हिसार: जिले के मय्यड़ और आसपास के दस गांवों में पानी ना होने के चलते त्राही-त्राही मची हुई है. लगभग 50 हजार लोगों को पानी नहीं मिल रहा है. जिसके चलते शनिवार को ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा. भारतीय किसान संघर्ष समिति के बैनर तले महिलाओं ने हिसार-दिल्ली हाईवे पर मटका फोड़ कर प्रदर्शन किया. ग्रामीणों की मांग है कि हफ्ते में दो बार उनकी नहरों में पानी दिया जाए और पीने का पानी भी पार्याप्त मात्रा में दिया जाए. पानी की मांग को लेकर शनिवार को ग्रामीणों के साथ महिलाएं भी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गई है.
महिला प्रदर्शनकारी मूर्ति प्रधान ने कहा कि वे अपनी मांगों को लेकर हिसार के डीसी को दो बार, विधायक जोगीराम सिहाग और डिप्टी सीएम दुष्यत चौटाला को मांग पत्र सौंप चुके हैं, लेकिन अभी तक हमारी मांग पूरी नहीं की गई है. गांव की महिलाओं ने बताया कि पानी की कमी के कारण महिलाओं, बच्चों और बुर्जगों को काफी दिक्कतों का सामाना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि पानी हमारी रोजमर्रा की जरुरत है. इसलिए हमे पीने का पानी पर्याप्त मात्रा में मिलना चाहिए.
उन्होंने कहा कि न तो पानी पीने के लिए है और न ही सिंचाई के लिए है. ऊपर से डीजल के दाम भी बढ़ा दिया गया है. जिसके चलते उन्होंने मटका फोड़ प्रदर्शन किया है. महिलाओं ने कहा कि हमारी मांग है कि नहरों में पानी एक हफ्ते में कम से कम दो बार आना चाहिए और पीने का पानी पूरा मिलना चाहिए. महिलाओं ने चेतावनी दी है की अगर हमे पानी नहीं मिला तो हम बहुत बड़ा आंदोलन भी कर सकते है.
वहीं भारतीय किसान संघर्ष समिति के युवा प्रधान जोगिंद्र ने कहा कि सरकार समय रहते इनकी मांगों को पूरा करे. उन्होंने बताया कि मय्यड और आसपास के दस गावों के लोग पानी न मिलने के चलते परेशान है और ग्रामीणों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि वे जिला उपायुक्त, विधायक और डिप्टी सीएम दुष्यत चौटाला को मांग पत्र सौंप चुके है लेकिन समस्या का कोई हल नहीं निकला है. उन्होंने कहा कि अब उनका संघर्ष जारी रहेगा.
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