हिसार: हरियाणा रोडवेज यूनियन 7 से 8 जनवरी तक एक बार फिर निजी बसों को परमिट दिए जाने के खिलाफ चक्का जाम करने जा रही है. इस बार हरियाणा रोडवेज के साथ प्रदेश के दूसरे विभाग भी सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के बैनर तले हड़ताल पर रहेंगे और रोडवेज की हड़ताल को समर्थन करेंगे. 8 जनवरी की हड़ताल राष्ट्रव्यापी होगी. यूनियन के अनुसार इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में करोड़ों कर्मचारी और किसान हिस्सा लेंगे. इसके लिए प्रदेश भर में गेट मीटिंग और बैठकें की जा रही है.
कर्मचारियों की मुख्य मांगेंः-
- सभी विभागों का निजीकरण बंद किया जाए.
- ठेका प्रथा और आउटसोर्सिंग पॉलिसी बंद होनी चाहिए.
- आउटसोर्सिंग और डीसी रेट के कर्मचारियों की सेवाएं पक्की होनी चाहिए.
- श्रम कानूनों में सरकार कर्मचारी विरोधी बदलाव कर रही है, जिसका विरोध किया जाएगा.
- फिक्स टर्म एंप्लॉयमेंट का विरोध.
- न्यूनतम वेतन 21 हजार रुपए किया जाना चाहिए.
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष लाम्बा ने कहा कि 8 जनवरी को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल में करोड़ों कर्मचारी देशभर में शामिल होंगे. हड़ताल में 60 लाख राज्य कर्मचारी और 40 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारी शामिल होंगे. हड़ताल ऐतिहासिक और अभूतपूर्व होगी. सभी विभागों में गेट मीटिंग कर कर्मचारियों को जानकारी दी जा रही है.
प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार रोडवेज विभाग की सेवाओं को सिकोड़ने में लगी हुई है. सरकारी बेड़े में नई बस शामिल करने की बजाय 190 प्राइवेट बसों को विभिन्न रूटों पर चलाए जाने का प्रयास किया जा रहा है. पलवल डिपो शुक्रवार को बंद रहा है. इससे पहले गुरुग्राम में इसका तीखा विरोध हुआ. सरकार इसको दरकिनार कर रही है.
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उन्होंने कहा कि रोडवेज विभाग 6 जनवरी को मशाल जुलूस निकालेगा. वहीं 7 और 8 जनवरी को रोडवेज का चक्का जाम रहेगा. सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा इसका पुरजोर समर्थन करेगा. हड़ताल के दौरान बिजली और स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित नहीं किया जाएगा. कर्मचारी अपनी तनख्वाह कटवाने के बाद भी बिजली की बड़ी ब्रेकडाउन होने पर कार्य करेंगे. जनता से कोई लड़ाई नहीं है उनकी लड़ाई सरकार की नीतियों के खिलाफ है और उन्हें जनता का भी समर्थन मिल रहा है.