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हिसार: 24 जून को पूरे प्रदेश में शिक्षा मंत्री के पुतले का दहन करेगा अध्यापक संघ - शिक्षा मंत्री पुतला दहन हिसार

अपनी मांगों को लेकर हरियाणा अध्यापक संघ ने एलान किया है कि अगर 22 जून तक शिक्षा मंत्री उनकी मांगों को नहीं माने तो 24 जून को पूरे राज्य में प्रदर्शन किया जाएगा.

teachers association will burn effigies of education minister in entire state on 24 june
24 जून को पूरे प्रदेश में शिक्षा मंत्री के पुतले का दहन करेगा अध्यापक संघ
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Published : Jun 21, 2020, 8:59 PM IST

हिसार: रविवार को हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ, हिसार कमेटी की बैठक हुई. इस बैठक की अध्यक्षता जिला प्रधान सुरेंद्र सैनी और संचालन जिला सचिव पवन कुमार ने की. इस दौरान पवन कुमार ने कहा कि शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के अधिकारी बार-बार पत्र लिखने के बावजूद अध्यापकों की समस्या पर बातचीत करने को तैयार नहीं है. ऐसे में यदि 22 जून तक शिक्षा मंत्री हटाए गए पीटीआई अध्यापकों और अन्य शिक्षकों के मुद्दों पर बातचीत के लिए समय नहीं देते. तो 24 जून को पूरे प्रदेश में शिक्षा मंत्री के पुतले जलाए जाएंगे.

अध्यापक संघ के जिला प्रधान सुरेंद्र सैनी और जिला सचिव पवन कुमार ने बताया कि शिक्षा विभाग से लगातार इस तरह के तुगलकी फरमान जारी किए जा रहे हैं. जिसके चलते अध्यापकों को अपनी जान से हाथ धोने पड़ रहे हैं.

ये भी पढ़ें: भिवानी: हरियाणा अध्यापक संघ 24 जून को करेगा पूरे राज्य में शिक्षा मंत्री का पुतला दहन

क्या है अध्यापक संघ की मांगें ?

जिला प्रधान सुरेंद्र सैनी ने कहा कि अध्यापक संघ की मांग है कि रेशनेलाइजेशन नीति को खत्म किया जाए. लंबे समय से जिन अध्यापकों की पदोन्नती अटकी हुई है उन अध्यापकों की पदोन्नती की जाए. उन्होंने बताया कि 2011 और 2017 में लगे अध्यापकों को स्थाई तौर पर जिले अलॉट करते हुए स्पष्ट ट्रांसफर नीति लागू की जाए.

इन्हीं सब मांगों को लेकर अध्यापक संघ ने बार-बार शिक्षा मंत्री और वित्तायुक्त को पत्र लिखा है लेकिन ना तो उच्च अधिकारी और ना ही शिक्षा मंत्री इस मुद्दे पर बात करना चाहते हैं. इसलिए अध्यापक संघ ने फैसला किया है कि 24 जून को प्रदर्शन करते हुए पूरे राज्य में शिक्षा मंत्री का पुतला दहन किया जाए.

रेशनेलाइजेशन नीति क्या है?

किसी सरकारी स्कूल में छात्र के हिसाब से अध्यापक रखने की नीति को रेशनेलाइजेशन नीति कहते हैं. इस नीति के तहत शिक्षा विभाग द्वारा 1 से 20 विद्यार्थियों की संख्या पर 1 जेबीटी(जूनियर बेसिक ट्रेंड) शिक्षक नियुक्त होगा. इसके बाद 21 से 60 विद्यार्थियों पर 2 जेबीटी, 61 से 90 पर 3 जेबीटी, 91 से 120 पर 4 जेबीटी, 121 से 150 पर 5 जेबीटी, 151 से 200 पर 4 जेबीटी और 1 हेड टीचर, और 241 से 280 विद्यार्थियों पर 6 जेबीटी, 1 हेडटीचर नियुक्त किया जाएगा. इस नीति के तहत अगर किसी स्कूल में कम बच्चे हैं और शिक्षक ज्यादा हैं. तो उस स्कूल से कुछ शिक्षकों को हटा दिया जाएगा.

