हिसार: कहते हैं कि अगर कोई अपने हुनर, लगन और हौसले को सीढ़ी बना ले तो सफलता की मंजिल तक पहुंच ही जाता है. ये कहावत हिसार की रहने वाली भारत की सबसे कम कद की वकील मीनू रहेजा (shortest lawyer in India) पर बिलकुल सटीक बैठती है. मीनू रहेजा की हाइट केवल 2 फुट 9 इंच है. लेकिन उन्होंने कभी अपनी इस दिव्यांगता को अपने सपनों के आगे बाधा नहीं बनने दिया. इतना ही नहीं खुद दिव्यांग होकर वह दिव्यांग लोगों की मदद के लिए एक एनजीओ चला रही हैं. इस एनजीओ के जरिये वह दिव्यांग और अन्य जरूरतमंद लोगों की सहायता करती हैं.
एडवोकेट मीनू रहेजा (Meenu Raheja Hisar) का कद छोटा जरूर है, लेकिन सोच बेहद बड़ी है. वह हिसार कोर्ट में प्रैक्टिस करती हैं. मीनू रहेजा अपनी कमाई के जरिए दिव्यांग लोगों को उनका हक दिलवाने का प्रयास करती हैं. मीनू रहेजा का कद केवल 2 फुट 9 इंच है और इसकी वजह से उन्होंने बचपन से ही बहुत ताने सुने. लोग उनका मजाक उड़ाते थे, लेकिन इन सबको नजरअंदाज कर मीनू ने खुद को काबिल बनाया और आज वह देश की सबसे कम हाइट की महिला वकील हैं. जिसके लिए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी एडवोकेट मीनू रहेजा का नाम दर्ज है.
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मीनू रहेजा ने बताया कि उनका सपना आईएएस अधिकारी बनकर समाज सेवा करने का था, लेकिन छोटे कद के चलते उनका आईएएस बनने का सपना टूट गया. जिसके बाद मीनू ने माता-पिता से प्रेरणा ली और उनके सपने को अपना सपना बनारक लॉ की पढ़ाई पूरी की और आज हिसार कोर्ट में लोगों के हकों की लड़ाई लड़ती हैं. समाज सेवा के जज्बे के कारण मीनू रहेजा अपने प्रोफेशनल काम के जरिए दिव्यांग व जरूरतमंद महिलाओं की मदद करती हैं.
मीनू ने दिव्यांगों व जरूरतमंद महिलाओं की मदद के लिए अपनी मां कृष्णा देवी के नाम से रहेजा कृष्णा दिव्यांग एनजीओ हिसार बनाया हुआ है. इस एनजीओ के जरिए वह खाली समय में समाज सेवा के काम करती हैं तथा दिव्यांग लोगों की पढ़ाई सहित सभी प्रकार की मदद करती हैं. जिससे वह भी सामान्य लोगों की तरह आगे बढ़ सकें. ऐसे अनेकों दिव्यांग हैं जिनकी मदद मीनू रहेजा ने उनकी पेंशन दिलवाकर, अन्य सरकारी योजनाओं के जरिए आर्थिक सहायता दिलवाकर या फिर किसी भी तरह का रोजगार शुरू करने के लिए जो भी कानूनी अड़चन आती हैं, उनमें एडवोकेट मीनू रहेजा पूरी सहायता करती हैं.
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वो कहते हैं ना कि कोई व्यक्ति अपने शरीर, रंग, पैसे या रूतबे से महान नहीं बनता है, महान बनाते हैं उसके कर्म. मीनू रहेजा खुद दिव्यांग होकर भी दिव्यांग साथियों की मदद में लगी हुई हैं. मीनू ने बताया कि उनका सपना है कि वह हर उस दिव्यांग व्यक्ति की मदद कर सकें जो इस समाज में निकलने से डरता है, आगे बढ़ने से डरता है. क्योंकि लोग उसे ताने देते हैं, उसका मजाक उड़ाते हैं. इसके लिए सबसे पहले तो लोगों को दिव्यांगों के प्रति अपना नजरिया बदलना होगा. अगर समाज उनकी मदद करेगा तो वह भी आगे बढ़ सकते हैं. साथ ही मीनू ने दिव्यांग लोगों को संदेश देते हुए कहा कि वो अपने आप को दिव्यांग मानना बंद करें, पढ़ें व हालातों से लड़ना सीखें. भगवान हर व्यक्ति के अंदर कोई ना कोई शक्ति जरूर देता है उस शक्ति को पहचान कर आगे बढ़ें.
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