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ऑपरेशन गोदाम: हिसार में लाखों मीट्रिक टन खुले में सड़ने के लिए रखा हुआ है?

हिसार जिले में स्टेट एजेंसियों की स्टोरेज क्षमता और स्टॉक क्षमता में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए. यहां गोदामों में क्षमता से अधिक स्टॉक रखा हुआ है. हालांकि एफसीआई मूवमेंट के अधिकारी ने बाताया कि जो बाहर आनाज रखा गया है उसके कैपिंग यानी उस आनाज को तिरपाल से ढ़क दिया गया है, लेकिन सवाल ये है कि 15 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा अनाज मॉनसून के मौसम में रखना किस तरह की व्यवस्था है?

ऑपरेशन गोदाम: हिसार में लाखों मीट्रिक टन खुले में सड़ने के लिए रखा हुआ है?
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Published : Jul 16, 2019, 3:49 PM IST

Updated : Jul 16, 2019, 6:26 PM IST

हिसार: भूख. ये एक ऐसी जरूरत है जिसका एकमात्र समाधान खाना है. दुनिया भर के सैकड़ों देशों के लिए भुखमरी बड़ी समस्या है. और बेहद चौकाने वाला सच ये है कि भारत जैसे कृषि प्रधान देश में भी बड़ी संख्या में लोग भूख से मर रहे हैं. ऐसा नहीं है कि देश में अनाज का टोटा है या हम खाद्यान उत्पादन में पिछड़े हुए हैं. ऐसा सिर्फ इसलिए हो रहा है क्योंकि देश में फूड मैनेजमेंट लचर है. ईटीवी भारत 'ऑपरेशन गोदाम' के इस कड़ी में हम पहुंचे हैं हिसार जिले में जहां हमने गोदामों में स्टोर किए गए खाद्यानों के हालात को जानने की कोशिश की.

हिसार के अनाज गोदाम से ईटीवी भारत हरियाणा की विशेष रिपोर्ट

FCI के हिसार डिवीजन में हरियाणा के चरखी दादरी, भिवानी, सिरसा, फतेहाबाद और हिसार जिला शामिल है. FCI के पास चावल का फुल स्टॉप 569911 एमपी है जो टोटल कवर्ड में है. क्योंकि चावल को बाहर कैपिंग में नहीं रखा जा सकता. बता दें कि कवर्ड का मतलब वो आनाज होता है जो गोदामों के अंदर स्टोर किया गया है. कैपिंग शब्द का इस्तेमाल गोदाम के बाहर खुले में तिरपाल से ढ़के अनाज के लिए किया जाता है. मैनेजर मूवमेंट प्रदीप श्योराण ने बताया कि हिसार जिले में FCI के कुल स्टॉक में से 783 मीट्रिक टन ही खुले आसमान में तिरपाल से ढका हुआ है. जल्द ही इस स्टॉक की सप्लाई भी रेल मार्ग या सड़क मार्ग से की जाएगी. जिसके बाद कैपिंग में स्टॉक शून्य हो जाएगा.

पांचों जिले के लिए FCI की स्टोरेज क्षमता

  • 5,86,916 मीट्रिक टन कवर्ड (गोदाम)
  • 5,180 मीट्रिक टन कैपिंग (तिरपाल से ढका)

पांचों जिले का FCI के पास स्टॉक

  • 3,35,669 मीट्रिक टन कवर्ड
  • 783 मीट्रिक टन कैपिंग

हिसार जिले में क्या हैं हालात?
हिसार शहर में FCI के पास कोई भी स्टॉक कैपिंग में नहीं है बल्कि जो स्टॉक कैपिंग में है वह हिसार जिले के मंडलों में है. हिसार में पूरा स्टॉक गोदाम में लगा हुआ है. इसकी सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है. गोदाम में अनाज खराब ना हो इसके लिए फ्युमिगेशन किया गया है.

हिसार जिले में स्टेट एजेंसियों की क्षमता

  • 2,34,350 मीट्रिक टन कवर्ड
  • 16,550 मीट्रिक टन कैपिंग

हिसार जिले में स्टेट एजेंसियों का स्टॉक

  • 2,56,160 मीट्रिक टन कवर्ड
  • 1,64,659 मीट्रिक टन कैपिंग

स्टेट एजेंसियों ने किया क्षमता से अधिक कैपिंग
हिसार जिले में स्टेट एजेंसियों की स्टोरेज क्षमता और स्टॉक क्षमता में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए. यहां गोदामों में क्षमता से अधिक स्टॉक रखा हुआ है. ऐसा इसलिए नहीं है कि खुले में कैपिंग करने की बजाय गोदाम में सुरक्षित किया गया है बल्कि खुले में भी क्षमता से अधिक कैपिंग की गई है.

