झज्जर: प्रदेश की राजनीति में साल 2020 कई नए मोड़ लेकर आने वाला है. इसकी शुरुआत 2019 के जाते-जाते जननायक जनता पार्टी से आए बगावती सुरों से हो गई है. इस दौरान दीपेंद्र हुड्डा ने इशारों-इशारों में कहा कि सत्तापक्ष के नाराज विधायकों के वो संपर्क में हैं और नए राजनीतिक समीकरणों की तरफ बढ़ रहे हैं. लेकिन वो कहते हैं कि उनकी सहानुभूति उन विधायकों के साथ हैं जो ये मानकर छटपटा रहे हैं कि ये सरकार जनभावनाओं के खिलाफ है.
'सरकार को जनभावनाओं के खिलाफ नहीं करने देंगे काम'
इस दौरान दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि जेजेपी और बीजेपी सरकार अब तक अपना कॉमन मीनिमम प्रोग्राम भी तय नहीं कर पाई है. दीपेंद्र ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी के वोटों में सिर्फ 4200 वोटों का फर्क है. इस बार विपक्ष ताकतवर है और वो सरकार को जनभावनाओं के खिलाफ काम नहीं करने देंगे.
NRC और CAA पर बोले दीपेंद्र हुड्डा
वहीं एनआरसी और सीएए पर बोलते हुए दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि आर्थिक मंदी, महंगाई, बेरोजगारी और कृषि संकट से लोगों का ध्यान हटाने के लिए सरकार ऐसा कर रही है.
'विधानसभा चुनाव में मिले समर्थन ने दी ताकत'
वही लोकसभा में मिली हार के बाद चेहरे पर जो निराशा और हताशा के भाव दीपेंद्र हुड्डा के चेहरे पर नजर आते थे वो भाव अब खुशियों और चमक में बदल चुके हैं. विधानसभा चुनावों में मिले समर्थन ने उन्हें ताकत दी और अब सत्तापक्ष के विधायकों की छटपटाहट से उनकी उम्मीदों को पंख लग गए हैं.
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