हिसार: भूख. ये एक ऐसी जरूरत है जिसका एकमात्र समाधान खाना है. दुनिया भर के सैकड़ों देशों के लिए भुखमरी बड़ी समस्या है. और बेहद चौकाने वाला सच ये है कि भारत जैसे कृषि प्रधान देश में भी बड़ी संख्या में लोग भूख से मर रहे हैं. ऐसा नहीं है कि देश में अनाज का टोटा है या हम खाद्यान उत्पादन में पिछड़े हुए हैं. ऐसा सिर्फ इसलिए हो रहा है क्योंकि देश में फूड मैनेजमेंट लचर है. ईटीवी भारत 'ऑपरेशन गोदाम' के इस कड़ी में हम पहुंचे हैं हिसार जिले में जहां हमने गोदामों में स्टोर किए गए खाद्यानों के हालात को जानने की कोशिश की.
FCI के हिसार डिवीजन में हरियाणा के चरखी दादरी, भिवानी, सिरसा, फतेहाबाद और हिसार जिला शामिल है. FCI के पास चावल का फुल स्टॉप 569911 एमपी है जो टोटल कवर्ड में है. क्योंकि चावल को बाहर कैपिंग में नहीं रखा जा सकता. बता दें कि कवर्ड का मतलब वो आनाज होता है जो गोदामों के अंदर स्टोर किया गया है. कैपिंग शब्द का इस्तेमाल गोदाम के बाहर खुले में तिरपाल से ढ़के अनाज के लिए किया जाता है. मैनेजर मूवमेंट प्रदीप श्योराण ने बताया कि हिसार जिले में FCI के कुल स्टॉक में से 783 मीट्रिक टन ही खुले आसमान में तिरपाल से ढका हुआ है. जल्द ही इस स्टॉक की सप्लाई भी रेल मार्ग या सड़क मार्ग से की जाएगी. जिसके बाद कैपिंग में स्टॉक शून्य हो जाएगा.
पांचों जिले के लिए FCI की स्टोरेज क्षमता
- 5,86,916 मीट्रिक टन कवर्ड (गोदाम)
- 5,180 मीट्रिक टन कैपिंग (तिरपाल से ढका)
पांचों जिले का FCI के पास स्टॉक
- 3,35,669 मीट्रिक टन कवर्ड
- 783 मीट्रिक टन कैपिंग
हिसार जिले में क्या हैं हालात?
हिसार शहर में FCI के पास कोई भी स्टॉक कैपिंग में नहीं है बल्कि जो स्टॉक कैपिंग में है वह हिसार जिले के मंडलों में है. हिसार में पूरा स्टॉक गोदाम में लगा हुआ है. इसकी सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है. गोदाम में अनाज खराब ना हो इसके लिए फ्युमिगेशन किया गया है.
हिसार जिले में स्टेट एजेंसियों की क्षमता
- 2,34,350 मीट्रिक टन कवर्ड
- 16,550 मीट्रिक टन कैपिंग
हिसार जिले में स्टेट एजेंसियों का स्टॉक
- 2,56,160 मीट्रिक टन कवर्ड
- 1,64,659 मीट्रिक टन कैपिंग
स्टेट एजेंसियों ने किया क्षमता से अधिक कैपिंग
हिसार जिले में स्टेट एजेंसियों की स्टोरेज क्षमता और स्टॉक क्षमता में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए. यहां गोदामों में क्षमता से अधिक स्टॉक रखा हुआ है. ऐसा इसलिए नहीं है कि खुले में कैपिंग करने की बजाय गोदाम में सुरक्षित किया गया है बल्कि खुले में भी क्षमता से अधिक कैपिंग की गई है.
FCI की क्षमता
- 22,86,642 मीट्रिक टन कवर्ड
- 45,080 मीट्रिक टन कैपिंग
FCI का स्टॉक
- 17,61,886 मीट्रिक टन कवर्ड
- 32,332 मीट्रिक टन कैपिंग
बता दें गोदामों में चावल का स्टॉक भी रखा गया है. एफसीआई मैनेजर का कहना है कि हिसार में चावल का कुल स्टॉक कवर्ड क्षेत्र में रखा गया है. वहीं गोदाम में जगह की कमी की वजह से कुल 15 लाख 52 हजार 509 मीट्रिक टन अनाज बाहर तिरपाल में ढक दिया गया है.
राज्य एजेंसियों की क्षमता
- 9,85,408 मीट्रिक टन कवर्ड
- 12,31,896 मीट्रिक टन कैपिंग
स्टेट एजेंसियों का स्टॉक
- 10,53,159 मीट्रिक टन कवर्ड
- 15,19,177 मीट्रिक टन कैपिंग
देश में खाद्यान को लेकर सरकारें और कुछ लापरवाह अधिकारी की अनदेखी की वजह से लाखों मीट्रिक टन अनाज बारिश में बर्बाद हो जाता है. नुकसान सिर्फ इतना ही नहीं इसके साथ हर साल अरबों रुपयों का राजस्व भी बह जाता है. और इतने बड़े गुनाह का कसूरवार किसी को भी नहीं ठहराया जाता है. यही वजह है कि अब ईटीवी भारत ने बीड़ा उठाया है. हमारी कोशिश है कि देश को खाद्यानों को सुरक्षित रखा जाए. ताकी देश को भुखमरी के दलदल में जाने से रोका जा सके.