक नहीं जा सकता.

रादौर में शरणार्थियों की राह देख रहा रैन बसेरा, रात में बस अड्डे पर सोता मिला एक शख्स.

वही जब इस बारे नगरपालिका सचिव अजय वालिया से बात की गई तो उन्होंने बताया की उस व्यक्ति के बारे जानकारी मिली है, उसको व्हील चेयर की जरूरत है. जिसके लिए रेडक्रॉस से बातचीत चल रही है.

वहीं नगरपालिका सचिव ने शहरवासियों से भी अपील करते हुए कहा की अगर उन्हें रात में कोई भी खुले में सोता मिलता है, तो उसकी जानकारी नगरपालिका को दे, ताकि उसे रैन बसेरे में लेकर लाया जा सके.

ये भी पढ़ेंः- हरियाणा सहित पूरे उत्तर भारत में लोहड़ी की धूम, सीएम सहित कई नेताओं ने दी बधाई

यमुनानगरः रादौर में नगरपालिका की ओर से बनाए गए रैन बसेरे में अभी तक किसी भी शरणार्थी ने शरण नहीं ली है. हालांकि पालिका प्रशासन ने यहां जरूरतमंद के रात्रि विश्राम के लिए गद्दों और रजाइयों का प्रबंध किया है.

बीती रात जब हमारी टीम ने रैन बसेरे का निरीक्षण किया तो वहां पर कोई भी मौजूद नहीं था, जिसके बाद हमारी टीम रादौर के पुराने बस अड्डे पर पहुंची, जहां पर हमें बिहार निवासी राजेंद्र अंदर सोता हुआ मिला. जब हमारी टीम ने उस शख्स को रैन बसेरे के बारे बताया तो उसने कहा कि वो चलने फिरने में असमर्थ है, जिस वजह से वहां तक नहीं जा सकता.

रादौर में शरणार्थियों की राह देख रहा रैन बसेरा, रात में बस अड्डे पर सोता मिला एक शख्स.

वही जब इस बारे नगरपालिका सचिव अजय वालिया से बात की गई तो उन्होंने बताया की उस व्यक्ति के बारे जानकारी मिली है, उसको व्हील चेयर की जरूरत है. जिसके लिए रेडक्रॉस से बातचीत चल रही है.

वहीं नगरपालिका सचिव ने शहरवासियों से भी अपील करते हुए कहा की अगर उन्हें रात में कोई भी खुले में सोता मिलता है, तो उसकी जानकारी नगरपालिका को दे, ताकि उसे रैन बसेरे में लेकर लाया जा सके.

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Intro:नगरपालिका द्वारा बनाए गए रैन बसेरे में अभी तक नहीं ली किसी ने शरण, पुराने बस अड्डे पर सोता मिला चलने फिरने में असमर्थ भिखारी, नगरपालिका सचिव बोले उस व्यक्ति के लिए की जा रही है व्यवस्था। Body:नगरपालिका रादौर में बनाए गए रैन बसेरे में अभी तक किसी भी शरणार्थी ने शरण नहीं ली है। हालकीं पालिका प्रशासन द्वारा यहाँ जरूरतमंद के रात्रि विश्राम के लिए गद्दों व रजाइयों का प्रबंधन किया गया है। बीती रात जब हमारी टीम ने रैन बसेरे का निरीक्षण किया तो वहां पर कोई भी मौजूद नहीं था, जिसके बाद हमारी टीम रादौर के पुराने बस अड्डे पर पंहुची जहाँ पर हमे बिहार निवासी राजेंद्र अंदर सोता हुआ मिला। जब हमारी टीम ने उस व्यक्ति को रैन बसेरे के बारे बताया तो उसने बताया की वो चलने फिरने में असमर्थ है, जिस वजह से वहां तक नहीं जा सकता। Conclusion:वही जब इस बारे नगरपालिका सचिव अजय वालिया से बात की गई तो उन्होंने बताया की उस व्यक्ति के बारे जानकारी मिली है, जिसको व्हील चेयर की जरूरत है। जिसके लिए रेडक्रॉस से बातचीत चल रही है। वही नगरपालिका सचिव शहरवासियों से भी अपील करते हुए कहा की अगर उन्हें रात में खुले में कोई भी सोता पाया जाता है, तो उसकी जानकारी नगरपालिका को दे, ताकि उसे रैन बसेरे में लेकर आया जा सके।

बाईट 1- राजेंद्र कुमार, भिखारी
बाईट 2 - अजय कुमार वालिया, सचिव नगरपालिका सचिव
Last Updated : Jan 13, 2020, 1:27 PM IST
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