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बहादुरगढ़ में नशे के खिलाफ दौड़े युवा, 750 खिलाड़ियों ने लिया हिस्सा - नशे की दवाओं का सेवन

कोच चरण सिंह राठी ने बताया कि 16 साल से ज्यादा उम्र के लड़के और लड़कियों के लिए 3 किलोमीटर और 16 साल से कम उम्र लड़के और लड़कियों के लिए 1 किलोमीटर की दौड़ रखी गई है

नशे के खिलाफ दौड़े युवा खिलाड़ी
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Published : Jul 31, 2019, 1:36 PM IST

झज्जर: युवा खिलाड़ियों को नशे से दूर रखने का संदेश देने के लिए बहादुरगढ़ में रन अगेनस्ट डोप का आयोजन किया गया. डॉ. ललित भनोट एथलेटिक्स एकेडमी द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में करीब सात सौ से ज्यादा खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया.

बहादुरगढ़ में नशे के खिलाफ दौड़े युवा खिलाड़ी

भीमा अवार्डी कोच चरणजीत सिंह राठी ने बताया कि पिछले कई सालों से बहादुरगढ़ में इस रेस का आयोजन किया जा रहा है. दो वर्गों में होने वाली इस रेस के विजेता धावकों को प्रमाण पत्र और नकद इनाम राशि भी दी जाती है.

ये भी पढ़ें- फतेहाबाद: शिक्षकों के पे-स्केल बदलने में करोड़ों का हेर-फेर! इस तरह लगाया करोड़ों को चूना

कोच चरण सिंह राठी ने बताया कि 16 साल से ज्यादा उम्र के लड़के और लड़कियों के लिए 3 किलोमीटर और 16 साल से कम उम्र लड़के और लड़कियों के लिए 1 किलोमीटर की दौड़ रखी गई. उन्होंने बताया कि एथलेटिक्स के अलावा ताइक्वांडो, बॉक्सिंग और कबड्डी के खिलाड़ियों ने भी इस रेस में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. इस रेस का मकसद युवाओं और खिलाड़ियों को नशे से दूर रखना है.

उन्होंने कहा कि उभरते खिलाड़ी मेडल और अपना प्रदर्शन सुधारने के लिए नशे की दवाओं का सेवन करते हैं जिससे इनका शरीर खराब हो जाता है. उन्होंने खिलाड़ियों से नशे से दूर रहकर जीवन और खेलों में उपलब्धि हासिल की करने का आह्वान किया है.

रेस में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों ने भी इस प्रयास की सराहना की है. उनका कहना है कि इस तरह के इवेंट के जरिए खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलती है. एक तरफ जहां उन्हें शक्तिवर्धक दवा नहीं खाने के प्रति जागरूक किया जाता है तो वही रेस के माध्यम से प्रतिस्पर्धा करने के लिए भी प्रेरित किया जाता है.

झज्जर: युवा खिलाड़ियों को नशे से दूर रखने का संदेश देने के लिए बहादुरगढ़ में रन अगेनस्ट डोप का आयोजन किया गया. डॉ. ललित भनोट एथलेटिक्स एकेडमी द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में करीब सात सौ से ज्यादा खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया.

बहादुरगढ़ में नशे के खिलाफ दौड़े युवा खिलाड़ी

भीमा अवार्डी कोच चरणजीत सिंह राठी ने बताया कि पिछले कई सालों से बहादुरगढ़ में इस रेस का आयोजन किया जा रहा है. दो वर्गों में होने वाली इस रेस के विजेता धावकों को प्रमाण पत्र और नकद इनाम राशि भी दी जाती है.

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कोच चरण सिंह राठी ने बताया कि 16 साल से ज्यादा उम्र के लड़के और लड़कियों के लिए 3 किलोमीटर और 16 साल से कम उम्र लड़के और लड़कियों के लिए 1 किलोमीटर की दौड़ रखी गई. उन्होंने बताया कि एथलेटिक्स के अलावा ताइक्वांडो, बॉक्सिंग और कबड्डी के खिलाड़ियों ने भी इस रेस में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. इस रेस का मकसद युवाओं और खिलाड़ियों को नशे से दूर रखना है.

