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हिसार: किसानों ने की सीएम से मिलने की मांग, नहीं मिलने पर सड़कों पर उतरने की चेतावनी - हिसार में किसानों ने की सीएम ने मिलने की मांग

हिसार में समीक्षा बैठक कर किसानों ने सीएम से मुलाकात करने की मांग की. किसानों ने कहा कि अगर सीएम ने उन्हें बातचीत का मौका नहीं दिया तो वो लोग मजबूरन सड़कों पर उतरने को मजबूर हो जाएंगे.

sanyukt jal sangharsh samiti meeting hisar
संयुक्त जल संघर्ष समिति की हिसार में बैठक
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Published : Nov 28, 2019, 7:32 PM IST

हिसार: जाट धर्मशाला में संयुक्त जल संघर्ष समिति की ओर से बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें सैकड़ों किसानों ने हिस्सा लिया. बैठक में नहरी पानी के मुद्दे पर सरकार के साथ 20 मांगों पर हुए समझौते की समीक्षा की गई.

संयुक्त जल संघर्ष समिति की हिसार में बैठक
संयुक्त जल संघर्ष समिति के प्रधान कुरड़ाराम नंबरदार ने बताया कि सरकार के साथ जो 20 बिंदुओं पर समझौते हुए थे, उनमें से 3 बिंदुओं पर सरकार अभी तक एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है. खनोरी हेड से 225 क्यूसिक पानी देना, बरवाला ब्रांच, बालसमंद ब्रांच की रिमॉडलिंग करना और सिरसा ब्रांच को नीचा करने का काम अभी तक बकाया है.

किसानों ने की सीएम ने मिलने की मांग

किसानों ने मांगों पर की समीक्षा बैठक
इसके साथ ही कि खनोरी हेड पर रेजिंग करवाने के लिए पंजाब सरकार को पैसा और राजस्थान की तरफ से एनओसी देने की बाद भी काम शुरू नहीं किया गया है. इसके इलावा बरसाती सीजन में लगातार पानी देने के लिए भी सरकार कोई पुख्ता प्रबंध नहीं कर पाई है.

20 साल से जारी है किसानों का संघर्ष
कुरड़ाराम नंबरदार ने बताया कि किसान पिछले 20 साल से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. पिछले 2 साल से उन्होंने आंदोलन किया. जिसके बाद सीएम मनोहर लाल ने उसने बातचीत कर 6 महीने के अंदरा मांगें पूरी होने का आश्वासन दिया था, लेकिन 6 महीने से ज्यादा का वक्त बीत जाने के बाद भी मांगें पूरी नहीं हुई हैं.

ये भी पढ़िए: कैथल: महिला फिल्म महोत्सव में पहुंची राज्यमंत्री कमलेश ढांडा, महिलाओं को किया जागरूक

‘सीएम मुलाकात का वक्त दें, नहीं तो उतरेंगे सड़कों पर’

उन्होंने बताया कि सभी किसान चाहते हैं कि सीएम एक बार फिर उनसे मुलाकात करें. 12 दिसंबर को कमेटी की पंचकूला में समीक्षा बैठक होनी है. जिसमें वो चाहते हैं कि मुख्यमंत्री उन्हें मुलाकात का वक्त दें. अगर सीएम ने उन्हें बातचीत का मौका नहीं दिया वो लोग मजबूरन सड़कों पर उतरने को मजबूर हो जाएंगे.

हिसार: जाट धर्मशाला में संयुक्त जल संघर्ष समिति की ओर से बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें सैकड़ों किसानों ने हिस्सा लिया. बैठक में नहरी पानी के मुद्दे पर सरकार के साथ 20 मांगों पर हुए समझौते की समीक्षा की गई.

संयुक्त जल संघर्ष समिति की हिसार में बैठक
संयुक्त जल संघर्ष समिति के प्रधान कुरड़ाराम नंबरदार ने बताया कि सरकार के साथ जो 20 बिंदुओं पर समझौते हुए थे, उनमें से 3 बिंदुओं पर सरकार अभी तक एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है. खनोरी हेड से 225 क्यूसिक पानी देना, बरवाला ब्रांच, बालसमंद ब्रांच की रिमॉडलिंग करना और सिरसा ब्रांच को नीचा करने का काम अभी तक बकाया है.

किसानों ने की सीएम ने मिलने की मांग

किसानों ने मांगों पर की समीक्षा बैठक
इसके साथ ही कि खनोरी हेड पर रेजिंग करवाने के लिए पंजाब सरकार को पैसा और राजस्थान की तरफ से एनओसी देने की बाद भी काम शुरू नहीं किया गया है. इसके इलावा बरसाती सीजन में लगातार पानी देने के लिए भी सरकार कोई पुख्ता प्रबंध नहीं कर पाई है.

