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क्वारंटीन इंचार्ज रमेश पूनिया को दिया मलेरिया विभाग, तबादले को बताया राजनीति से प्रेरित

जीव वैज्ञानिक डॉ. रमेश पूनिया स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के खिलाफ काम करने के लिए दी गई जिम्मेदारियों से मुक्त कर मलेरिया विभाग मे लगा दिया है. उनके इस तबादले को डॉ. रमेश पूनिया राजनीति से प्रेरित बताया है. जिस पर उन्होंने फेसबुक पर एक लंबा सा पोस्ट भी किया है. आप उनके फेसबुक पोस्ट को भी पढ़ सकते हैं. हालांकि इस पर स्वास्थ्य विभाग ने राजनीतिक दबाव होने से मना किया है.

quarantine incharge gave malaria department to ramesh poonia in hisar
quarantine incharge gave malaria department to ramesh poonia in hisar
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Published : May 12, 2020, 10:23 PM IST

हिसार: जिले में कोरोना संबंधित कार्यों में सबसे आगे रहने वाले स्वास्थ्य विभाग के जीव वैज्ञानिक डॉ. रमेश पूनिया को सोमवार को स्वास्थ्य अधिकारियों ने कोविड-19 की जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया है. उनकी टीम को एंटी लारवा एक्टिविटी के कामों का चार्ज दे दिया है. वहीं डॉ. रमेश पुनिया की जगह डॉ. सुरभि को होम क्वारंटीन का नोडल अधिकारी बनाया गया है.

डॉ. रमेश पुनिया का आरोप है कि उन्होंने रविवार को गुरुग्राम से लौटे जेजेपी कार्यकर्ता को आइसोलेशन वार्ड में दाखिल करवाया था और नियमानुसार उसके घर के बाहर होम क्वारंटीन में रहने के लिए पोस्टर लगाया था. उस दौरान उस युवक ने देख लेने की धमकी दी थी. वो युवक राजनीतिक पहुंच रखता है. इसी बात का असर है कि मुझसे 24 घंटे के अंदर कोरोना संबंधित कामों की जिम्मेदारी वापस ले ली गई है. इसको लेकर रमेश पूनिया ने फेसबुक पर पोस्ट कर अपना दुख बयां किया है.

सीएमओ डॉ. योगेश शर्मा की सफाई

हिसार सीएमओ डॉ. योगेश शर्मा ने कैमरा के सामने बोलने से मना कर दिया लेकिन उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल में कार्यरत डॉ. रमेश पुनिया को एंटी लारवा एक्टिविटी का चार्ज दिया गया है, जो वो पहले से ही करते रहे हैं. हमारे ऊपर किसी तरह को कोई राजनीतिक दबाव नहीं है. ये हमने नियमित प्रक्रिया के तहत किया है.

फेसबुक पर छलका कोरोना योद्धा का दर्द

स्वास्थ्य विभाग में नौकरी करते हुए मुझे 27 साल हो गए हैं, लेकिन कल मुझे एहसास हुआ कि चाहे अधिकारी हो या कर्मचारी, सभी को सत्तासीन राजनेताओं के समक्ष झुकना पड़ता है. मेरे साथ भी कल ऐसी ही एक घटना घटी. कल मातृ दिवस था. मेरे कानों में मेरी माता स्वर्गीय चंद्रमुखी, पूर्व जिला परिषद सदस्या के बोल गूंज रहे थे कि चाहे कोई अमीर हो या गरीब, सबको एक नजर से देखना.

कोई भी व्यक्ति कोरोना संदिग्ध होता है नियमानुसार व्यक्ति की रिपोर्ट आने तक अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में दाखिल रहना पड़ता है. यदि रिपोर्ट नेगेटिव प्राप्त होती है तो बाहर से आए व्यक्ति के घर के बाहर कोविड-19 का पोस्टर लगाकर उसे 14 दिन के लिए होम क्वांरटीन करते हैं. मैं सुबह 5 बजे उठकर जिस संदिग्ध युवक को आइसोलेशन वार्ड में लेकर आया था. वो सत्ता के प्रभाव का प्रयोग कर 11 बजे तक अपने घर वापस आ गया.

वो अमीर परिवार से था, राजनीतिक पहुंच रखता था. मेरे ऊपर भी दबाव बनाया गया कि इसके घर के बाहर पोस्टर नहीं लगाना, लेकिन मैंने भी सोच लिया कि चाहे मेरी नौकरी चली जाए, पर मैं अपना कार्य सुचारू रुप से करुंगा और हिसारवासरियों को खतरे में नहीं धकेल सकता. इसलिए मेरी पूरी टीम उसके घर गई और उसके घर के बाहर पोस्टर भी चस्पा किया.

