जींद: पंजाब में प्रचंड बहुमत के बाद आम आदमी पार्टी की बाकी राज्यों में भी चर्चा होने लगी है. पंजाब और दिल्ली के बाद इन दोनों राज्यों की सीमाओं से सटे हरियाणा की सियायत में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party in Haryana) अपनी राजनीतिक जड़े मजबूत करने की मंशा जाहिर कर चुकी है. इस बीच आम आदमी पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती है कि हरियाणा में उसके पास कोई बड़ा चेहरा नहीं है. अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह (Birender Singh) आम आदमी पार्टी में शामिल हो सकते हैं. हालांकि बीजेपी के उत्तर प्रदेश सहित चार राज्यों में शानदार प्रदर्शन के बाद बीरेंद्र सिंह के लिए बीजेपी छोड़कर जाना आसान नहीं होगा.
पंजाब में आम आदमी पार्टी ने 92 सीट जीतकर ऐतिहासिक उपस्थिति दर्ज की है, जिसकी धनक हरियाणा तक आनी स्वाभाविक है. हरियाणा में अभी से राजनीतिक सुगबुगाहट तेज हो गई है और शायद कई नेताओं का मन आम आदमी पार्टी के लिए धड़कना शुरू भी हो गया है. ऐसे में राजनीतिक चर्चाएं है कि चौधरी बीरेंद्र सिंह अपने संघर्ष के पुराने साथियों के साथ आम आदमी पार्टी की तरफ कदम बढ़ा सकते हैं. कांग्रेस और भाजपा से दो दर्जन के करीब नेता अपनी उपेक्षा से परेशान हैं और उन्हें आम आदमी पार्टी से अब नई उम्मीदें जग गई हैं.
कौन हैं चौधरी बीरेंद्र सिंह?
हरियाणा में बीरेंद्र सिंह मौजूदा दौर में भी सबसे कद्दावर नेताओं में से एक माने जाते हैं. वे लगभग 50 साल से राजनीति में हैं. आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक तौर पर एक मजबूत प्रभाव रखने वाले परिवार से बीरेंद्र सिंह ताल्लुक रखते हैं. वे हरियाणा के प्रख्यात किसान नेता सर छोटू राम के पोते हैं और उनके पिता नेकी राम भी हरियाणा की राजनीति में लंबे समय तक सक्रिय रहे हैं. साल 1977 में पहली बार उचाना कलां विधानसभा सीट बनी. चौधरी बीरेंद्र सिंह यहां के पहले विधायक बने. बीरेंद्र सिंह पांच बार 1977, 1982, 1994, 1996 और 2005 में उचाना से विधायक बन चुके हैं और तीन बार हरियाणा सरकार में मंत्री रह चुके हैं. बीरेंद्र सिंह साल 1984 में हिसार लोकसभा क्षेत्र से पहली दफे सांसद बने. उन्होंने इनेलो के ओमप्रकाश चौटाला को हराकर पहली बार सांसद बने थे.
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साल 2010 में कांग्रेस के टिकट से राज्यसभा सदस्य मनोनीत हुए, लेकिन कांग्रेस से 42 साल तक जुड़े रहने के बाद बीरेंद्र सिंह 16 अगस्त 2014 में जींद की एक रैली में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में शामिल हो गए. मोदी सरकार में बीरेंद्र सिंह केंद्रीय मंत्री रहे. जून 2016 में बीजेपी ने उन्हें दोबारा राज्यसभा भेज दिया. बीरेंद्र सिंह साल 2020 तक राज्यसभा सदस्य रहे. जींद से उनके बेटे और पूर्व आईएएस अधिकारी बृजेंद्र सिंह ने साल 2019 का लोकसभा चुनाव जीता तो उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफा देने के बाद बीरेंद्र सिंह ने भविष्य में चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था.