20 साल से जारी है किसानों का संघर्ष
कुरड़ाराम नंबरदार ने बताया कि किसान पिछले 20 साल से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. पिछले 2 साल से उन्होंने आंदोलन किया. जिसके बाद सीएम मनोहर लाल ने उसने बातचीत कर 6 महीने के अंदरा मांगें पूरी होने का आश्वासन दिया था, लेकिन 6 महीने से ज्यादा का वक्त बीत जाने के बाद भी मांगें पूरी नहीं हुई हैं.

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‘सीएम मुलाकात का वक्त दें, नहीं तो उतरेंगे सड़कों पर’

उन्होंने बताया कि सभी किसान चाहते हैं कि सीएम एक बार फिर उनसे मुलाकात करें. 12 दिसंबर को कमेटी की पंचकूला में समीक्षा बैठक होनी है. जिसमें वो चाहते हैं कि मुख्यमंत्री उन्हें मुलाकात का वक्त दें. अगर सीएम ने उन्हें बातचीत का मौका नहीं दिया वो लोग मजबूरन सड़कों पर उतरने को मजबूर हो जाएंगे.

Intro:मुख्यमंत्री ने किसानों को मिलने का समय नहीं दिया तो जल संघर्ष समिति लेगी बड़ा फैसला।  हिसार स्थित जाट धर्मशाला में संयुक्त जल संघर्ष समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में नहरी पानी के मुद्दे पर सरकार के साथ 20 मांगो पर हुए समझौते की समीक्षा की गई। बैठक में सैंकड़ों किसानों को नहरी पानी के बारे में जानकारी देते हुए संयुक्त जल संघर्ष समिति के प्रधान कुरड़ाराम नम्बरदार ने बताया कि सरकार के साथ जो 20 बिंदुओं पर समझौते हुए थे उनमें से 3 बिंदुओं पर सरकार अभी तक एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है। खनोरी हेड से 225 क्यूसिक पानी देने, बरवाला ब्रांच, बालसमन्द ब्रांच की रिमॉडलिंग करना व सिरसा ब्रांच को नीचा करने का काम अभी तक बकाया है। खनोरी हेड पर रेजिंग करवाने के लिए पंजाब सरकार को पैसा व राजस्थान की तरफ से एनओसी देने की बाद भी काम शुरू नहीं किया गया है। इसके इलावा बरसाती सीजन में लगातार पानी देने के लिए भी सरकार कोई पुख्ता प्रबंध नहीं कर पाई है।  मीटिंग में कुरड़ाराम नम्बरदार ने न्यू सिवानी फीडर निर्माण व बालसमन्द ब्रांच की रिमॉडलिंग प्रक्रिया को भी जल्द पूरा करने की मांग भी उठाई। नम्बरदार ने कहा कि संयुक्त जल संघर्ष समिति बकाया मुद्दों पर कार्रवाई के लिए 3 बार मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांग चुकी है लेकिन मुख्यमंत्री की तरफ से उनको समय नहीं दिया जा रहा, अगर 12 दिसम्बर को कमेटी की पंचकूला में होने वाली समीक्षा बैठक में भी मुख्यमंत्री ने मुलाकात का समय नहीं दिया तो इसके बाद बड़ा फैसला लिया जाएगा।समिति के अनुसार कुछ महीने में पूरा होने वाले कामों को भी लटकाकर लेट किया जा रहा है जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।

Body:20 साल से संघर्ष कर रहे हैं किसान

संयुक्त जल संघर्ष समिति के प्रधान कुरड़ाराम नम्बरदार ने बताया की किसानों को सरकार उनके हिस्से का पानी नहीं दे रही है। 2000 के बाद से विभिन्न सरकारों ने समय समय पर राजनीतिक फायदे के तहत बरवाला ब्रांच से कई माइनर व फीडर जोड़ दिए जिससे टेलों पर पानी पहुंचना बन्द हो गया। इसके इलावा उनको दो सप्ताह की बजाय सिर्फ एक सप्ताह पानी मिलने लगा जिससे बरवाला ब्रांच से जुड़े एरिया में खेती कम होने लगी और इस एरिया के किसान बर्बादी की कगार पर पहुंच गए। नहर की क्षमता बढ़ाकर अपने हिस्से का पानी लेने के लिए किसान कई वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं


बाइट - कुरड़ाराम नम्बरदार, प्रधान, संयुक्त जल संघर्ष समिति हिसार।Conclusion:
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