महामारी का वक्त है और रात-दिन हम इसी प्रयास में लगे हुए है कि हमारा हिसार सुरक्षित रहे. मैं शुक्रगुजार हूं हिसारवासियों का जो इस मुश्किल घड़ी में हमारे साथ खड़े हैं. मेरे साथ रातदिन मुस्तैदी के साथ कार्य कर रहे, मेरे सभी एमपीएचडब्ल्यू का तहेदिल से शुक्रिया. वहीं डॉ. रमेश पुनिया ने वीडियो में 70 दिन से कोरोना की जंग लड़ने में भूमिका के बारे में जिक्र किया और रविवार को अर्बन एस्टेट वाले युवक की घटना के बारे में जिक्र किया. उन्होंने कहा कि मैं तो अपना काम कर रहा था, मुझे तो हिसार की जनता के दिमाग से कोरोना का डर निकालना था, जिसमें काफी हद तक सफल हुआ हूं.

कोरोना से निपटने के लिए डॉ. रमेश पूनिया के सराहनीय काम

  • दड़ौली निवासी पॉजिटिव युवक को लिफ्ट देने वाले का पता लगाने के लिए पांच दिन में 200 सीसीटीवी कैमरों की फूटेज छान मारी. इस दौरान एक और व्यक्ति का पता लगा था, जिसने दड़ौली के युवक को लिफ्ट दी थी. जबकि युवक ने इसके बारे में जिक्र नहीं किया था, ये अपने आप में डॉ. रमेश पुनिया की बड़ी उपलब्धि थी.
  • सेक्टर 16-17 निवासी कोरोना पॉजिटिव महिला के ठीक होने पर घर लौटने पर उसके घर को सैनिटाइज करने से सब पीछे हट गए थे, नगर निगम ने भी हाथ खड़े कर दिए थे, यहां महिला के घर को सैनिटाइज करने की जिम्मेदारी डॉ. रमेश पुनिया ने उठाई थी.
  • गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय में क्वारंटीन किए गए लोगों को शुरुआत में पानी और खाना नहीं मिला था, अपने खर्चे पर ही खाना और पानी उपलब्ध करवाया था.
  • जिले में विदेशों से बाहरी राज्यों से लोटे लोगों को क्वारंटनीन करने सहित आइसोलेशन में सैंपल करवाने, हेल्प लाइन नंबर पर आई शिकायतों का निपटारा करने में अहम भूमिका निभा रहे थे.

हिसार: जिले में कोरोना संबंधित कार्यों में सबसे आगे रहने वाले स्वास्थ्य विभाग के जीव वैज्ञानिक डॉ. रमेश पूनिया को सोमवार को स्वास्थ्य अधिकारियों ने कोविड-19 की जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया है. उनकी टीम को एंटी लारवा एक्टिविटी के कामों का चार्ज दे दिया है. वहीं डॉ. रमेश पुनिया की जगह डॉ. सुरभि को होम क्वारंटीन का नोडल अधिकारी बनाया गया है.

डॉ. रमेश पुनिया का आरोप है कि उन्होंने रविवार को गुरुग्राम से लौटे जेजेपी कार्यकर्ता को आइसोलेशन वार्ड में दाखिल करवाया था और नियमानुसार उसके घर के बाहर होम क्वारंटीन में रहने के लिए पोस्टर लगाया था. उस दौरान उस युवक ने देख लेने की धमकी दी थी. वो युवक राजनीतिक पहुंच रखता है. इसी बात का असर है कि मुझसे 24 घंटे के अंदर कोरोना संबंधित कामों की जिम्मेदारी वापस ले ली गई है. इसको लेकर रमेश पूनिया ने फेसबुक पर पोस्ट कर अपना दुख बयां किया है.

सीएमओ डॉ. योगेश शर्मा की सफाई

हिसार सीएमओ डॉ. योगेश शर्मा ने कैमरा के सामने बोलने से मना कर दिया लेकिन उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल में कार्यरत डॉ. रमेश पुनिया को एंटी लारवा एक्टिविटी का चार्ज दिया गया है, जो वो पहले से ही करते रहे हैं. हमारे ऊपर किसी तरह को कोई राजनीतिक दबाव नहीं है. ये हमने नियमित प्रक्रिया के तहत किया है.