उन्होंने कहा कि उभरते खिलाड़ी मेडल और अपना प्रदर्शन सुधारने के लिए नशे की दवाओं का सेवन करते हैं जिससे इनका शरीर खराब हो जाता है. उन्होंने खिलाड़ियों से नशे से दूर रहकर जीवन और खेलों में उपलब्धि हासिल की करने का आह्वान किया है.

रेस में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों ने भी इस प्रयास की सराहना की है. उनका कहना है कि इस तरह के इवेंट के जरिए खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलती है. एक तरफ जहां उन्हें शक्तिवर्धक दवा नहीं खाने के प्रति जागरूक किया जाता है तो वही रेस के माध्यम से प्रतिस्पर्धा करने के लिए भी प्रेरित किया जाता है.

Intro:बहादुरगढ़ में नशे के खिलाफ दौड़े युवा खिलाड़ी
करीब 750 युवा खिलाड़ियों ने लगाई दौड़।
खिलाड़ियों को नशे से दूर रखने का संदेश देने के लिए रन अगेंस्ट डोप का किया गया आयोजन।
डॉ ललित भनोट एकेडमी द्वारा दौड़ का किया गया आयोजन
16 साल से ज्यादा की उम्र के लड़के और लड़कियों ने तय किया 3 किलोमीटर का सफर।
पिछले कई साल से 31 जुलाई के दिन बहादुरगढ़ में आयोजित होती आ रही है यह दौड़।Body:युवा खिलाड़ियों को नशे से दूर रखने का संदेश देने के लिए आज बहादुरगढ़ में रन अगेंस्ट डोप का आयोजन किया गया.। डॉ ललित भनोट एथलेटिक्स एकेडमी द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में साडे सात सौ से ज्यादा खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। भीमा अवार्डी कोच चरणजीत सिंह राठी ने बताया कि पिछले कई सालों से बहादुरगढ़ में इस रेस का आयोजन किया जा रहा है। दो वर्गों में होने वाली इस रेस के विजेता धावकों को प्रमाण पत्र और नकद इनाम राशि भी दी जाती हैं। कोच चरण सिंह राठी ने बताया कि 16 साल से ज्यादा उम्र के लड़के व लड़कियों के लिए 3 किलोमीटर और 16 साल से कम उम्र लड़के और लड़कियों के लिए 1 किलोमीटर की दौड़ रखी गई। उन्होंने बताया कि एथलेटिक्स के अलावा ताइक्वांडो, बॉक्सिंग और कबड्डी के खिलाड़ियों ने भी इस रेस में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस रेस का मकसद युवाओं और खिलाड़ियों को नशे से दूर रखना है। उन्होंने कहा कि उभरते खिलाड़ी मेडल और अपना प्रदर्शन सुधारने के लिए नशे की दवाओं का सेवन करते हैं। जिससे इनका शरीर खराब हो जाता है। उन्होंने खिलाड़ियों से नशे से दूर रहकर जीवन और खेलों में उपलब्धि हासिल की करने का आह्वान किया है। रेस में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों ने भी इस प्रयास की सराहना की है। उनका कहना है कि इस तरह के इवेंट के जरिए खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलती है। एक तरफ जहां उन्हें शक्ति वर्धक दवा नहीं खाने के प्रति जागरूक किया जाता है। तो वही रेस के माध्यम से प्रतिस्पर्धा करने के लिए भी प्रेरित किया जाता है।
बाइट भीम अवार्डी कोच चरण सिंह राठी और पूजा खिलाड़ी।
प्रदीप धनखड़
बहादुरगढ़।Conclusion:इस रेस का मकसद युवाओं और खिलाड़ियों को नशे से दूर रखना है। उन्होंने कहा कि उभरते खिलाड़ी मेडल और अपना प्रदर्शन सुधारने के लिए नशे की दवाओं का सेवन करते हैं। जिससे इनका शरीर खराब हो जाता है। उन्होंने खिलाड़ियों से नशे से दूर रहकर जीवन और खेलों में उपलब्धि हासिल की करने का आह्वान किया है। रेस में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों ने भी इस प्रयास की सराहना की है।
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