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झज्जर: आर-पार की लड़ाई के मूड में रोडवेज कर्मचारी, सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप - हरियाणा रोडवेज में निजी बस

रोडवेज विभाग की तालमेल कमेटी ने एक बार फिर सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. ये कर्मचारी रोडवेज विभाग में निजीकरण का भी विरोध कर रहे हैं.

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Published : Sep 8, 2019, 12:36 PM IST

झज्जर: रोडवेज विभाग की तालमेल कमेटी ने एक बार फिर सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. तालमेल कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वीरेन्द्र धनखड़ ने कहा कि प्रदेश की खट्टर सरकार लाठी व डंडों की सरकार है.

सरकार को बताया लाठी-डंडों की सरकार

जब अपनी मांगों को लेकर यदि कोई कर्मचारी या कर्मचारी संगठन विरोध करता है तो सरकार लाठी व डंडों के बल पर उसकी आवाज को दबाने की कोशिश करती है.

आर-पार की लड़ाई के मूड में रोडवेज कर्मचारी, क्लिक कर देखें वीडियो

आपको बता दें कि रोडवेज कर्मचारियों को 22 सितम्बर को होने वाले कर्मचारियों व आमजन के नागरिक सम्मेलन में आने के लिए न्यौता मिला है. इस सम्मेलन में कर्मचारी अपने मुद्दें को उठाएंगे.

निजीकरण का कर रहे हैं विरोध

बताते चलें कि इन कर्मचारियों की मांग है कि किलोमीटर स्कीम के तहत प्राइवेट बसें ठेकें पर लेने की नीति को रद्द किया जाए. किलोमीटर स्कीम की जांच भ्रष्टाचार में शामिल दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और परिवहन विभाग में 14 हजार नई सरकारी बसें शामिल की जाएं. कुल मिलाकर कहें तो ये अपने सेक्टर में निजीकरण का विरोध कर रहे हैं.

किये थे बड़े आंदोलन

इन कर्मचारियों द्वारा किए गए बड़े आंदोलनों के बावजूद भी हरियाणा सरकार रोडवेज में निजी बसें हायर करने की नीति को रद्द नहीं कर रही है जबकि कर्मचारियों द्वारा माननीय हाईकोर्ट व सरकार को निजीकरण से होने वाले नुकसान के बारे में बहुत सारे ठोस तर्क दिए जा चुके थे. लेकिन सरकार से इस बारे में कोई जवाब नहीं मिला है.

झज्जर: रोडवेज विभाग की तालमेल कमेटी ने एक बार फिर सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. तालमेल कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वीरेन्द्र धनखड़ ने कहा कि प्रदेश की खट्टर सरकार लाठी व डंडों की सरकार है.

सरकार को बताया लाठी-डंडों की सरकार

जब अपनी मांगों को लेकर यदि कोई कर्मचारी या कर्मचारी संगठन विरोध करता है तो सरकार लाठी व डंडों के बल पर उसकी आवाज को दबाने की कोशिश करती है.

आर-पार की लड़ाई के मूड में रोडवेज कर्मचारी, क्लिक कर देखें वीडियो

आपको बता दें कि रोडवेज कर्मचारियों को 22 सितम्बर को होने वाले कर्मचारियों व आमजन के नागरिक सम्मेलन में आने के लिए न्यौता मिला है. इस सम्मेलन में कर्मचारी अपने मुद्दें को उठाएंगे.

निजीकरण का कर रहे हैं विरोध

बताते चलें कि इन कर्मचारियों की मांग है कि किलोमीटर स्कीम के तहत प्राइवेट बसें ठेकें पर लेने की नीति को रद्द किया जाए. किलोमीटर स्कीम की जांच भ्रष्टाचार में शामिल दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और परिवहन विभाग में 14 हजार नई सरकारी बसें शामिल की जाएं. कुल मिलाकर कहें तो ये अपने सेक्टर में निजीकरण का विरोध कर रहे हैं.

