जींद: भारत-बांग्लादेश की सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (BSF) जवान सत्यवान खटकड़ ड्यूटी के दौरान दिल का दौरा पड़ने से शहीद हो गए. सोमवार को सत्यवान खटकड़ का पार्थिव शरीर मोहनगढ़ छापड़ा लाया गया. देशभक्ति नारों के साथ हरियाणा पुलिस, भारतीय सेना ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया. इस दौरान तहसीलदार निखिल सिंगला, डीएसपी अमित भाटिया के साथ-साथ क्षेत्र भर से लोग उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए. सत्यवान खटकड़ की ड्यूटी हाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर थी.
शहीद के पिता रामपाल सिंह ने बताया कि ड्यूटी से आने के बाद हर रोज सत्यवान घर पर फोन करता था. जिस दिन सत्यवान की मौत की खबर मिली उस दिन भी सुबह घर पर बात हुई थी. सत्यवान के घर जब उनका पार्थिव शरीर पहुंचा, तो परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया. परिजनों को यकीन नहीं हो रहा कि सत्यवान उनके बीच नहीं रहे. हर किसी की आंखें परिजनों को देख कर नम हो रही थी. ग्रामीण सत्यवान खटकड़ के मिलनसार स्वभाव की चर्चा आपस में कर रहे थे. पिता रामपाल सूबेदार रिटायर होने के चलते फौज में देश की सेवा के लिए जाने के लिए बचपन से ही सत्यवान के अंदर जुनून था.
48 वर्षीय सत्यवान खटकड़ 1995 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे. फिलहाल वह योगा इंस्ट्रक्टर के रूप में कार्य कर रहे थे और ड्यूटी के दौरान हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया. सत्यवान खटकड़ की ड्यूटी के दौरान मौत होने की खबर से पूरे गांव में मातम पसर गया. सोमवार को खटकड़ टोल पर उनका पार्थिव शरीर पहुंचा. यहां से देश भक्ति नारों के साथ बाइकों के काफिले के साथ उनके पार्थिव शरीर को गांव में लाया गया. यहां सेना ने अंतिम सलामी दी, इसके बाद अंतिम संस्कार किया गया. सत्यवान खटकड़ अपने पीछे पत्नी कांता देवी और दो बेटियों के अलावा एक बेटा को छोड़ गया. गांव के सरपंच प्रतिनिधि आमिर ने बताया कि सत्यवान खटकड़ बहुत ही साधारण स्वभाव वाला और मिलनसार था.
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