हिसारः धर्मखेड़ी गांव में प्रशासन ने अदालत के आदेश पर शामलाती भूमि पर अवैध रूप से बने मकानों को तोड़ दिया है. इस दौरान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए गांव में भारी पुलिस बल को तैनात किया गया था. वहीं डयूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर तहसीलदार को लगाया गया था.
नारनौंद उपमंडल के गांव धर्मखेड़ी में 44 ग्रामीणों ने शामलाती भूमि पर अवैध कब्जे करके मकान बनाए हुए हैं. इन अवैध कब्जों को छुड़वाने के लिए गांव के ही धर्मपाल ने सन 2015 में अदालत का दरवाजा खटखटाया. अदालत ने मामले में संज्ञान लेते हुए लोकायुक्त चंडीगढ़ को आदेश दिए.
जिसपर लोकायुक्त ने कार्रवाई करते हुए प्रशासन को अवैध कब्जे छुड़वाने के आदेश दिए थे. इसी कड़ी में शुक्रवार को प्रशासनिक अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ क्रेन लेकर पहुंचे. डयूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर बास के तहसीलदार प्रताप सिंह को लगाया गया था.
उनके आदेश पर अवैध रूप बने मकानों पर पीला पंजा चलाना शुरू किया तो कुछ ग्रामीणों ने इसका विरोध किया और जेसीबी के सामने खड़े हो गए. जिसके बाद पुलिस ने स्थिति पर काबू पाते हुए उनको वहां से खदेड़ दिया गया.
तहसीलदार प्रताप सिंह ने बताया कि प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए 44 मकानों में से 27 मकानों को जेसीबी की सहायता से तोड़ दिया. जिनमें से 17 मकान मालिकों ने अदालत से स्टे ऑर्डर लिया हुआ है.