FCI की क्षमता

  • 22,86,642 मीट्रिक टन कवर्ड
  • 45,080 मीट्रिक टन कैपिंग

FCI का स्टॉक

  • 17,61,886 मीट्रिक टन कवर्ड
  • 32,332 मीट्रिक टन कैपिंग

बता दें गोदामों में चावल का स्टॉक भी रखा गया है. एफसीआई मैनेजर का कहना है कि हिसार में चावल का कुल स्टॉक कवर्ड क्षेत्र में रखा गया है. वहीं गोदाम में जगह की कमी की वजह से कुल 15 लाख 52 हजार 509 मीट्रिक टन अनाज बाहर तिरपाल में ढक दिया गया है.‬

राज्य एजेंसियों की क्षमता

  • 9,85,408 मीट्रिक टन कवर्ड
  • 12,31,896 मीट्रिक टन कैपिंग

स्टेट एजेंसियों का स्टॉक

  • 10,53,159 मीट्रिक टन कवर्ड
  • 15,19,177 मीट्रिक टन कैपिंग

देश में खाद्यान को लेकर सरकारें और कुछ लापरवाह अधिकारी की अनदेखी की वजह से लाखों मीट्रिक टन अनाज बारिश में बर्बाद हो जाता है. नुकसान सिर्फ इतना ही नहीं इसके साथ हर साल अरबों रुपयों का राजस्व भी बह जाता है. और इतने बड़े गुनाह का कसूरवार किसी को भी नहीं ठहराया जाता है. यही वजह है कि अब ईटीवी भारत ने बीड़ा उठाया है. हमारी कोशिश है कि देश को खाद्यानों को सुरक्षित रखा जाए. ताकी देश को भुखमरी के दलदल में जाने से रोका जा सके.

हिसार: भूख. ये एक ऐसी जरूरत है जिसका एकमात्र समाधान खाना है. दुनिया भर के सैकड़ों देशों के लिए भुखमरी बड़ी समस्या है. और बेहद चौकाने वाला सच ये है कि भारत जैसे कृषि प्रधान देश में भी बड़ी संख्या में लोग भूख से मर रहे हैं. ऐसा नहीं है कि देश में अनाज का टोटा है या हम खाद्यान उत्पादन में पिछड़े हुए हैं. ऐसा सिर्फ इसलिए हो रहा है क्योंकि देश में फूड मैनेजमेंट लचर है. ईटीवी भारत 'ऑपरेशन गोदाम' के इस कड़ी में हम पहुंचे हैं हिसार जिले में जहां हमने गोदामों में स्टोर किए गए खाद्यानों के हालात को जानने की कोशिश की.

हिसार के अनाज गोदाम से ईटीवी भारत हरियाणा की विशेष रिपोर्ट

FCI के हिसार डिवीजन में हरियाणा के चरखी दादरी, भिवानी, सिरसा, फतेहाबाद और हिसार जिला शामिल है. FCI के पास चावल का फुल स्टॉप 569911 एमपी है जो टोटल कवर्ड में है. क्योंकि चावल को बाहर कैपिंग में नहीं रखा जा सकता. बता दें कि कवर्ड का मतलब वो आनाज होता है जो गोदामों के अंदर स्टोर किया गया है. कैपिंग शब्द का इस्तेमाल गोदाम के बाहर खुले में तिरपाल से ढ़के अनाज के लिए किया जाता है. मैनेजर मूवमेंट प्रदीप श्योराण ने बताया कि हिसार जिले में FCI के कुल स्टॉक में से 783 मीट्रिक टन ही खुले आसमान में तिरपाल से ढका हुआ है. जल्द ही इस स्टॉक की सप्लाई भी रेल मार्ग या सड़क मार्ग से की जाएगी. जिसके बाद कैपिंग में स्टॉक शून्य हो जाएगा.

