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5 मार्च से शुरू होगा हरियाणा का बजट सत्र, ये हैं किसानों को सरकार से उम्मीदें

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Published : Feb 28, 2021, 8:22 PM IST

5 मार्च से हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र शुरू होगा. किसान आंदोलन के बीच पेश होने वाले बजट से किसानों का काफी उम्मीद और आस है. किसानों का कहना है कि वो उम्मीद करते हैं कि बजट में सरकार कृषि क्षेत्र के लिए काफी कुछ देगी. कृषि उपकरणों पर सब्सिडी को बढ़ाया जाए, साथ ही बीज, खाद, दवाइयों और पेस्टीसाइड के दाम कम किए जाएं.

farmers demands from haryana government budget 2021
farmers demands from haryana government budget 2021

हिसार: हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र 5 मार्च से शुरू होगा. उम्मीद की जा रही है कि कम से कम 12 सीटिंग के साथ 20 मार्च तक बजट सत्र चलाया जा सकता है. बजट में इस बार किसानों के लिए क्या कुछ खास कदम सरकार को उठाने चाहिए इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने किसानों से बातचीत की.

किसानों की मुख्य मांगें बजट को लेकर सीधे-सीधे खेती करने में होने वाले खर्च को कम करने को लेकर थी. वहीं कुछ किसानों ने एमएसपी को लेकर सरकार का रुख साफ किए जाने की बात भी कही. किसानों का कहना था कि खेती करने में उपयोग होने वाले उत्पाद जैसे बीज, खाद, दवाइयां व पेस्टीसाइड के दाम लगातार बढ़ रहे हैं.

हरियाणा बजट 2021: क्या है किसानों की सरकार से उम्मीदें?

ये भी पढे़ं- नूंह की जनता ने मनोहर सरकार से मांगा गरीबों वाला बजट, बोले- सभी वर्ग का रखा जाए ध्यान

वहीं सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी भी बहुत कम है. सरकार को इस बजट सत्र में खाद बीज पर सब्सिडी बढ़ाकर इनके रेट कम करने चाहिए. वहीं कुछ गुणवत्ता के बीज किसानों को उपलब्ध होने चाहिए, ताकि अधिक से अधिक पैदावार की जा सके.

किसानों ने कहा कि डीजल के दाम में इजाफा होने से किसानों पर काफी प्रभाव पड़ा है. सिंचाई का खर्चा बहुत बढ़ गया है क्योंकि एक एकड़ में एक बार पानी लगाने के लिए जो खर्चा 500 रुपये तक आता था, अब वो एक हजार रुपए तक पहुंच गया है.

ये भी पढे़ं- प्लाइवुड इंडस्ट्री को हरियाणा के बजट से है क्या उम्मीद देखिए पूरी रिपोर्ट

सरकार को किसानों के लिए सस्ते डीजल का प्रबंध करना चाहिए, ताकि किसानों की जेब पर अतिरिक्त बोझ ना पड़े. साथ ही सरकार को किसानों को दी जाने वाली बिजली का समय बढ़ाया जाना चाहिए. जिससे किसानों को कम से कम डीजल खरीदना पड़े और फसल में पानी देने के लिए लाइट का इंतजार ना करना पड़े.

कैसा होना चाहिए कृषि बजट? जानिए एक्सपर्ट से

कृषि को लेकर लगातार कार्य कर रहे कृषि एक्सपर्ट में वकील रघुवीर सिंह का कहना है कि सरकार को इस बार किसानों के लिए एमएसपी का रूट प्लान क्लियर करना चाहिए. क्योंकि पिछली बार भी धान पर एमएसपी की बात कह कर बरगलाते रहे.

सरकार ने कहा था कि धान का दाना-दाना खरीदा जाएगा. लेकिन सरकार ने इसे आढ़तियों व बनियों पर डाल दिया, बाद में कई दिनों तक धान नहीं बिकी तो मजबूरी में किसानों को कम दाम में धान बेचनी पड़ी थी. इस बार ऐसा ना हो इसके लिए सरकार को बजट स्तर में प्रावधान करना चाहिए.

