झज्जर: बर्खास्त पीटीआई टीचर्स ने झज्जर में सहकारिता मंत्री बनवारी लाल के सामने अपना दुखड़ा बयां किया. इस दौरान पीटीआई टीचर्स ने बनवारी लाल से गुहार लगाते हुए कहा कि अगर उनकी नौकरी बहाल नहीं हुई तो वह सड़क पर आ जाएंगे और उनके बच्चे भूखे मर जाएंगे. वहीं बनवारी लाल ने पीटीआई टीचर के बर्खास्त होने का जिम्मेदार पूर्व की कांग्रेस सरकार को बताया.
सहकारिता मंत्री बनवारी लाल ने कहा कि ये कांग्रेस सरकार के कार्यकाल की देन है जो आज आप लोग इस कगार पर आ खड़े हुए हैं. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि कि यह फैसला सुप्रीम कोर्ट का है, सुप्रीम कोर्ट ने ही भर्ती को गलत ठहराया है फिर भी सरकार कानून के तहत कोई रास्ता निकालने का प्रयास कर रही है. बता दें कि, सोमवार को सहकारिता मंत्री झज्जर जिला सचिवालय में सहकारिता बैंक के एटीएम का उद्घाटन करने पहुंचे थे.
सहकारी बैंक एटीएम का किया शुभारंभ
जिला मुख्यालय पर एटीएम केंद्र के शुभारंभ के बाद बातचीत करते हुए सहकारिता मंत्री ने कहा कि केंद्रीय सहकारी बैंक की ओर से मोबाइल बैंकिंग सुविधा शुरू की जा रही है जिसके तहत उपभोक्ता बैंक के मोबाइल एप के माध्यम से घर बैठे लेनदेन कर सकेंगे. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि झज्जर की सेंटल केंद्रीय सहकारी बैंक के 29,052 किसानों को रुपे किसान कार्ड वितरित किए जा चुके हैं ताकि वे किसान कार्ड का प्रचलन एटीएम के माध्यम से कर सकें.
झज्जर में शुरू किए गए केंद्रीय सहकारी बैंक के एटीएम केंद्र से 10 हजार रुपए प्रति ट्रांसेक्शन सेवा निर्धारित की गई है और एक दिन में उपभोक्ता उक्त केंद्र से 50 हजार रुपए तक की राशि निकाल सकता है. किसी भी बैंक के एटीएम कार्ड से उक्त एटीएम से ट्रांसेक्शन की जा सकती है.
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वहीं इस दौरान बर्खास्त पीटीआई शिक्षक भी सहकारिता मंत्री बनवारी लाल से मिले और अपनी बहाली की मांग की. जिस पर सहकारिता मंत्री बनवारी लाल ने शिक्षकों को आश्वासन देते हुए कहा कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट का है, लेकिन हरियाणा सरकार कानून के तहत कोई रास्ता निकालने का प्रयास कर रही है.
ये है पीटीआई शिक्षकों का मामला
साल 2010 में भूपेंद्र हुड्डा की सरकार में 1983 पीटीआई शिक्षक भर्ती किए गए थे. भर्ती के बाद कुछ लोगों ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में इसे चुनौती दी थी. हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा गया था कि सैकड़ों चयनित उम्मीदवारों का शैक्षिक रिकॉर्ड बेहद खराब है. ऐसे में महज मौखिक परीक्षा के आधार पर नियुक्ति कर ली गई.
आरोप लगा था कि 90 फीसदी मेधावी उम्मीदवार मौखिक परीक्षा में बुरी तरह असफल रहे. उन्हें 30 में से 10 नंबर भी नहीं मिले. इसी के साथ यह भी आरोप लगा था कि इंटरव्यू के लिए तय 25 अंक को बदलकर 30 कर दिया गया. इन सबके मद्देनजर हाई कोर्ट ने पीटीआई भर्ती को रद्द कर दिया था. इसके बाद पीटीआई सुप्रीम कोर्ट चले गए थे. इसके बाद अब पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए हाई कोर्ट के फैसले को सहीं बताया था, और भर्ती को रद्द कर दिया था. जिसके बाद हरियाणा सरकार ने पीटीआई को नौकरी से निकाल दिया था. इसी को लेकर पीटीआई शिक्षक पूरे प्रदेश में प्रदर्शन करते हुए सरकार से बहाली की मांग कर रहे हैं.
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