हिसार: चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय (Chaudhary Charan Singh Agricultural University hisar) में बुधवार को दो दिवसीय कृषि मेले (krishi mela) का भव्य आगाज हुआ. इस मेले की विधिवत शुरुआत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र ने ऑनलाइन माध्यम से की. मेले में पूरे हरियाणा व आसपास के राज्यों से किसान पहुंच रहे हैं. कृषि के लिए जल एक महत्वपूर्ण संसाधन है इसलिए इस मेले की थीम भी 'जल सरंक्षण' रखी गयी है.
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बीआर काम्बोज ने कहा कि पिछले दो वर्षों से कोरोना महामारी के चलते कृषि मेले का ऑफलाइन माध्यम से आयोजन नहीं हो सका. इस बार ऑफलाइन मेला आयोजित कर हमें बहुत खुशी हो रही है, जिसमें किसानों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि जल संरक्षण समय की मांग है, हमें जल संसाधनों का बेहतर प्रयोग, वाटरशेड विकास, वर्षा जल संचय और उन्नत तकनीकों को अपनाकर पानी का उचित प्रबन्ध करने की अति आवश्यकता है.
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उन्होंने आगे कहा कि ऐसा करने के लिए भूमिगत पाइपलाइन, टपका सिंचाई और फव्वारा सिंचाई जैसी पद्धतियां अपनाएं. इजरायल जैसे छोटे देश के प्राकृतिक संसाधन कृषि के अनुरूप नहीं है फिर भी ये देश विश्व में आधुनिक कृषि तकनीकों के मामलों में सबसे आगे है.
उन्होंने बताया कि मेले के दौरान प्रत्येक जिले से एक प्रगतिशील किसान को कृषि क्षेत्र में किए गए बेहतर कार्य के लिए सम्मानित किया गया. इन किसानों को शॉल व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया. वहीं इस मेले में आधुनिक कृषि से सम्बंधित तकनीकों व आधुनिक औजारों, बीजों की स्टॉल भी लगाई गई. इन स्टॉल पर किसानों को बीज के साथ-साथ उचित जानकारी भी दी जाती है.