हिसार: जिले में पत्नी की हत्या के मामले में एक पुलिस कांस्टेबल को रिमांड पर लिया गया है. बता दें कि गिरफ्तारी के 312 दिन बाद किसी भी आरोपी को फिर से रिमांड पर लेने का हिसार में यह पहला मामला है. अदालत ने भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 309 की शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह आदेश दिया है. आमतौर पर किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी के 15 दिन के बाद उसको पुलिस रिमांड पर नहीं लिया जा सकता.
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बताया जा रहा है कि इस मामले में पुलिस ने अदालत में पहले चालान पेश कर दिया था. लेकिन अदालत में बहस के दौरान शिकायतकर्ता के अधिवक्ता एडवोकेट मनमोहन सिंह और हरदीप ने पुलिस जांच पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि पुलिस कांस्टेबल विक्रम ने अपनी पत्नी की गोली मारकर हत्या की.
शिकायतकर्ता के अधिवक्ताओं ने कहा कि पुलिस ने कांस्टेबल को बचाने के चक्कर में अपनी जांच में यह दर्शाया है कि यह हत्या लाठी की चोट से हुई है. जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली के बारे में स्पष्ट तौर पर लिखा हुआ है.
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शिकायतकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि जब अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. पंकज की अदालत ने पुलिस को नोटिस दिया तो पुलिस ने भी इस जांच को गलत दिशा में ले जाने के आरोप 9 फरवरी को स्वीकार कर लिए. जिसके चलते दोबारा जांच के लिए आरोपी को पुलिस रिमांड पर लिया गया है.
पुलिस प्रवक्ता विकास कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि रिमांड के दौरान आरोपी से पूछताछ की जाएगी. वारदात में प्रयोग किए गए हथियार को भी बरामद करने का प्रयास किया जाएगा.
आरोप है कि जींद के डीएसपी कप्तान सिंह के गनमैन विक्रम ने 16 अप्रैल 2020 को हाउसिंग बोर्ड कालोनी स्थित किराए के घर में पिस्तौल से गोली मारकर अपनी पत्नी रिंकू की हत्या कर दी थी.