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झज्जर: औंधे मुंह गिरा नगर पालिका चेयरपर्सन नंदवानी के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव

फ्लोर टेस्ट में फेल होने के बाद असंतुष्टों ने पालिका की बैठक से बाहर आते ही जमकर नारेबाजी की और फ्लोर टेस्ट में पास पालिका प्रधान कविता नंदवानी की जीत को भ्रष्टाचार की जीत बताया.

No confidence motion against  kaveeta Nandwani
चेयरपर्सन नंदवानी के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव
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Published : Jan 13, 2020, 5:59 PM IST

झज्जर: पालिका में प्रधान कवीता नंदवानी को हटाने के लिए पिछले काफी लंबे समय से जारी असंतुष्टों की मुहिम सोमवार को कोरम पूरा न होने के चलते औंधे मुंह जा गिरी. प्रधान को हटाने के लिए असंतुष्टों को 13 का संख्या बल चाहिए था, लेकिन असंतुष्टों की लाख कोशिशों के बावजूद वो बहुमत मुताबिक संख्या बल नहीं जुटा पाए और वोटिंग करने के लिए केवल 12 पार्षद ही पालिका पहुंचे. कोरम पूरा न होने के चलते चुनाव अधिकारी शिखा ने बैठक स्थगित कर दी.

जमकर हुई नारेबाजी

फ्लोर टेस्ट में फेल होने के बाद असंतुष्टों ने पालिका की बैठक से बाहर आते ही जमकर नारेबाजी की और फ्लोर टेस्ट में पास पालिका प्रधान कविता नंदवानी की जीत को भ्रष्टाचार की जीत बताया. पालिका उपाध्यक्ष प्रवीण गर्ग, महाबीर गुज्जर, सरजीत गुज्जर ने अलग-अलग दिए गए बयान में कहा कि बेशक वो संख्या बल कम होने के चलते फ्लोर टेस्ट में फेल हो गए हो, लेकिन प्रधान के खिलाफ उनकी भ्रष्टचार विरोधी मुहिम जारी रहेगी.

नगर पालिका चेयरपर्सन नंदवानी के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव

13 पार्षदों फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की थी
बता दें कि 19 पार्षदों वाली झज्जर पालिका में प्रधान कविता नंदवानी के खिलाफ असंतुष्टों ने मोर्चा खोलते हुए पिछले महीने जिला 13 पार्षदों ने अपने शपथ पत्र जिला उपायुक्त को सौंपे थे और प्रधान के खिलाफ फ्लोर टेस्ट कराए जाने की मांग की थी.

केवल 12 पार्षद ही फ्लोर टेस्ट में पहुंचे

असंतुष्टों की मांग पर ही जिला प्रशासन ने सभी पार्षदों को 15 दिनों का नोटिस देते हुए 13 जनवरी का दिन फ्लोर टेस्ट के लिए निर्धारित किया था. लेकिन इससे पहले की असंतुष्ट
अपनी मुहिम में सफल हो पाते उससे पहले ही पालिका प्रधान कविता नंदवानी असंतुष्टों के खेमे से एक पार्षद को अपने पाले में लाने में कामयाब हो गए. यहीं वजह रहीं कि सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग वाले दिन केवल 12 पार्षद ही फ्लोर टेस्ट में वोटिंग के लिए पहुंच पाए. लेकिन बैठक के लिए 13 पार्षदों का संख्या बल जरूरी होने के चलते प्रधान नंदवानी के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव औंधे मुंह जा गिरा.

प्रधान खेमा रहा वोटिंग से गायब

सोमवार को फ्लोर टेस्ट की वोटिंग वाले दिन विशेष बात ये देखने को मिली कि जहां असंतुष्टों का खेमा निर्धारित समय पर पालिका पहुंच गया. वहीं प्रधान कविता नंदवानी के खेमे ने बैठक से दूरी बनाए रखी. करीब पौन घंटे तक इंतजार करने के बाद जब बैठक के लिए जरूरी संख्या बल बैठक में नहीं पहुंचा तो चुनाव अधिकारी शिखा ने पालिका प्रांगण में बकायदा पालिका के ही एक कर्मचारी से पालिका के बाहर बैठक के लिए आवाजें भी लगवाई, लेकिन काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी पालिका बैठक में संख्या बल केवल 12 ही रहा. बाद में निर्वाचन अधिकारी शिखा ने कोरम पूरा न होने के चलते फ्लोर टेस्ट के लिए लाई गई बैठक को स्थगित कर दिया.