पांचों जिले के लिए FCI की स्टोरेज क्षमता

  • 5,86,916 मीट्रिक टन कवर्ड (गोदाम)
  • 5,180 मीट्रिक टन कैपिंग (तिरपाल से ढका)

पांचों जिले का FCI के पास स्टॉक

  • 3,35,669 मीट्रिक टन कवर्ड
  • 783 मीट्रिक टन कैपिंग

हिसार जिले में क्या हैं हालात?
हिसार शहर में FCI के पास कोई भी स्टॉक कैपिंग में नहीं है बल्कि जो स्टॉक कैपिंग में है वह हिसार जिले के मंडलों में है. हिसार में पूरा स्टॉक गोदाम में लगा हुआ है. इसकी सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है. गोदाम में अनाज खराब ना हो इसके लिए फ्युमिगेशन किया गया है.

हिसार जिले में स्टेट एजेंसियों की क्षमता

  • 2,34,350 मीट्रिक टन कवर्ड
  • 16,550 मीट्रिक टन कैपिंग

हिसार जिले में स्टेट एजेंसियों का स्टॉक

  • 2,56,160 मीट्रिक टन कवर्ड
  • 1,64,659 मीट्रिक टन कैपिंग

स्टेट एजेंसियों ने किया क्षमता से अधिक कैपिंग
हिसार जिले में स्टेट एजेंसियों की स्टोरेज क्षमता और स्टॉक क्षमता में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए. यहां गोदामों में क्षमता से अधिक स्टॉक रखा हुआ है. ऐसा इसलिए नहीं है कि खुले में कैपिंग करने की बजाय गोदाम में सुरक्षित किया गया है बल्कि खुले में भी क्षमता से अधिक कैपिंग की गई है.

FCI की क्षमता

  • 22,86,642 मीट्रिक टन कवर्ड
  • 45,080 मीट्रिक टन कैपिंग

FCI का स्टॉक

  • 17,61,886 मीट्रिक टन कवर्ड
  • 32,332 मीट्रिक टन कैपिंग

बता दें गोदामों में चावल का स्टॉक भी रखा गया है. एफसीआई मैनेजर का कहना है कि हिसार में चावल का कुल स्टॉक कवर्ड क्षेत्र में रखा गया है. वहीं गोदाम में जगह की कमी की वजह से कुल 15 लाख 52 हजार 509 मीट्रिक टन अनाज बाहर तिरपाल में ढक दिया गया है.‬

राज्य एजेंसियों की क्षमता

  • 9,85,408 मीट्रिक टन कवर्ड
  • 12,31,896 मीट्रिक टन कैपिंग

स्टेट एजेंसियों का स्टॉक

  • 10,53,159 मीट्रिक टन कवर्ड
  • 15,19,177 मीट्रिक टन कैपिंग

देश में खाद्यान को लेकर सरकारें और कुछ लापरवाह अधिकारी की अनदेखी की वजह से लाखों मीट्रिक टन अनाज बारिश में बर्बाद हो जाता है. नुकसान सिर्फ इतना ही नहीं इसके साथ हर साल अरबों रुपयों का राजस्व भी बह जाता है. और इतने बड़े गुनाह का कसूरवार किसी को भी नहीं ठहराया जाता है. यही वजह है कि अब ईटीवी भारत ने बीड़ा उठाया है. हमारी कोशिश है कि देश को खाद्यानों को सुरक्षित रखा जाए. ताकी देश को भुखमरी के दलदल में जाने से रोका जा सके.

Intro:भारत के कृषि प्रधान देश होने के बावजूद भी प्रतिवर्ष भूख से मरने वालों का आंकड़ा बेहद चौंकाने वाला है। अन्नदाता की मेहनत से उगाए जाने वाले भरपूर अनाज के बावजूद ऐसी स्थिति क्यों है। क्या सरकार की तरफ से अनाज खरीदने के बाद उसके रखरखाव में लापरवाही के कारण अन्नदाता की मेहनत के बावजूद भूखे लोगों का पेट नहीं भर पाता और हजारों क्विंटल खाद्यान्न बेकार हो जाने के कारण जरूरतमंद लोगों की भूख नहीं मिटा पाता।

ईटीवी भारत के खास कार्यक्रम मिशन गोदाम के तहत एफसीआई हिसार डिवीजन के गोदाम का जायजा लिया गया। एफसीआई के हिसार डिवीजन में हरियाणा के चरखी दादरी, भिवानी, सिरसा, फतेहाबाद और हिसार जिला शामिल है।

