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हरियाणा के इस जिले की दो बेटियां ओलंपिक में दिखाएंगी हॉकी का जलवा, देखिए संघर्ष से सफलता तक की कहानी - हॉकी खिलाड़ी शर्मिला ओलंपिक चयन

टोक्यो ओलंपिक 2021 (Tokyo Olympics 2021) में भारतीय हॉकी टीम में हरियाणा से 9 महिला खिलाड़ी सिलेक्ट हुई हैं. जिसमें से दो हिसार की रहने वाली हैं. दोनों इस वक्त बैंगलूर में ओलंपिक के लिए पसीना बहा रही हैं.

Tokyo Olympics 2021
Tokyo Olympics 2021
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Published : Jun 19, 2021, 11:07 PM IST

हिसार: हरियाणा को पदकों की फैक्ट्री कहा जाता है. ऐसा इसलिए कि हमेशा से ही खेलों में हरियाणा राज्य का बड़ा योगदान रहा है. कॉमनवेल्थ गेम हो या फिर ओलंपिक भारत की पदक तालिका में हरियाणा एक अहम हिस्सा रखता है. पहलवानी और बॉक्सिंग के बाद हॉकी में भी हरियाणा के खिलाड़ियों का जलवा देखने को मिल रहा है. इसी रुतबे को बरकरार रखते हुए भारतीय महिला हॉकी टीम में हरियाणा की 9 खिलाड़ी सिलेक्ट हुई हैं. जिसमें से 2 हिसार जिले से संबंध रखती है. टोक्यो ओलंपिक के लिए भारतीय महिला हॉकी टीम में हिसार की उदिता का चयन हुआ है.

ये भी पढ़ें- ये भी पढ़ें: वर्ल्ड नंबर-1 गोलकीपर का खिताब पा चुकी हरियाणा की बेटी हॉकी स्टिक से ओलंपिक में दिखाएंगी दम, गोल्ड पर टिकी निगाहें

उदिता के हॉकी कोच आजाद मलिक ने बताया कि ओलंपिक को लेकर उदिता ने कड़ी मेहनत की है. उन्होंने कहा कि ये काफी गर्व की बात है कि हमारे जिले के बच्चे ओलंपिक में खेल रहे हैं. उन्होंने भारतीय हॉकी टीम से ओलंपिक में मेडल की उम्मीद जताई. कैमरी गांव की रहने वाली हॉकी खिलाड़ी शर्मिला के घर मेडल का ढेर लगा है. ये मेडल शर्मिला की उपलब्धि बताने के लिए काफी हैं. शर्मिला भी मेडल के लिए दिन रात मेहनत कर रही हैं.

संघर्ष भरा रहा है हिसार की इन दो बेटियों का ओलंपिक तक का सफर, क्लिक कर देखें वीडियो

एक समय था जब उनके पिता सुरेश शर्मिला को सपोर्ट नहीं करते थे. एक दिन जब शर्मिला का चंडीगढ़ में ट्रायल था तो उनके पिता ने जाने के लिए मना कर दिया. जिसके बाद शर्मिला रात भर रोती रहीं. सुबह 3 बजे के करीब उसकी मां ने जब शर्मिला को देखा तो उन्होंने शर्मिला के पिता से बात की. जिसके बाद शर्मिला चंडीगढ़ में ट्रायल के लिए गई. इसके बाद कभी शर्मिला ने पीछे मुड़कर नहीं देखा.

शर्मिला की जिद, मेहनत और जूनून के सामने उनके पिता की ज्यादा दिन नहीं चली. आज पूरे हिसार को शर्मिला पर गर्व है. उनके माता-पिता भी बेटी की इस उपलब्धि पर फूले नहीं समा रहे. उदिता और शर्मिला, हिसार की ये दो बेटियां अब अलंपिक में जवले बिखेरने को तैयार हैं. इसके लिए वो दिन रात कड़ी मेहनत कर रही हैं. यहां तक पहुंचने के लिए दोनों ही खिलाड़ियों ने आर्थिक तंगी के साथ सामाजिक दबाव को भी सहा, लेकिन कभी हार नहीं मानी. अब इन दोनों खिलाड़ियों के माता-पिता और कोच के साथ पूरा देश इनसे मेडल की उम्मीद लगाए बैठा है.