सरकार को दवाइयों और पेस्टिसाइड व खाद पर सब्सिडी बढ़ाकर उन्हें सस्ते दामों में किसानों को उपलब्ध करवाना चाहिए ताकि किसानों का खर्च बेहद कम हो और आमदनी बढ़ाई जा सके. सरकार को किसानों की आर्थिक सहायता के लिए किसानों को ब्याज मुक्त ऋण देने या फिर कम ब्याज पर किसान क्रेडिट कार्ड के जरिये आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाने का प्रावधान भी बजट में लाये. ताकि किसान उस पैसे के जरिए अपनी जरूरतों को पूरा कर सके और आधुनिक खेती करने के लिए नए-नए साधन वह औजार खरीद सके.

हिसार: हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र 5 मार्च से शुरू होगा. उम्मीद की जा रही है कि कम से कम 12 सीटिंग के साथ 20 मार्च तक बजट सत्र चलाया जा सकता है. बजट में इस बार किसानों के लिए क्या कुछ खास कदम सरकार को उठाने चाहिए इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने किसानों से बातचीत की.

किसानों की मुख्य मांगें बजट को लेकर सीधे-सीधे खेती करने में होने वाले खर्च को कम करने को लेकर थी. वहीं कुछ किसानों ने एमएसपी को लेकर सरकार का रुख साफ किए जाने की बात भी कही. किसानों का कहना था कि खेती करने में उपयोग होने वाले उत्पाद जैसे बीज, खाद, दवाइयां व पेस्टीसाइड के दाम लगातार बढ़ रहे हैं.

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वहीं सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी भी बहुत कम है. सरकार को इस बजट सत्र में खाद बीज पर सब्सिडी बढ़ाकर इनके रेट कम करने चाहिए. वहीं कुछ गुणवत्ता के बीज किसानों को उपलब्ध होने चाहिए, ताकि अधिक से अधिक पैदावार की जा सके.

किसानों ने कहा कि डीजल के दाम में इजाफा होने से किसानों पर काफी प्रभाव पड़ा है. सिंचाई का खर्चा बहुत बढ़ गया है क्योंकि एक एकड़ में एक बार पानी लगाने के लिए जो खर्चा 500 रुपये तक आता था, अब वो एक हजार रुपए तक पहुंच गया है.

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सरकार को किसानों के लिए सस्ते डीजल का प्रबंध करना चाहिए, ताकि किसानों की जेब पर अतिरिक्त बोझ ना पड़े. साथ ही सरकार को किसानों को दी जाने वाली बिजली का समय बढ़ाया जाना चाहिए. जिससे किसानों को कम से कम डीजल खरीदना पड़े और फसल में पानी देने के लिए लाइट का इंतजार ना करना पड़े.

कैसा होना चाहिए कृषि बजट? जानिए एक्सपर्ट से

कृषि को लेकर लगातार कार्य कर रहे कृषि एक्सपर्ट में वकील रघुवीर सिंह का कहना है कि सरकार को इस बार किसानों के लिए एमएसपी का रूट प्लान क्लियर करना चाहिए. क्योंकि पिछली बार भी धान पर एमएसपी की बात कह कर बरगलाते रहे.

सरकार ने कहा था कि धान का दाना-दाना खरीदा जाएगा. लेकिन सरकार ने इसे आढ़तियों व बनियों पर डाल दिया, बाद में कई दिनों तक धान नहीं बिकी तो मजबूरी में किसानों को कम दाम में धान बेचनी पड़ी थी. इस बार ऐसा ना हो इसके लिए सरकार को बजट स्तर में प्रावधान करना चाहिए.

सरकार को दवाइयों और पेस्टिसाइड व खाद पर सब्सिडी बढ़ाकर उन्हें सस्ते दामों में किसानों को उपलब्ध करवाना चाहिए ताकि किसानों का खर्च बेहद कम हो और आमदनी बढ़ाई जा सके. सरकार को किसानों की आर्थिक सहायता के लिए किसानों को ब्याज मुक्त ऋण देने या फिर कम ब्याज पर किसान क्रेडिट कार्ड के जरिये आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाने का प्रावधान भी बजट में लाये. ताकि किसान उस पैसे के जरिए अपनी जरूरतों को पूरा कर सके और आधुनिक खेती करने के लिए नए-नए साधन वह औजार खरीद सके.

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