हिसार जिले में एफसीआई की स्टोरेज क्षमता -

586916 एमटी कवर्ड (गोदाम)

5180 एमटी कैपिंग (तिरपाल से ढका)

एफसीआई के पास स्टॉक -

335669 एमटी कवर्ड

783 एमटी कैपिंग

एफसीआई के पास चावल का फुल स्टॉप 569911 एमपी है जो टोटल कवर्ड में है। क्योंकि चावल को बाहर कैपिंग में नहीं रखा जा सकता।

मैनेजर मूवमेंट प्रदीप श्योराण ने बताया कि हिसार जिले में एफसीआई के कुल स्टॉक में से 783 एमटी ही खुले आसमान में तिरपाल से ढका हुआ है। जल्द ही इस स्टॉक की सप्लाई भी रेल मार्ग या सड़क मार्ग से की जाएगी। जिसके बाद कैपिंग में स्टॉक शून्य हो जाएगा।

हिसार शहर में एफसीआई के पास कोई भी स्टॉक कैपिंग में नहीं है बल्कि जो स्टॉक कैपिंग में है वह हिसार जिले के मंडलों में है। हिसार में पूरा स्टॉक गोदाम में लगा हुआ है। इसकी सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है। गोदाम में अनाज खराब न हो इसके लिए फ़्यूमिगेशन किया गया है। एफसीआई मांग के अनुसार लगातार सड़क और रेल मार्ग से सप्लाई भी करता है जो शुरू हो चुकी है। यहीं से राजस्थान में भी सप्लाई होती है।

प्रदीप श्योराण ने बताया कि राज्य की सहयोगी एजेंसियों को भी समय समय पर फ़्यूमिगेशन करने के निर्देश दिए जाने के साथ साथ अधिकारियों की तरफ से इंस्पेक्शन भी किया जाता है।

हिसार जिले में स्टेट एजेंसियों की क्षमता

234350 एमटी कवर्ड

16550 एमटी कैपिंग

स्टेट एजेंसियों का स्टॉक

256160 एमटी कवर्ड

164659 एमटी कैपिंग

हिसार जिले में स्टेट एजेंसियों की स्टोरेज क्षमता और स्टॉक क्षमता में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए। यहां गोदामों में क्षमता से अधिक स्टॉक रखा हुआ है। ऐसा इसलिए नहीं है कि खुले में कैपिंग करने की बजाय गोदाम में सुरक्षित किया गया है बल्कि खुले में भी क्षमता से अधिक कैपिंग की गई है। यह राज्य सरकार के अधीन एजेंसियों के गोदामों में कमी को दर्शाता है


Body:एफसीआई के डिविजनल ऑफिस जिसमें 5 जिले चरखी दादरी, भिवानी, सिरसा, फतेहाबाद और हिसार के आंकड़े इस प्रकार हैं

एफसीआई की क्षमता

2286642 एमटी कवर्ड

45080 एमटी कैपिंग

एफसीआई का स्टॉक

1761886 एमटी कवर्ड

32332 एमटी कैपिंग

राज्य एजेंसियों की क्षमता

985408 एमटी कवर्ड

1231896 एमटी कैपिंग

स्टेट एजेंसियों का स्टॉक

1053159 एमटी कवर्ड

1519177 एमटी कैपिंग


गौरतलब है कि राज्य की एजेंसियों ने क्षमता से अधिक गेहूं का स्टॉक रखा है। गोदाम हो या बाहर सभी जगह क्षमता से अधिक स्टॉक सभी 5 जिलों में रखा गया है। गोदामों में रखे गए स्टॉक को कीड़ों आदि से बचाने के लिए समय-समय पर फ्यूमिगेशन किया जाता है। वही बाहर रखे गए स्टॉक को तिरपाल से ढककर ऊंचे स्थान पर रखा गया है, ताकि मानसून के मौसम में पानी और नमी से बचाया जा सके। समय-समय पर अधिकारियों द्वारा स्टॉक का जायजा लिया जाता है और आवश्यक निर्देश कर्मचारियों को दिए जाते हैं। बाहर कैपिंग किए गए अनाज की प्राथमिकता के आधार पर पहले सप्लाई की जाती है।

बाइट - प्रदीप श्योराण, एफसीआई मैनेजर मूवमेंट।


Conclusion:
Last Updated : Jul 16, 2019, 6:26 PM IST
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