फेसबुक पर छलका कोरोना योद्धा का दर्द

स्वास्थ्य विभाग में नौकरी करते हुए मुझे 27 साल हो गए हैं, लेकिन कल मुझे एहसास हुआ कि चाहे अधिकारी हो या कर्मचारी, सभी को सत्तासीन राजनेताओं के समक्ष झुकना पड़ता है. मेरे साथ भी कल ऐसी ही एक घटना घटी. कल मातृ दिवस था. मेरे कानों में मेरी माता स्वर्गीय चंद्रमुखी, पूर्व जिला परिषद सदस्या के बोल गूंज रहे थे कि चाहे कोई अमीर हो या गरीब, सबको एक नजर से देखना.

कोई भी व्यक्ति कोरोना संदिग्ध होता है नियमानुसार व्यक्ति की रिपोर्ट आने तक अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में दाखिल रहना पड़ता है. यदि रिपोर्ट नेगेटिव प्राप्त होती है तो बाहर से आए व्यक्ति के घर के बाहर कोविड-19 का पोस्टर लगाकर उसे 14 दिन के लिए होम क्वांरटीन करते हैं. मैं सुबह 5 बजे उठकर जिस संदिग्ध युवक को आइसोलेशन वार्ड में लेकर आया था. वो सत्ता के प्रभाव का प्रयोग कर 11 बजे तक अपने घर वापस आ गया.

वो अमीर परिवार से था, राजनीतिक पहुंच रखता था. मेरे ऊपर भी दबाव बनाया गया कि इसके घर के बाहर पोस्टर नहीं लगाना, लेकिन मैंने भी सोच लिया कि चाहे मेरी नौकरी चली जाए, पर मैं अपना कार्य सुचारू रुप से करुंगा और हिसारवासरियों को खतरे में नहीं धकेल सकता. इसलिए मेरी पूरी टीम उसके घर गई और उसके घर के बाहर पोस्टर भी चस्पा किया.

महामारी का वक्त है और रात-दिन हम इसी प्रयास में लगे हुए है कि हमारा हिसार सुरक्षित रहे. मैं शुक्रगुजार हूं हिसारवासियों का जो इस मुश्किल घड़ी में हमारे साथ खड़े हैं. मेरे साथ रातदिन मुस्तैदी के साथ कार्य कर रहे, मेरे सभी एमपीएचडब्ल्यू का तहेदिल से शुक्रिया. वहीं डॉ. रमेश पुनिया ने वीडियो में 70 दिन से कोरोना की जंग लड़ने में भूमिका के बारे में जिक्र किया और रविवार को अर्बन एस्टेट वाले युवक की घटना के बारे में जिक्र किया. उन्होंने कहा कि मैं तो अपना काम कर रहा था, मुझे तो हिसार की जनता के दिमाग से कोरोना का डर निकालना था, जिसमें काफी हद तक सफल हुआ हूं.

कोरोना से निपटने के लिए डॉ. रमेश पूनिया के सराहनीय काम

  • दड़ौली निवासी पॉजिटिव युवक को लिफ्ट देने वाले का पता लगाने के लिए पांच दिन में 200 सीसीटीवी कैमरों की फूटेज छान मारी. इस दौरान एक और व्यक्ति का पता लगा था, जिसने दड़ौली के युवक को लिफ्ट दी थी. जबकि युवक ने इसके बारे में जिक्र नहीं किया था, ये अपने आप में डॉ. रमेश पुनिया की बड़ी उपलब्धि थी.
  • सेक्टर 16-17 निवासी कोरोना पॉजिटिव महिला के ठीक होने पर घर लौटने पर उसके घर को सैनिटाइज करने से सब पीछे हट गए थे, नगर निगम ने भी हाथ खड़े कर दिए थे, यहां महिला के घर को सैनिटाइज करने की जिम्मेदारी डॉ. रमेश पुनिया ने उठाई थी.
  • गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय में क्वारंटीन किए गए लोगों को शुरुआत में पानी और खाना नहीं मिला था, अपने खर्चे पर ही खाना और पानी उपलब्ध करवाया था.
  • जिले में विदेशों से बाहरी राज्यों से लोटे लोगों को क्वारंटनीन करने सहित आइसोलेशन में सैंपल करवाने, हेल्प लाइन नंबर पर आई शिकायतों का निपटारा करने में अहम भूमिका निभा रहे थे.
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