25 मार्च को करने वाले हैं बड़ा कार्यक्रम
दरअसल, 25 मार्च को अपने जन्मदिन के मौके पर बीरेंद्र सिंह उचाना में कार्यक्रम करने जा रहे हैं. उनके बेटे और हिसार से बीजेपी सांसद बृजेंद्र सिंह ने रविवार को भी गांव डूमरखां कलां के नेकी राम भवन में आयोजित नई सोच म्हारा भाई और हम कार्यक्रम में शिरकत की और लोगों को 25 मार्च के कार्यक्रम में आने का न्यौता दियासांसद बृजेंद्र सिंह ने कहा कि चौ. बीरेंद्र सिंह ने अपने 50 साल के राजनीति जीवन में कभी द्वेष की राजनीति नहीं की, दूसरे लोगों की तरह जाति विशेष की राजनीति भी नहीं की. वो सत्ता में काफी समय तक रहे, लेकिन कभी किसी के साथ द्वेष नहीं किया. हरियाणा में नई राजनीति का उदय हो चुका है. आने वाले समय में नए बदलाव होते नजर आएंगे. हमें बदलते हुए माहौल के साथ चलना होगा. हम समय के साथ नहीं बदले तो काफी पीछे रह जाएंगे.
आप में जाने के सवाल पर बेटे ने दी ये प्रतिक्रिया
उन्होंने कहा कि 25 मार्च को चौ. बीरेंद्र सिंह के जन्म दिन पर उचाना में कार्यक्रम होगा वो पूरी तरह गैर राजनीतिक कार्यक्रम होगा. यह कोई रैली नहीं है बल्कि एक कार्यक्रम है जिसमें वो लोग आएंगे जिन्होंने बीते 50 साल के दौरान बीरेंद्र सिंह के साथ काम किया है. वो नेता किसी भी दल से हो किसी संस्था में हो. इसको लेकर सभी को निमंत्रण दिया जाएगा. 50 साल की राजनीति में न मेरे पिता पर और 21 साल की नौकरी में बतौर आईएएस रहते हुए उन पर कोई भी किसी तरह का लांछन नहीं लगा. नौकरी के दौरान बड़े-बड़े प्रलोभन दिए गए, लेकिन वो जिस परिवार से हैं उस परिवार ने हमेशा ईमानदारी से काम किया है. पत्रकारों द्वारा चौधरी बीरेंद्र सिंह के आम आदमी पार्टी में शामिल होने की बात को सांसद हंसकर टाल गए.
जींद के कार्यक्रम पर टिकी सबकी निगाहें
बहरहाल पंजाब चुनाव के बाद राजनीति गर्मी हरियाणा में बढ़ती नजर आ रही है. आज जो डूमरखां कलां गांव में कार्यक्रम आयोजित हुआ उसमें बैनर नई सोच म्हारा भाई और हम के पोस्ट लगे नजर आए. इन पोस्टरों में केवल बृजेंद्र सिंह की फोटो ही नजर आई. चर्चा है कि जींद की धरती पर अपने शक्ति प्रदर्शन में चौधरी बीरेंद्र सिंह डूमरखां ज्यादा से ज्यादा नेताओं की उपस्थिति दिखाकर केजरीवाल व भाजपा दोनों को अपनी अहमियत दिखाना चाहते हैं. इस कार्यक्रम में बीजेपी नेता रामबिलास शर्मा व अन्य कई बीजेपी नेता भी शामिल होंगे. इसके साथ-साथ देश भर से कई पार्टियों के बड़े-बड़े नेताओं को आमंत्रित किया गया है. कहा जा रहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इस कार्यक्रम में पहुंच सकते हैं. चौधरी बीरेंद्र सिंह हमेशा अपनी बेबाकी और अलग राजनीतिक फैसलों के लिए जाने जाते हैं और इस समय में इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन क्या रंग लेकर आएगा इस पर पूरे प्रदेश के लोगों की निगाहें टिकी हैं.
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