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सोहना: दिल्ली से ट्रक में बिहार जा रहे मजदूरों को चालक ने बीच रास्ते में ही छोड़ा

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Published : May 17, 2020, 10:43 AM IST

दिल्ली के नरेला से बिहार के समस्तीपुर के लिए अवैध रूप से ट्रक बुक करके जा रहे श्रमिकों को ट्रक चालक ने बीच रास्ते में छोड़ दिया. जिसके बाद सोहना के घासेड़ा गांव के सरपंच ने श्रमिकों को तावडू के शेल्टर होम में भिजवाया.

सोहना
सोहना मजदूर

गुरुग्राम: लॉकडाउन के बीच अपने घर और राज्य जाने के चक्कर में प्रवासी मजदूर रोज किसी ना किसी परेशानी का शिकार हो रहे हैं. ताजा मामला दिल्ली में नरेला के शाहपुर गांव से बिहार के समस्तीपुर जा रहे 39 प्रवासी मजदूरों का है, जिन्हें ट्रक चालक द्वारा बीच रास्ते में सोहना के एक गांव में छोड़ दिया गया.

बिहार जाने के लिए दिल्ली से ट्रक किया बुक

ट्रक चालक ने मजदूरों से किराए की एवज में 2000 रुपये प्रति व्यक्ति लिए थे. पीड़ित प्रवासी मजदूरों ने बताया कि दिल्ली में मेहनत मजदूरी का काम कर अपना गुजारा कर रहे थे. लॉकडाउन के कारण काम बंद हो गया और सभी दिल्ली में फंस गए. काम धंधा ठप हो जाने के कारण सभी मजदूर आर्थिक रूप से तंग हो गए.

ये भी पढ़ें- पुलिस से बचकर खेतों और जंगलों के रास्ते से पैदल घर जाने को मजबूर प्रवासी मजदूर

सभी मजदूर किसी भी तरह अपने घर जाना चाह रहे थे, जिसके लिए एक ट्रक चालक से संपर्क कर उसके ट्रक को दिल्ली नरेला के गांव शाहपुर से बिहार के समस्तीपुर के लिए 2000 रुपये प्रति सवारी के हिसाब से बुक कर लिया. ट्रक चालक ने 16 मई की सुबह 2 बजे सभी मजदूरों को ट्रक में बैठा लिया. इसके बाद चालक ट्रक को लेकर चल दिया.

ट्रक चालक ने बीच रास्ते में ही उतारा

पीड़ित श्रमिकों के मुताबिक ट्रक चालक जब सोहना के घासेड़ा गांव पहुंचा तो ट्रक को रोक दिया और किराया मांगने लगा, तब मजदूर 2000 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से देने लगे. फिर ट्रक चालक ने रुपये लेने से मना कर दिया और 3000 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से मांगने लगा. जिस पर मजदूरों ने एतराज जताया. इस पर ट्रक चालक ने आगे जाने से मना कर दिया तो मजदूर ट्रक से उतर कर पैदल चल दिए.

इस बीच घासेड़ा गांव के प्रधान ने इन प्रवासी मजदूरों को देखकर ट्रक के पास पहुंचकर सारी बात सुनी. ग्राम प्रधान ने सभी मजदूरों को चाय पानी, खाना खिलाकर और केले देकर उनका रजिस्ट्रेशन कराकर बिहार भेजने का आश्वासन दिया. फिलहाल सभी श्रमिकों को तावडू शेल्टर होम भिजवा दिया गया है. नोडल अधिकारी रमेश मलिक ने सभी मजदूरों की कागजी कार्रवाई कर रहने, खाने-पीने की सभी व्यवस्था कर उच्च अधिकारी को जानकारी दे दी है.

ये भी पढ़ें- गुरुग्राम रेलवे स्टेशन से कुछ ऐसी यादें लेकर बिहार रवाना हुए दृष्टिहीन बच्चे

गुरुग्राम: लॉकडाउन के बीच अपने घर और राज्य जाने के चक्कर में प्रवासी मजदूर रोज किसी ना किसी परेशानी का शिकार हो रहे हैं. ताजा मामला दिल्ली में नरेला के शाहपुर गांव से बिहार के समस्तीपुर जा रहे 39 प्रवासी मजदूरों का है, जिन्हें ट्रक चालक द्वारा बीच रास्ते में सोहना के एक गांव में छोड़ दिया गया.

बिहार जाने के लिए दिल्ली से ट्रक किया बुक

ट्रक चालक ने मजदूरों से किराए की एवज में 2000 रुपये प्रति व्यक्ति लिए थे. पीड़ित प्रवासी मजदूरों ने बताया कि दिल्ली में मेहनत मजदूरी का काम कर अपना गुजारा कर रहे थे. लॉकडाउन के कारण काम बंद हो गया और सभी दिल्ली में फंस गए. काम धंधा ठप हो जाने के कारण सभी मजदूर आर्थिक रूप से तंग हो गए.

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सभी मजदूर किसी भी तरह अपने घर जाना चाह रहे थे, जिसके लिए एक ट्रक चालक से संपर्क कर उसके ट्रक को दिल्ली नरेला के गांव शाहपुर से बिहार के समस्तीपुर के लिए 2000 रुपये प्रति सवारी के हिसाब से बुक कर लिया. ट्रक चालक ने 16 मई की सुबह 2 बजे सभी मजदूरों को ट्रक में बैठा लिया. इसके बाद चालक ट्रक को लेकर चल दिया.

ट्रक चालक ने बीच रास्ते में ही उतारा

पीड़ित श्रमिकों के मुताबिक ट्रक चालक जब सोहना के घासेड़ा गांव पहुंचा तो ट्रक को रोक दिया और किराया मांगने लगा, तब मजदूर 2000 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से देने लगे. फिर ट्रक चालक ने रुपये लेने से मना कर दिया और 3000 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से मांगने लगा. जिस पर मजदूरों ने एतराज जताया. इस पर ट्रक चालक ने आगे जाने से मना कर दिया तो मजदूर ट्रक से उतर कर पैदल चल दिए.

इस बीच घासेड़ा गांव के प्रधान ने इन प्रवासी मजदूरों को देखकर ट्रक के पास पहुंचकर सारी बात सुनी. ग्राम प्रधान ने सभी मजदूरों को चाय पानी, खाना खिलाकर और केले देकर उनका रजिस्ट्रेशन कराकर बिहार भेजने का आश्वासन दिया. फिलहाल सभी श्रमिकों को तावडू शेल्टर होम भिजवा दिया गया है. नोडल अधिकारी रमेश मलिक ने सभी मजदूरों की कागजी कार्रवाई कर रहने, खाने-पीने की सभी व्यवस्था कर उच्च अधिकारी को जानकारी दे दी है.

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