फ्लोर टेस्ट में मौजूद रहे यह पार्षद

19 पार्षदों वाली पालिका की सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव के लिए बुलाई गई. बैठक में जो 12 पार्षद पहुंचे उनमें पालिका उपाध्यक्ष प्रवीण गर्ग, सरजीत गुज्जर, महाबीर गुज्जर, सुरेश बाल्मीकि, महिला पार्षद निर्मला बंसल, ममता जिंदल, ईशवन्ती, मोनिका गूलिया, सविता यादव, मीना सैनी, सवीता नागर, सवीता यादव प्रमुख रूप से शामिल रहे.

इन्होंने बनाई दूरी

जबकि पालिका की इस बैठक से जिन पार्षदों ने दूरी बनाए रखी उनमें पालिका प्रधान कविता नंदवानी, महेन्द्र वर्मा,घनश्याम, ममता यादव, व्याख्या देवी, हेमन्त भगाना शामिल हैं.

ये भी पढ़ें- लकड़ी खरीदने कैथल जा रहे 2 कारीगरों को रोडवेज बस ने कुचला, एक की मौत

झज्जर: पालिका में प्रधान कवीता नंदवानी को हटाने के लिए पिछले काफी लंबे समय से जारी असंतुष्टों की मुहिम सोमवार को कोरम पूरा न होने के चलते औंधे मुंह जा गिरी. प्रधान को हटाने के लिए असंतुष्टों को 13 का संख्या बल चाहिए था, लेकिन असंतुष्टों की लाख कोशिशों के बावजूद वो बहुमत मुताबिक संख्या बल नहीं जुटा पाए और वोटिंग करने के लिए केवल 12 पार्षद ही पालिका पहुंचे. कोरम पूरा न होने के चलते चुनाव अधिकारी शिखा ने बैठक स्थगित कर दी.

जमकर हुई नारेबाजी

फ्लोर टेस्ट में फेल होने के बाद असंतुष्टों ने पालिका की बैठक से बाहर आते ही जमकर नारेबाजी की और फ्लोर टेस्ट में पास पालिका प्रधान कविता नंदवानी की जीत को भ्रष्टाचार की जीत बताया. पालिका उपाध्यक्ष प्रवीण गर्ग, महाबीर गुज्जर, सरजीत गुज्जर ने अलग-अलग दिए गए बयान में कहा कि बेशक वो संख्या बल कम होने के चलते फ्लोर टेस्ट में फेल हो गए हो, लेकिन प्रधान के खिलाफ उनकी भ्रष्टचार विरोधी मुहिम जारी रहेगी.

नगर पालिका चेयरपर्सन नंदवानी के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव

13 पार्षदों फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की थी
बता दें कि 19 पार्षदों वाली झज्जर पालिका में प्रधान कविता नंदवानी के खिलाफ असंतुष्टों ने मोर्चा खोलते हुए पिछले महीने जिला 13 पार्षदों ने अपने शपथ पत्र जिला उपायुक्त को सौंपे थे और प्रधान के खिलाफ फ्लोर टेस्ट कराए जाने की मांग की थी.

केवल 12 पार्षद ही फ्लोर टेस्ट में पहुंचे

असंतुष्टों की मांग पर ही जिला प्रशासन ने सभी पार्षदों को 15 दिनों का नोटिस देते हुए 13 जनवरी का दिन फ्लोर टेस्ट के लिए निर्धारित किया था. लेकिन इससे पहले की असंतुष्ट
अपनी मुहिम में सफल हो पाते उससे पहले ही पालिका प्रधान कविता नंदवानी असंतुष्टों के खेमे से एक पार्षद को अपने पाले में लाने में कामयाब हो गए. यहीं वजह रहीं कि सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग वाले दिन केवल 12 पार्षद ही फ्लोर टेस्ट में वोटिंग के लिए पहुंच पाए. लेकिन बैठक के लिए 13 पार्षदों का संख्या बल जरूरी होने के चलते प्रधान नंदवानी के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव औंधे मुंह जा गिरा.