Tokyo Olympics 2021
दोनों खिलाड़ियों की खूबियां

ये भी पढ़ें- हरियाणा की ये छोरियां टोक्यो आलंपिक में देश का नाम चमकाने को तैयार, भारत को गोल्ड की उम्मीद

साल 2010 में उदिता जब 8 साल की थी तभी से वो साइंस सेंटर हिसार में कोच आजाद सिंह मलिक के पास खेलती थी. धीरे-धीरे वो स्कूल गेम्स से आगे बढ़ते हुए राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करती गई और एशियाड गेम में अच्छे प्रदर्शन के बाद उन्हें हरियाणा खेल विभाग हिसार में बतौर कोच की नौकरी मिली. हालांकि अब वो टीम के लिए खेल रही हैं तो ड्यूटी पर नहीं जा रही हैं. फिलहाल वो नेशनल कैंप बेंगलुरु में अपनी टीम के साथ अभ्यास कर रही हैं और जुलाई के महीने में होने वाले टोक्यो ओलंपिक को लेकर तैयारी में जुटी हुई हैं. बता दें कि उदिता के पिता जसबीर सिंह जो हरियाणा पुलिस में सब इंस्पेक्टर थे. उनका साल 2015 में बीमारी के चलते निधन हो गया था.

हिसार: हरियाणा को पदकों की फैक्ट्री कहा जाता है. ऐसा इसलिए कि हमेशा से ही खेलों में हरियाणा राज्य का बड़ा योगदान रहा है. कॉमनवेल्थ गेम हो या फिर ओलंपिक भारत की पदक तालिका में हरियाणा एक अहम हिस्सा रखता है. पहलवानी और बॉक्सिंग के बाद हॉकी में भी हरियाणा के खिलाड़ियों का जलवा देखने को मिल रहा है. इसी रुतबे को बरकरार रखते हुए भारतीय महिला हॉकी टीम में हरियाणा की 9 खिलाड़ी सिलेक्ट हुई हैं. जिसमें से 2 हिसार जिले से संबंध रखती है. टोक्यो ओलंपिक के लिए भारतीय महिला हॉकी टीम में हिसार की उदिता का चयन हुआ है.

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उदिता के हॉकी कोच आजाद मलिक ने बताया कि ओलंपिक को लेकर उदिता ने कड़ी मेहनत की है. उन्होंने कहा कि ये काफी गर्व की बात है कि हमारे जिले के बच्चे ओलंपिक में खेल रहे हैं. उन्होंने भारतीय हॉकी टीम से ओलंपिक में मेडल की उम्मीद जताई. कैमरी गांव की रहने वाली हॉकी खिलाड़ी शर्मिला के घर मेडल का ढेर लगा है. ये मेडल शर्मिला की उपलब्धि बताने के लिए काफी हैं. शर्मिला भी मेडल के लिए दिन रात मेहनत कर रही हैं.

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एक समय था जब उनके पिता सुरेश शर्मिला को सपोर्ट नहीं करते थे. एक दिन जब शर्मिला का चंडीगढ़ में ट्रायल था तो उनके पिता ने जाने के लिए मना कर दिया. जिसके बाद शर्मिला रात भर रोती रहीं. सुबह 3 बजे के करीब उसकी मां ने जब शर्मिला को देखा तो उन्होंने शर्मिला के पिता से बात की. जिसके बाद शर्मिला चंडीगढ़ में ट्रायल के लिए गई. इसके बाद कभी शर्मिला ने पीछे मुड़कर नहीं देखा.

शर्मिला की जिद, मेहनत और जूनून के सामने उनके पिता की ज्यादा दिन नहीं चली. आज पूरे हिसार को शर्मिला पर गर्व है. उनके माता-पिता भी बेटी की इस उपलब्धि पर फूले नहीं समा रहे. उदिता और शर्मिला, हिसार की ये दो बेटियां अब अलंपिक में जवले बिखेरने को तैयार हैं. इसके लिए वो दिन रात कड़ी मेहनत कर रही हैं. यहां तक पहुंचने के लिए दोनों ही खिलाड़ियों ने आर्थिक तंगी के साथ सामाजिक दबाव को भी सहा, लेकिन कभी हार नहीं मानी. अब इन दोनों खिलाड़ियों के माता-पिता और कोच के साथ पूरा देश इनसे मेडल की उम्मीद लगाए बैठा है.

Tokyo Olympics 2021
दोनों खिलाड़ियों की खूबियां

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साल 2010 में उदिता जब 8 साल की थी तभी से वो साइंस सेंटर हिसार में कोच आजाद सिंह मलिक के पास खेलती थी. धीरे-धीरे वो स्कूल गेम्स से आगे बढ़ते हुए राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करती गई और एशियाड गेम में अच्छे प्रदर्शन के बाद उन्हें हरियाणा खेल विभाग हिसार में बतौर कोच की नौकरी मिली. हालांकि अब वो टीम के लिए खेल रही हैं तो ड्यूटी पर नहीं जा रही हैं. फिलहाल वो नेशनल कैंप बेंगलुरु में अपनी टीम के साथ अभ्यास कर रही हैं और जुलाई के महीने में होने वाले टोक्यो ओलंपिक को लेकर तैयारी में जुटी हुई हैं. बता दें कि उदिता के पिता जसबीर सिंह जो हरियाणा पुलिस में सब इंस्पेक्टर थे. उनका साल 2015 में बीमारी के चलते निधन हो गया था.

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