किये थे बड़े आंदोलन

इन कर्मचारियों द्वारा किए गए बड़े आंदोलनों के बावजूद भी हरियाणा सरकार रोडवेज में निजी बसें हायर करने की नीति को रद्द नहीं कर रही है जबकि कर्मचारियों द्वारा माननीय हाईकोर्ट व सरकार को निजीकरण से होने वाले नुकसान के बारे में बहुत सारे ठोस तर्क दिए जा चुके थे. लेकिन सरकार से इस बारे में कोई जवाब नहीं मिला है.

Intro:तालमेल कमेटी ने सरकार के खिलाफ फिर भरी हुंकार
: खट्टर सरकार को बताया लाठी,डंडों की सरकार
: 22 के इसराना सम्मेलन में होगा निर्णायक फैसलाBody:रोड़वेज विभाग की तालमेल कमेटी ने एक बार फिर सरकार पर वायदाखिलाफी का आरोप लगाकर सरकार के खिलाफ हुंकार भरी है। तालमेल कमेटी ने हरियाणा की खट्टर सरकार को लाठी व डंडों की सरकार बताया
है और कहा है कि अपनी मांगों को लेकर यदि कोई कर्मचारी या फिर कर्मचारी संगठन विरोध जताता है तो सरकार लाठी व डंडों के बल पर उसकी आवाज को दबाने का प्रयास करती है। झज्जर रोड़वेज कर्मचारियों के बीच 22 सितम्बर को होने वाले कर्मचारियों व आमजन के नागरिक सम्मेलन के लिए कर्मचारियों को न्यौता
देने पहुंचे तालमेल कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वीरेन्द्र धनखड़ ने कहा कि कर्मचारियों द्वारा किए गए बड़े आंदोलनों के बावजूद भी हरियाणा सरकार रोडवेज में निजी बसें हायर करने की नीति को रद्द नहीं कर रही है जबकि कर्मचारियों द्वारा माननीय हाईकोर्ट व सरकार को निजीकरण से होने वाले नुकसान बारे बहुत सारे ठोस तर्क दिए जा चुके है लेकिन सरकार के पास इनका कोई जवाब नहीं है। इसलिए किलोमीटर स्कीम के तहत प्राइवेट बसें ठेके पर लेने की नीति रद्द करने, किलोमीटर स्कीम की जांच विजिलेंस की बजाए माननीय
हाईकोर्ट के सीटिंग जज व सी बी आई से करवाने, भ्रष्टाचार में शामिल दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने, परिवहन विभाग में 14,000 नई सरकारी बसें शामिल की जाए। इस अवसर पर राजवीर,संदीप, रमेश, देवेंद्र ,महिपाल, प्रवीण डीघल, राकेश, अमरपाल, प्रदीप तेजवीर, नसीब, बिल्लू , राजेश, डाबला आदि उपस्थित रहे।
बाइट- बीरेंद्र
झज्जर Conclusion: कर्मचारियों द्वारा किए गए बड़े आंदोलनों के बावजूद भी हरियाणा सरकार रोडवेज में निजी बसें हायर करने की नीति को रद्द नहीं कर रही है जबकि कर्मचारियों द्वारा माननीय हाईकोर्ट व सरकार को निजीकरण से होने वाले नुकसान बारे बहुत सारे ठोस तर्क दिए जा चुके है लेकिन सरकार के पास इनका कोई जवाब नहीं है। इसलिए किलोमीटर स्कीम के तहत प्राइवेट बसें ठेके पर लेने की नीति रद्द करने, किलोमीटर स्कीम की जांच विजिलेंस की बजाए माननीय
हाईकोर्ट के सीटिंग जज व सी बी आई से करवाने, भ्रष्टाचार में शामिल दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने, परिवहन विभाग में 14,000 नई सरकारी बसें शामिल की जाए।
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