इस नीति को शिक्षकों ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की थी. जिसमें यह बताया गया था कि अब हर कक्षा में 25 की बजाय 30 बच्चे होंगे. इस फैसले से विभिन्न जिलों में करीब 4000 शिक्षकों के सरप्लस होने के आसार है. ऐसे में इन शिक्षकों की नौकरी पर खतरा मंडरा सकता है. शिक्षकों ने बेंच को बताया था कि 25 बच्चों पर एक शिक्षक तैनात होना चाहिए. मुख्य शिक्षक की पोस्ट भी 125 बच्चों पर होनी चाहिए. लेकिन अब इसे बढ़ाकर 151 कर दिया गया है.

हिसार: रविवार को हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ, हिसार कमेटी की बैठक हुई. इस बैठक की अध्यक्षता जिला प्रधान सुरेंद्र सैनी और संचालन जिला सचिव पवन कुमार ने की. इस दौरान पवन कुमार ने कहा कि शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के अधिकारी बार-बार पत्र लिखने के बावजूद अध्यापकों की समस्या पर बातचीत करने को तैयार नहीं है. ऐसे में यदि 22 जून तक शिक्षा मंत्री हटाए गए पीटीआई अध्यापकों और अन्य शिक्षकों के मुद्दों पर बातचीत के लिए समय नहीं देते. तो 24 जून को पूरे प्रदेश में शिक्षा मंत्री के पुतले जलाए जाएंगे.

अध्यापक संघ के जिला प्रधान सुरेंद्र सैनी और जिला सचिव पवन कुमार ने बताया कि शिक्षा विभाग से लगातार इस तरह के तुगलकी फरमान जारी किए जा रहे हैं. जिसके चलते अध्यापकों को अपनी जान से हाथ धोने पड़ रहे हैं.

ये भी पढ़ें: भिवानी: हरियाणा अध्यापक संघ 24 जून को करेगा पूरे राज्य में शिक्षा मंत्री का पुतला दहन

क्या है अध्यापक संघ की मांगें ?

जिला प्रधान सुरेंद्र सैनी ने कहा कि अध्यापक संघ की मांग है कि रेशनेलाइजेशन नीति को खत्म किया जाए. लंबे समय से जिन अध्यापकों की पदोन्नती अटकी हुई है उन अध्यापकों की पदोन्नती की जाए. उन्होंने बताया कि 2011 और 2017 में लगे अध्यापकों को स्थाई तौर पर जिले अलॉट करते हुए स्पष्ट ट्रांसफर नीति लागू की जाए.

इन्हीं सब मांगों को लेकर अध्यापक संघ ने बार-बार शिक्षा मंत्री और वित्तायुक्त को पत्र लिखा है लेकिन ना तो उच्च अधिकारी और ना ही शिक्षा मंत्री इस मुद्दे पर बात करना चाहते हैं. इसलिए अध्यापक संघ ने फैसला किया है कि 24 जून को प्रदर्शन करते हुए पूरे राज्य में शिक्षा मंत्री का पुतला दहन किया जाए.

रेशनेलाइजेशन नीति क्या है?

किसी सरकारी स्कूल में छात्र के हिसाब से अध्यापक रखने की नीति को रेशनेलाइजेशन नीति कहते हैं. इस नीति के तहत शिक्षा विभाग द्वारा 1 से 20 विद्यार्थियों की संख्या पर 1 जेबीटी(जूनियर बेसिक ट्रेंड) शिक्षक नियुक्त होगा. इसके बाद 21 से 60 विद्यार्थियों पर 2 जेबीटी, 61 से 90 पर 3 जेबीटी, 91 से 120 पर 4 जेबीटी, 121 से 150 पर 5 जेबीटी, 151 से 200 पर 4 जेबीटी और 1 हेड टीचर, और 241 से 280 विद्यार्थियों पर 6 जेबीटी, 1 हेडटीचर नियुक्त किया जाएगा. इस नीति के तहत अगर किसी स्कूल में कम बच्चे हैं और शिक्षक ज्यादा हैं. तो उस स्कूल से कुछ शिक्षकों को हटा दिया जाएगा.

इस नीति को शिक्षकों ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की थी. जिसमें यह बताया गया था कि अब हर कक्षा में 25 की बजाय 30 बच्चे होंगे. इस फैसले से विभिन्न जिलों में करीब 4000 शिक्षकों के सरप्लस होने के आसार है. ऐसे में इन शिक्षकों की नौकरी पर खतरा मंडरा सकता है. शिक्षकों ने बेंच को बताया था कि 25 बच्चों पर एक शिक्षक तैनात होना चाहिए. मुख्य शिक्षक की पोस्ट भी 125 बच्चों पर होनी चाहिए. लेकिन अब इसे बढ़ाकर 151 कर दिया गया है.

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