हिसार/हांसी: एक साल से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन परिषद प्रशासन ने विकास को लेकर एक मीटिंग तक नहीं की. वहीं, जनता की आवाज उठाने का दम भरने वाले पार्षद भी शांत हैं। इस लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे हैं शहर के लोग।
नगर परिषद प्रशासन द्वारा बीते एक वर्ष से पार्षदों की बैठक का आयोजन नहीं किया है। पहले तो लॉकडाउन का बहाना बनाया गया और अब कोरोना काल खत्म होने के बावजूद बैठक नहीं बुलाई जा रही। परिषद का कार्यकाल खत्म होने वाला है और चेयरपर्सन गुट को पार्षदों के बगावत का डर सता रहा है। कार्यकाल खत्म होने में तीन महीने का समय बाकी है। बैठक का आयोजन होने पर शहर के विकास में तेजी लाई जा सकती है। एक्ट के अनुसार 20 फीसद पार्षद बैठक की मांग कर सकते हैं और चेयरपर्सन द्वारा बैठक आयोजित नहीं करवाई जाती तो डीसी के समक्ष शिकायत की जा सकती है, लेकिन अधिकतर पार्षद नियमों से अंजान हैं।
ये भी पढ़ें- भीषण हादसा: टायर फटने से अनियंत्रित होकर जीप में जा घुसा ट्रक, महिला-बच्चों समेत 4 की मौत
एक्ट के अनुसार हर महीने मीटिग जरूरी
म्युनिसिपल एक्ट की धारा 25 के अनुसार नगर पार्षदों की हर महीने मीटिग आयोजित होनी चाहिए। मीटिग में ही पार्षद अपने एजेंडे व समस्याओं को रख सकते हैं। शहर के विकास को लेकर मंथन किया जाना जरूरी है। इस नियम का परिषद प्रशासन द्वारा खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है।
सब-कमेटी केवल कागजों में
म्युनिसिपल एक्ट के अनुसार नगर परिषद में सब कमेटियों का गठन करना जरूरी है। एक्ट के तहत नगर परिषद में वित्त कमेटी, सफाई कमेटी व वर्क्स कमेटियों का गठन करना होता है। इन कमेटियों का शहर के विकास में अहम योगदान होता है। परंतु नगर परिषद हांसी में ये कमेटियाँ केवल कागजों में चल रही हैं। कई कमेटियों का तो गठन भी नहीं किया गया है। म्युनिसिपल एक्ट के अनुसार सब कमेटियों के पास कार्य करने की अपार शक्तियां हैं लेकिन पार्षदों की उदासीनता के चलते नगर परिषद में सब कमेटियां एक औपचारिकता बनकर रह गई है।
मार्च में होगी मीटिग
निर्मला सैनी चेयरपर्सन ने बताया नगर परिषद मीटिग को लेकर तैयारी शुरु कर चुका है। मार्च में बजट व जनरल मीटिग आयोजित होगी। पिछले साल कोरोना के कारण से मीटिग का आयोजन नहीं हो पाया। शहर के विकास को लेकर नगर परिषद प्रतिबद्ध है। शहरवासियों की सुविधा बढ़ाने से संबंधित कई योजनाएं तैयार हैं ।
ये भी पढ़ें- अच्छी खबर: 11 महीने बाद हरियाणा में लोकल ट्रेनें शुरू, पहले से ज्यादा देना होगा किराया