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सरकार को करोंड़ों का चूना लगाने वालों के खिलाफ प्रशासन सख्त, 7 व्यापारियों पर पुलिस की नजर!

फर्जी कागजात बनाकर सरकार को करोड़ों का चूना लगाने वाली 5 फर्मों के 7 व्यापारियों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई शुरु कर दी है.

विभाग अधिकारी
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Published : Mar 9, 2019, 3:15 AM IST

हिसारः फर्जी कागजात बनाकर सरकार को करोड़ों का चूना लगाने वाली 5 फर्मों के 7 व्यापारियों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई शुरु कर दी है. शुक्रवार को एक्ससाइज एन्ड टैक्सेसशन विभाग की शिकायत पर पुलिस ने धोखाधड़ी सहित अनेक धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

एफआईआर के अनुसार प्रवीण मेहता (कृष्ण कॉटन इंडस्ट्रीज), अंकुश (अंकुश कॉटन एंड जीनिंग), कमल कुमार,संजय कुमार, मनोज कुमार तीन भाई (गणपति इंडस्ट्रीज), सोनू (विशाल इंडस्ट्रीज) और वकील चंद (अग्रवाल कॉटन इंडस्ट्रीज) के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

जांच में जुटा विभाग

एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग के मुताबिक व्यापारियों ने पहले फर्जी कागजात बनाए और उन्हीं कागजात को इज ऑफ डूइंग वेबसाइट पर अपलोड करके रजिस्ट्रेशन नंबर लिया गया. हालांकि जब टैक्सेशन विभाग ने इस बाबत तथ्य जुटाए तब चौंकाने वाले नतीजे सामने आए.

it officer
विभाग अधिकारी

विभाग के मुताबिक जांच के दौरान तो उन्हें कोई फॉर्म जमीनी तौर पर मौजूद नहीं मिली. विभाग ने बताया कि फर्जी बिल के बल पर करोड़ों का खेल खेला जा रहा था. मामले की सूचना मिलते ही विभाग ने पुलिस को मामले की जानकारी दी.

पुलिस ने धोखाधड़ी व अन्य जाली दस्तावेज बनाकर सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाने जैसी विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया.

हिसारः फर्जी कागजात बनाकर सरकार को करोड़ों का चूना लगाने वाली 5 फर्मों के 7 व्यापारियों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई शुरु कर दी है. शुक्रवार को एक्ससाइज एन्ड टैक्सेसशन विभाग की शिकायत पर पुलिस ने धोखाधड़ी सहित अनेक धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

एफआईआर के अनुसार प्रवीण मेहता (कृष्ण कॉटन इंडस्ट्रीज), अंकुश (अंकुश कॉटन एंड जीनिंग), कमल कुमार,संजय कुमार, मनोज कुमार तीन भाई (गणपति इंडस्ट्रीज), सोनू (विशाल इंडस्ट्रीज) और वकील चंद (अग्रवाल कॉटन इंडस्ट्रीज) के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

जांच में जुटा विभाग

एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग के मुताबिक व्यापारियों ने पहले फर्जी कागजात बनाए और उन्हीं कागजात को इज ऑफ डूइंग वेबसाइट पर अपलोड करके रजिस्ट्रेशन नंबर लिया गया. हालांकि जब टैक्सेशन विभाग ने इस बाबत तथ्य जुटाए तब चौंकाने वाले नतीजे सामने आए.

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विभाग अधिकारी

विभाग के मुताबिक जांच के दौरान तो उन्हें कोई फॉर्म जमीनी तौर पर मौजूद नहीं मिली. विभाग ने बताया कि फर्जी बिल के बल पर करोड़ों का खेल खेला जा रहा था. मामले की सूचना मिलते ही विभाग ने पुलिस को मामले की जानकारी दी.

पुलिस ने धोखाधड़ी व अन्य जाली दस्तावेज बनाकर सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाने जैसी विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया.

Intro:हिसार जिले में फर्जी कागजात बनाकर सरकार को करोड़ों का चूना लगाने वाली पांच फर्मों के 7 व्यापारियों पर एक्ससाइज एन्ड टैक्सेसशन विभाग की शिकायत पर पुलिस ने धोखाधड़ी सहित अनेक धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एफ आई आर के अनुसार प्रवीण मेहता (कृष्ण कॉटन इंडस्ट्रीज), अंकुश (अंकुश कॉटन एंड जीनिंग), कमल कुमार,संजय कुमार, मनोज कुमार तीन भाई (गणपति इंडस्ट्रीज), सोनू (विशाल इंडस्ट्रीज) और वकील चंद (अग्रवाल कॉटन इंडस्ट्रीज) को आरोपी बनाकर मामला दर्ज किया गया है।



एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग के मुताबिक व्यापारियों ने पहले फर्जी कागजात बनाए और उन्हीं कागजात को इज ऑफ डूइंग वेबसाइट पर अपलोड करके रजिस्ट्रेशन नंबर लिया गया। हालांकि जब टैक्सेशन विभाग ने इस बाबत तथ्य जुटाए तब चौंकाने वाले नतीजे सामने आए। विभाग ने बताया कि जांच के दौरान ना तो उन्हें कोई फॉर्म जमीनी तौर पर मौजूद नहीं पाई गई। विभाग ने बताया कि फर्जी बिल के बल पर करोड़ों का खेल खेला जा रहा था। मामले की सूचना मिलते ही विभाग ने पुलिस को इस बारे अवगत करवाया और पुलिस ने धोखाधड़ी व अन्य जाली दस्तावेज बनाकर सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाने जैसी विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया। एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने बताया कि यह खेल बहुत ही शातिराना तरीके से किया जा रहा था। उन्होंने बताया कि फर्जी बिल बनाकर उक्त फर्म इनपुट टैक्स क्रेडिट कर सरकार से क्लेम कर रहे थे और करोड़ों रुपए का टैक्स उक्त फर्म ने सरकार से क्लेम किया है। जब विभाग की ओर से फील्ड ऑफिसर इस बारे इन्वेस्टिगेट करने पहुंचे तो उन्हें पता चला कि एसी कोई भी फर्म जमीनी तौर पर मौजूद ही नहीं है हालांकि इसकी जांच पुलिस विभाग ने शुरू कर दी है।


Body:एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग के ईटीओ महावीर सिंह के अनुसार भविष्य में इस तरह की टैक्स चोरी के मामलों को रोकने के लिए सभी जिलों में कृषि विभाग, मार्केटिंग बोर्ड और एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग के अधिकारियों की कमेटी बनाई जाएगी। इस कमेटी में कृषि विभाग जिले में कॉटन की बुवाई और अनुमानित उपज का ब्यौरा देगा। वहीं मार्केटिंग बोर्ड मार्केट में बिक्री के लिए आई कॉटन का ब्यौरा देगा जिसे एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग द्वारा निरीक्षण कर पता लगाया जाएगा कि सरकार को कितना टैक्स प्राप्त होना चाहिए था और कितना हुआ है।

बाइट --- महावीर सिंह, एक्साइज एंड टैक्सेशन अधिकारी।


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