हिसार: कोरोना महामारी के चलते सरकार प्रत्येक मजदूर को खाना खिलाने और काम देने के दावे कर रही है. लेकिन उकलाना क्षेत्र में मनरेगा मजदूर महामारी के दिनों में काम पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं. ऐसे मजदूरों का प्रशासन के पास ना तो कोई रिकॉर्ड है और ना ही उन्हें काम के बदले मेहनताना दिया जाता है. प्रशासन के इस रवैये से नाराज मनरेगा मजदूरों ने बीडीपीओ कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया.
प्रदर्शन के दौरान मजदूरों ने स्थानीय अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उकलाना ब्लॉक में उन्हीं मजदूरों को काम दिया जाता है जो यहां के अधिकारियों और कर्मचारियों की जेब गर्म करते हैं. बाकी सभी तो धक्के खा रहे हैं.
इस पर बीडीपीओ मनोज कुमार ने बताया कि उनके गांव में सरपंच का पद खली था, जिस पर कार्यकारी सरपंच नियुक्त कर दिया गया है. ग्राम पंचायत काम का एस्टीमेट और ड्राफ्ट भेजे, जिसके बाद उसे पास किया जाएगा और मजदूरों को काम दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि उनकी समस्या का जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा. पिछले सालों में जिन्होंने काम किया और उनकी पेमेंट नहीं मिली है, उसकी जांच की जाएगी.
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उकलाना बीडीपीओ कार्यालय पर मनरेगा मजदूरों की समस्या जानने के बाद बीडीपीओ मनोज कुमार ने मनरेगा मजदूरों से बातचीत की. जिसके सामने मजदूरों ने खुलकर स्थानीय कर्मचारियों पर आरोप लगाए और उन्हें काम न मिलने की बात कही. इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि उनके गांव में जातीय समीकरण बनाकर उन्हें काम नहीं दिया जाता है.