जींद: कोरोना वायरस के चलते देश में पैदा हुई विकट परिस्थितियों के बीच हर व्यक्ति किसी न किसी तरीके से जनसेवा करने में लगा हुआ है. कोई जरूरतमंद व्यक्तियों को घरों में खाना पहुंचा रहा है तो कोई सैनिटाइजर व अन्य जरूरी सामान से जनसेवा कार्य कर रहा है.
आगनवाड़ी वर्कर ने पेश की मिसाल
इसी कड़ी में निडाना गांव की आंगनवाड़ी वर्कर पुष्पा भी घर में मास्क तैयार कर लोगों के घरों में पहुंचाकर जनसेवा के कार्य में जुटी हुई हैं. जब से कोरोना वायरस संक्रमण के मामले मिलने शुरू हुए हैं तबसे अब तक पुष्पा निडाना व आसपास के गांवों में लगभग तीन हजार मास्क फ्री में लोगों तक पहुंचा चुकी हैं.
इस कार्य में उसने गांव के अन्य 6 आंगनवाड़ी वर्करों का भी भरपूर सहयोग मिला है. ये मास्क पुष्पा अपने खुद के घर में उपलब्ध कपड़ों से तैयार करती है और फिर इन्हें वितरित करने के लिए प्रतिदिन गांवों में निकल जाती हैं.
उन्होंने बताया कि इस दौरान वो अपनी ड्यूटी का भी पूरी तरह से निर्वहन कर रही हैं. पुष्पा ने बताया कि कुछ दिनों पहले ऐसा भी वक्त आया जब घर में कोटन का कपड़ा खत्म हो गया, लेकिन वो इस मुहिम को जारी रखना चाहती थी तब उन्होंने आसपास के घरों से कपड़ा जुटाने की कवायद शुरू की और इसमें काफी सफलता भी मिली.
उन्होंने बताया कि ईंट, भट्टों पर काम करने वाले लोगों तक भी मास्क पहुंचाने की मुहिम शुरू हो चुकी है. प्रयास किया जाएगा कि आसपास के सभी ईंट-भट्टों पर काम करने वाले लोगों तक मास्क पहुंचाया जा सके.
मास्क बनाने के लिए कपड़े की व्यवस्था गांव में सिलाई का कार्य करने वाली महिलाओं से अनुरोध कर की जाएगाी. उन्होंने बताया कि पहले भी सिलाई का काम करने वाली ये महिलाएं कपड़ा उपलब्ध करवाने में सहयोग कर चुकी हैं.
'प्रधानमंत्री मोदी से मिली प्रेरणा'
पुष्पा का कहना है कि उसे ये काम करने की प्ररेणा प्रधानमंत्री के भाषण से मिली. कई दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को सम्बोन्धित करते हुए कहा था कि हर व्यक्ति मास्क का प्रयोग कर. अगर ये मास्क कपड़े के घर में बने हो तो और बेहतर होगा, तब मन ही मन में ये फैसला लिया कि घर में इतने मास्क तैयार किए जायेंगे कि गांव का कोई भी व्यक्ति मास्क से वंचित न रहे.