जींद: संघ लोक सेवा आयोग ने क्लास वन गजटेड ऑफिसर्स के लिए लिए इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस की परीक्षा करवाई थी. इस परीक्षा में जींद के रामराय गांव निवासी विक्रम ढुल ने देशभर में 88वां रैंक हासिल किया है. विक्रम की इस कामयाबी से पूरे गांव में खुशी का माहौल है. वहीं विक्रम के घर बधाई देने वालों का ताता लगा हुआ है.
बता दें कि विक्रम के पिता सुरेंद्र ढुल समग्र शिक्षा अभियान में सहायक जिला परियोजना संयोजक हैं. विक्रम तीन भाई-बहनों में मंझले हैं. बड़ा भाई रवींद्र ढुल एमबीए पास करके राष्ट्रीय स्तर पर पोल्ट्री का व्यवसाय कर रहे हैं.
आईआईटी दिल्ली के टॉपर रहे हैं विक्रम
विक्रम ढुल के पिता सुरेंद्र ढुल ने बताया कि विक्रम ने आईआईटी दिल्ली से बीटेक में टॉप किया था. उसके बाद इंजीनियरिंग एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड में चयन हुआ, लेकिन टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड में ज्वाइन नहीं किया और यूपीएससी की तैयारी की.
आईएएस बनने की है तमन्ना
उन्होंने बताया कि उसका अगला उद्देश्य भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारी करके प्रशासन में सुधार करना है. आईईएस एग्जाम तीन स्तर पर आयोजित किया जाता है. पहली स्टेज में इंजीनियरिंग की प्रीमलरी परीक्षा पास करके मेन एग्जाम पास किया. उसके बाद इंटरव्यू पास किया और फाइनल एग्जाम में 187 विद्यार्थी चयनित हुए, जिनमें विक्रम ढुल ने 88वां रैंक हासिल किया.
बता दें कि विक्रम ढुल की स्कूली पढ़ाई जींद के गोपाल विद्या मंदिर और डीएवी स्कूल में हुई. उसने सातवीं तक की पढ़ाई गोपाल स्कूल और आठवीं से बारहवीं तक की पढ़ाई डीएवी स्कूल से की है. उसके बाद आईआईटी दिल्ली से बीटेक की.