हिसार: अब जिस नेता ने इनेलो का दामन छोड़ा है उनका नाम है सुभाष गोयल. ये इनेलो शासन काल में शहरी निकाय मंत्री भी रह चुके हैं. हांसी से इनेलो के पूर्व विधायक गोयल ने अभी अपने राजनीतिक भविष्य के पत्ते नहीं खोले हैं लेकिन ये स्पष्ट कर दिया है कि वो राष्ट्रीय पार्टी में ही शामिल होंगे और आने वाले एक हफ्ते में अपने पत्ते खोल देंगे.
सुभाष गोयल ने पत्रकार वार्ता में कहा कि इनेलो पार्टी की पारिवारिक कलह के कारण उन्होंने पार्टी छोड़ी हैं. उन्होंने कहा कि देवीलाल और ओमप्रकाश चौटाला की जन जन के विकास की जो नीतियां थी उनका लाभ आज भी जनता को मिल रहा है, लेकिन परिवार की लड़ाई के कारण अब विचारधारा पर चलना मुश्किल हो गया था. इसी कारण से उन्होंने पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया है.
बता दें कि इससे पहले इंडियन नेशनल लोकदल के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने मंगलवार को पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. अरोड़ा इनेलो के सात बार प्रदेशाध्यक्ष और थानेसर विधानसभा से चार बार विधायक रहे हैं. इस्तीफे के वक्त वह इतने भावुक नजर आए कि उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े.
वहीं अभय चौटाला ने आरोप लगाया था कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार से मिलकर खुद दुष्यंत और दिग्गविजय चौटाला ने जींद उपचुनाव में प्रचार करने के लिए चौटाला को आने से रोका है, इसलिए वह उनसे पारिवारिक रिश्ते भी खत्म करते हैं. लेकिन ताजा स्थिति की बात करें तो खाप नेताओं की पहल के बाद ऐसी अटकलें तेज हैं कि इनेलो और जेजेपी फिर एक हो सकती है. इस बारे अभय चौटाला पहले ही सहमति जता चुके हैं, वहीं दुष्यंत चौटाला ने भी मना नहीं किया है, लेकिन दुष्यंत ने कहा कि सभी फैसले खुद अजय चौटाला ही लेंगे.