हिसार: कोरोना महामारी के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए सरकार ने सूबे में लॉकडाउन लगाया है. हालांकि जरूरत की चीजों में छूट दी गई है. लॉकडाउन के नियमों का सख्ती से पालन हो, इसलिए हिसार पुलिस ने सख्त रवैया अपनाया है. हिसार में किसी भी तरह के आवागमन के लिए ई-पास को अनिवार्य कर दिया गया है. हिसार के एसएसपी बलवान सिंह राणा ने ये निर्देश जारी करते हुए कहा कि बिना पास के कोई भी व्यक्ति अगर सड़क पर पाया गया, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
एसएसपी बलवान सिंह राणा ने लोगों से अपील की कि कोई भी नागरिक बिना किसी उचित कारण के अपने घर से ना निकले. अगर फिर भी किसी भी कारणवश या वैक्सीनेशन के लिए भी घर से निकलना पड़े तो हरियाणा सरकार द्वारा जारी किए गए सरल पोर्टल से अपना लॉकडाउन मूवमेंट पास जारी करे. उसके बाद ही आवागमन करें.
हरियाणा के लोगों को अगर किसी भी बेहद जरूरी काम के लिए घर से बाहर निकलना है या फिर वैक्सीनेशन करवाने के लिए भी जाना है. तो भी सरल पोर्टल से ही पास लेकर ही सड़क पर जा सकेंगे. www.saralharyana.gov.in इस वेबसाइट पर जाकर लोग मूवमेंट पास के लिए आवेदन कर सकते हैं और जिला उपायुक्त ने जिले के सभी एसडीएम को लॉकडाउन के दौरान मूवमेंट पास जारी करने के लिए नियुक्त किया है. लॉकडाउन के दौरान बिना मूवमेंट पास के आवागमन करने वाले लोगों के खिलाफ आईपीसी धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी और साथ ही वाहन को भी जब्त किया जाएगा.
क्या है IPC Secion 188?
1897 के महामारी कानून (Mahamari Act) के सेक्शन 3 में इस बात का जिक्र किया गया है कि अगर कोई प्रावधानों का उल्लंघन करता है, सरकार / कानून के निर्देशों / नियमों को तोड़ता है, तो उसे आईपीसी की धारा 188 के तहत दंडित किया जा सकता है. इस संबंध में किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा दिए निर्देशों का उल्लंघन करने पर भी आपके खिलाफ ये धारा लगाई जा सकती है.
क्या है सजा ता प्रावधान?
पहला - अगर आप सरकार या किसी सरकारी अधिकारी द्वारा कानूनी रूप से दिए गए आदेशों का उल्लंघन करते हैं, या आपकी किसी हरकत से कानून व्यवस्था में लगे शख्स को नुकसान पहुंचता है, तो आपको कम से कम एक महीने की जेल या 200 रुपये जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है.
दूसरा - अगर आपके द्वारा सरकार के आदेश का उल्लंघन किए जाने से मानव जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा, आदि को खतरा होता है, तो आपको कम से कम 6 महीने की जेल या 1000 रुपये जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है.