प्रधान खेमा रहा वोटिंग से गायब

सोमवार को फ्लोर टेस्ट की वोटिंग वाले दिन विशेष बात ये देखने को मिली कि जहां असंतुष्टों का खेमा निर्धारित समय पर पालिका पहुंच गया. वहीं प्रधान कविता नंदवानी के खेमे ने बैठक से दूरी बनाए रखी. करीब पौन घंटे तक इंतजार करने के बाद जब बैठक के लिए जरूरी संख्या बल बैठक में नहीं पहुंचा तो चुनाव अधिकारी शिखा ने पालिका प्रांगण में बकायदा पालिका के ही एक कर्मचारी से पालिका के बाहर बैठक के लिए आवाजें भी लगवाई, लेकिन काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी पालिका बैठक में संख्या बल केवल 12 ही रहा. बाद में निर्वाचन अधिकारी शिखा ने कोरम पूरा न होने के चलते फ्लोर टेस्ट के लिए लाई गई बैठक को स्थगित कर दिया.

फ्लोर टेस्ट में मौजूद रहे यह पार्षद

19 पार्षदों वाली पालिका की सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव के लिए बुलाई गई. बैठक में जो 12 पार्षद पहुंचे उनमें पालिका उपाध्यक्ष प्रवीण गर्ग, सरजीत गुज्जर, महाबीर गुज्जर, सुरेश बाल्मीकि, महिला पार्षद निर्मला बंसल, ममता जिंदल, ईशवन्ती, मोनिका गूलिया, सविता यादव, मीना सैनी, सवीता नागर, सवीता यादव प्रमुख रूप से शामिल रहे.

इन्होंने बनाई दूरी

जबकि पालिका की इस बैठक से जिन पार्षदों ने दूरी बनाए रखी उनमें पालिका प्रधान कविता नंदवानी, महेन्द्र वर्मा,घनश्याम, ममता यादव, व्याख्या देवी, हेमन्त भगाना शामिल हैं.

ये भी पढ़ें- लकड़ी खरीदने कैथल जा रहे 2 कारीगरों को रोडवेज बस ने कुचला, एक की मौत

