हिसार: अक्सर देखने में आता है कि लोग दाद, खाज और खुजली को मामूली सी बीमारी समझकर अनदेखा कर देते हैं, लेकिन दाद, खाज, खुजली कई बार फंगल इंफेक्शन होता है. जिसे हम दाद समझते हैं और ऐसे मामलों में लोग खुद ही डॉक्टर बनकर बाजार से या मेडिकल शॉप से खुद स्टेरॉयड लेकर खाने लगते हैं. जिससे दो-तीन दिन के लिए आराम हो जाता है, लेकिन बाद में वह फंगल इंफेक्शन विकराल रूप धारण कर लेता है. इस तरह के फंगल इंफेक्शन को कैसे पहचाना जाए और कैसे इनसे बचा जाए, इसको लेकर ईटीवी भारत ने हिसार के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. अनूप गोयल (dermatologist Anoop Goyal) से विशेष बातचीत की.
ईटीवी भारत से बात करते हुए डॉ. अनूप गोयल ने बताया कि चर्म रोग एक साधारण रोग होता है और यह हमारी नमी और साफ-सफाई की कमी की वजह से ज्यादा (causes of fungal infection) फैलती है. इसके अलावा हमारी लापरवाही इसमें एक बड़ा कारण बनती है. जैसे ही कुछ खाज खुजली होती है, लोग मेडिकल शॉप में जाकर बिना डॉक्टर की सलाह के स्टेरॉयड या अन्य दवाइयां लेते हैं. जिससे खारिश एक-दो दिन के लिए तो ठीक हो जाता है, लेकिन जैसे ही दवाई लगाना छोड़ते हैं, वह विकराल रूप ले लेती है. इसलिए मेरी सलाह है कि जरा सा भी चर्म रोग होते ही तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए.
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तकनीकी भाषा में फंगल को टीनिया बोला जाता है. टीनिया आगे कई विभागों में उसके लक्षण अनुसार है. शरीर के क्षेत्र के हिसाब से अलग-अलग टीनिया होता है. जांघों पर हो तो टीनिया क्रुरिश, चेहरे पर टीनिया फेसिया होता है, शरीर पर हो तो टीनिया कॉरपोरिस कहा जाता है. लगभग सब के कारण और लक्षण एक जैसे ही होते हैं और इलाज भी मिलता-जुलता ही है. इन सबका कारण एक ही है साफ-सफाई की कमी और लापरवाही के साथ स्टेरॉयड्स का गलत प्रयोग.
डॉ. गोयल ने बताया कि हिसार में सबसे ज्यादा त्वचा में समस्या ही फंगस की होती है. उसका कारण है कि अपने पूरे परिवार में एक ही साबुन का प्रयोग किया जाता है. पूरा परिवार एक ही तोलिया यूज कर रहा है, जबकि सबका साबुन और तोलिया अलग-अलग होना (prevention of fungal infection) चाहिए और नहाने के बाद तोलिये को करारी धूप में सुखाना चाहिए. हमेशा कपड़ों को आयरन करके ही पहनना चाहिए.
फंगल इन्फेक्शन के बचाव के उपाय
- नमी में रहने से बचें
- पसीने सोख लेने वाले कपड़े या सूती कपड़े पहनें
- चर्म रोगी के संपर्क में ना आएं, उसके कपड़े-तौलिया को काम में ना लें
- परिवार में एक से अधिक सदस्यों को फंगल होने पर एक साथ इलाज लें
फंगल इन्फेक्शन के कारण
- एक-दूसरे के तोलिया एवं कपड़े उपयोग करना
- घर में किसी और सदस्य को फंगल इंफेक्शन होना तथा सभी सदस्यों का एक साथ इलाज नहीं कराना
- अत्यधिक कसे हुए वस्त्र पहनना
- पर्सनल हाइजीन यानि साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखना
- डॉक्टर को दिखाने से पहले ही मरीज के स्वत: ही लगाई गई दवाइयां, जिनमें स्टेरॉयड की मात्रा होती है
- मरीज द्वारा अधूरा इलाज लेकर दवा बंद कर देना, जिससे बीमारी पूरी तरह खत्म होने से पहले फिर से बढ़ जाती है
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गौरतलब है कि युवाओं में सबसे ज्यादा समस्या चेहरे पर फुंसियां वह धब्बे होते हैं. ऐसी समस्या होने पर सबसे पहले तो चेहरे की साफ सफाई का ध्यान रखना चाहिए और उन फुंसियों को छूना व फोड़ना नहीं चाहिए. ऐसी समस्याएं शरीर में समय के साथ बदलाव होने से होती हैं. इन समस्याओं को लेकर कभी भी सेल्फ ट्रीटमेंट नहीं करना चाहिए. तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
अक्सर देखने में आता है ट्रेन में रेलवे स्टेशन पर या बसों में एजेंट दाद, खाज, खुजली एक झटके में ठीक करने की दवाइयां देते नजर आते हैं. लोग उनसे दवाइयां खरीदते भी हैं और इस्तेमाल भी करते हैं. उन दवाइयों से तुरंत खारिश में आराम हो जाता है, लेकिन वह बीमारी ठीक नहीं होती है. जैसे ही दवाई बंद करते हैं, वह फंगस इंफेक्शन बेहद बड़ा विकराल रूप धारण कर लेती है. ऐसे में कभी भी खुद किसी भी त्वचा रोग का इलाज नहीं करना चाहिए. इससे वह बीमारी ठीक होने की बजाए बढ़कर असंतुलित हो सकती हैं.
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