हिसार: हिसार के उकलाना में मंगलवार शाम को एक दर्दनाक हादसे में चार लोगों की मौत (hisar sewer workers death) हो गई थी. सीवरेज ट्रीटमेंट टैंक में मेंटेनेंस के लिए उतरे 4 मजदूरों की मौत से कोहराम मच गया. करीब 50 फीट गहरे टैंक में नीचे चार लोग उतरे थे. सीवरेज वेस्ट से बनी जहरीली गैस की वजह से इन चारों कर्मचारियों की मौत हो गई. चारों युवाओ के शव को पोस्टमार्टम के बाद आज उनका गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया. सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में हुए हादसे में से एक के शव को दफनाया गया जबकि 3 युवाओं की चिताए जली.
चारों के अंतिम संस्कार के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए राज्य मंत्री अनूप धानक ने घटना पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी गई है. जिसमें एडीसी, एसडीएम और एक्शन पब्लिक हेल्थ नियुक्त किए गए हैं. इस लापरवाही में किसी भी कर्मचारी और अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा. राज्य मंत्री अनूप धानक ने बताया कि अधिकारियों एवं ठेकेदारों के साथ बातचीत के बाद ठेकेदार की ओर से मृतक परिवारों के परिजनों को 11-11 लाख रुपए और लेबर वेलफेयर बोर्ड की ओर से प्रत्येक परिवार को 5 लाख की सहायता राशि दी जाएगी. उन्होंने कहा कि अधिकारियों से बातचीत के बाद प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को डीसी रेट पर नौकरी भी दी जाएगी.
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पुलिस ने ठेकेदार के खिलाफ मामला दर्ज कार्रवाई शुरू कर दी गई है. वहीं बताया जा रहा है कि राहत एवं बचाव कार्य के दौरान प्रशासन की ओर से भी कोई मदद ना मिल पाने के कारण इतना बड़ा हादसा हुआ. जानकारी के अनुसार सीवरेज सिस्टम में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए सेफ्टी किट दी जाती है लेकिन इस हादसे के दौरान कर्मचारियों के पास कोई सेफ्टी किट नहीं थी.
ये सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) हिसार के गांव बुढ़ाखेड़ा के स्वर्ग आश्रम के पास बना है. जब से ये प्लांट बना है तब से लोग बेहद परेशान हैं. आस-पास के लोग ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाली बदबू से बेहद तंग आ चुके हैं. गांव वालों ने कई बार एसटीपी को यहां से स्थानांतरित करने की मांग भी की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के टैंक में उतरे कर्मचारियों के पास कोई सुरक्षा के इंतजाम नहीं थे.
सीवर टैंक करीब 40 फीट गहरा है जिसमें चार से पांच फुट गहराई में कीचड़ जमा हुआ था. सुरेंद्र व राहुल ठेकेदारी के तहत अनुबंध पर काम कर रहे थे. जब ये हादसा हुआ तो दोनों को बचाने के चक्कर में महेंद्र और राजेश को भी अपनी जान गंवानी पड़ी.