Intro:औंधे मुंह गिरा प्रधान नंदवानी के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव
: 19 पार्षदों वाली पालिका में 12 पार्षद हीं पहुंचे वोटिंग करने
: फ्लोर टेस्ट में फेल असंतुष्टों ने पालिका में जमकर की नारेबाजी
कहा: भ्रष्टाचार की हुई जीत,प्रधान के खिलाफ मुहिम रहेगी जारीBody:झज्जर पालिका में प्रधान कवीता नंदवानी को हटाने के लिए पिछले काफी लंबे समय से जारी असंतुष्टों की मुहिम सोमवार को कोरम पूरा न होने के चलते औंधे मुंह जा गिरी। प्रधान को हटाने के लिए असंतुष्टों को 13 का संख्याबल चाहिए था,लेकिन असंतुष्टों की लाख कोशिशों के बावजूद वह बहुमत मुताबिक संख्या बल नहीं जुटा पाए और वोटिंग करने के लिए केवल 12 पार्षद ही पालिका पहुंचे। कोरम पूरा न होने के चलते चुनाव अधिकारी शिखा ने बैठक स्थगित कर दी। फ्लोर टेस्ट में फेल होने के बाद असंतुष्टों ने पालिका की बैठक से बाहर आते ही जमकर नारेबाजी की और फ्लोर टेस्ट में पास पालिका प्रधान कविता नंदवानी की जीत को भ्रष्टाचार की जीत बताया। पालिका उपाध्यक्ष प्रवीण गर्ग,महाबीर गुज्जर,सरजीत गुज्जर ने अलग-अलग दिए गए बयान में कहा कि बेशक वह संख्या बल कम होने के चलते फ्लोर टेस्ट में फेल हो गए हो,लेकिन प्रधान के खिलाफ उनकी भ्रष्टचार विरोधी
मुहिम जारी रहेगी। बता दें कि 19 पार्षदों वाली झज्जर पालिका में प्रधान कविता नंदवानी के खिलाफ असंतुष्टों ने मोर्चा खोलते हुए पिछले माह जिला 13 पार्षदों ने अपने शपथ पत्र जिला उपायुक्त को सौंपे थे और प्रधान के
खिलाफ फ्लोर टेस्ट कराए जाने की मांग की थी। असंतुष्टों की मांग पर ही जिला प्रशासन ने सभी पार्षदों को 15 दिनों का नोटिस देते हुए 13 जनवरी का दिन फ्लोर टेस्ट के लिए निर्धारित किया था। लेकिन इससे पहले की असंतुष्ट
अपनी मुहिम में सफल हो पाते उससे पहले ही पालिका प्रधान कविता नंदवानी असंतुष्टों के खेमे से एक पार्षद को अपने पाले में लाने में कामयाब हो गए। यहीं वजह रहीं कि सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग वाले दिन
केवल 12 पार्षद ही फ्लोर टेस्ट में वोटिंग के लिए पहुंच पाए। लेकिन बैठक के लिए 13 पार्षदों का संख्या बल जरूरी होने के चलते प्रधान नंदवानी के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव औंधे मुंह जा गिरा। प्रधान खेमा रहा वोटिंग से गायब: सोमवार को फ्लोर टेस्ट की वोटिंग वाले दिन विशेष बात यह देखने को मिली कि जहां असंतुष्टों का खेमा निर्धारित समय पर पालिका पहुंच गया वहीं प्रधान कविता नंदवानी के खेमे ने बैठक से दूरी बनाए रखी। करीब पौन घंटे तक इंतजार करने के बाद जब बैठक के लिए जरूरी संख्या बल बैठक में नहीं पहुंचा तो चुनाव अधिकारी शिखा ने पालिका प्रांगण में बकायदा पालिका के ही एक कर्मचारी से पालिका के बाहर बैठक के लिए आवाजें भी लगवाई,लेकिन काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी पालिका बैठक में संख्या बल केवल 12 ही रहा। बाद
में निर्वाचन अधिकारी शिखा ने कोरम पूरा न होने के चलते फ्लोर टेस्ट के लिए लाई गई बैठक को स्थगित कर दिया।
फ्लोर टेस्ट में मौजूद रहे यह पार्षद: 19 पार्षदों वाली पालिका की सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव के लिए बुलाई गई
बैठक में जो 12 पार्षद पहुंचे उनमें पालिका उपाध्यक्ष प्रवीण गर्ग,सरजीत गुज्जर,महाबीर गुज्जर,सुरेश बाल्मीकि,महिला पार्षद निर्मला बंसल,ममता जिंदल,ईशवन्ती,मोनिका गूलिया,सविता यादव,मीना सैनी,सवीता नागर,सवीता यादव प्रमुख रूप से शामिल रहे। जबकि पालिका की इस बैठक से जिन पार्षदों ने
दूरी बनाए रखी उनमें पालिका प्रधान कविता नंदवानी,महेन्द्र वर्मा,घनश्याम, ममता यादव,व्याख्या देवी,हेमन्त भगाना शामिल है।
बाइट - नगरपालिका वाइस चेयरमेन परवीन गर्ग
बाइट- पार्षद महावीर गुज्जर
प्रदीप धनखड़
झज्जर ।Conclusion:अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग वाले दिन केवल 12 पार्षद ही फ्लोर टेस्ट में वोटिंग के लिए पहुंच पाए। लेकिन बैठक के लिए 13 पार्षदों का संख्या बल जरूरी होने के चलते प्रधान नंदवानी के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव औंधे मुंह जा गिरा।
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