हिसार: कोरोना वायरस के चलते सरकार प्रत्येक मजदूर को खाना खिलाने के लिए काम कर रही है. वहीं उकलाना क्षेत्र में मनरेगा के मजदूर महामारी के दिनों में काम पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं. पिछले 4 दिन से लगातार उकलाना बीडीपीओ ब्लॉक में मजदूर काम करने आते हैं और साफ-सफाई करके चले जाते हैं, लेकिन ऐसे मजदूरों का ना तो कोई रिकॉर्ड है और ना ही उन्हें मेहनताना दिया जा रहा है.
मजदूरों ने प्रशासन पर आरोप लगाया है कि उकलाना ब्लॉक में स्थानीय अधिकारी उन्हीं लोगों को काम देते हैं. जो उन्हें नजराना पेश करते हैं. मनरेगा मजदूरों से बातचीत करने पहुंचे हिसार जिला परिषद के सीईओ मनोज कुमार के सामने भी मनरेगा मजदूरों ने अपना जमकर दुखड़ा रोया और आप बीती सुनाई.
जांच अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि उनको जानकारी मिली कि कुछ मजदूर उकलाना ऑफिस में इकट्ठे हुए हैं और अपनी समस्याओं को लेकर हिसार जा रहे हैं. जांच अधिकारी मनोज खुद ही उनके पास चले गए. उन्होंने कहा कि पिछले सालों के बकाया की जानकारी ली जाएगी कि भुगतान क्यों नहीं हो पाया है?
ये भी पढ़ें:- पड़ताल: लॉकडाउन में चारे की कमी ने तोड़ी डेयरी उद्योग की कमर, आधा दूध दे रहे पशु
साथ ही मनरेगा का काम ना मिलने को लेकर उन्होंने कहा कि जिस गांव से मजदुर हैं. उनके गांव का सरपंच सस्पेंड है. वहां के बीडीपीओं की भी ट्रांसफर हो चुका है. जल्द ही बीडीपीओ का चार्ज दिया जाएगा और उसके बाद सभी को काम दिया जाएगा. साथ ही स्थानीय अधिकारीयों पर पैसे लेने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि इसकी भी जांच की जाएगी और यदि कोई दोषी है पाया गया तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.